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टेक्नोलॉजी

Merger Deal: कैंसिल हो सकता है Zee और Sony सोनी का मर्जर,जाने वज़ह


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नई दिल्लीः सोनी अब जी एंटरटेनमेंट के साथ अपनी इंडियन यूनिट के विलय समझौते को कैंसिल करने की योजना बना रही है। आज यानी 8 जनवरी, सोमवार को ब्लूमबर्ग ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। सोनी ग्रुप कॉर्प और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के पास इस मर्जर को बंद करने के लिए एक महीने का ग्रेस पीरियड है।

इस मर्जर से देश की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनी बनती

2021 में जी ने जापान के सोनी कॉर्प की सहायक कंपनी सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय की घोषणा की थी, लेकिन क्रेडिटर्स की आपत्तियों सहित अन्य कारणों से ये विलय पूरा नहीं पाया है। इस मर्जर से 10 बिलियन डॉलर (करीब 83 हजार करोड़ रुपए) की कंपनी बनती। 24% से ज्यादा व्यूअरशिप के साथ जी+सोनी देश का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट नेटवर्क होता।

सोनी नहीं चाहता, पुनीत गोयनका CEO बने

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में जब एग्रीमेंट साइन किया गया था, तब यह तय हुआ था कि पुनीत गोयनका मर्जर के बाद बनी इस नई कंपनी को लीड करेंगे। सोनी ग्रुप कॉर्प दो साल के इंतजार और 10 अरब डॉलर की मीडिया दिग्गज कंपनी बनाने में देरी को देखते हुए Zee एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ अपनी मर्जर डील को कैंसिल कर सकता है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, सोनी Zee के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पुनित गोयनका को रेग्युलेटरी जांच के चलते नई कंपनी में इस पद पर नहीं देखना चाहती है इसलिए सोनी डील को आगे बढ़ाना नहीं चाहती है. जबकि 2021 में हस्ताक्षरित समझौता यह था कि गोयनका नई कंपनी का नेतृत्व करेंगे. पुनित Zee के संस्थापक सुभाष चंद्रा के बेटे हैं.लेकिन सोनी अब नियामक जांच के कारण नहीं चाहता कि वो कंपनी के CEO बने। पुनीत गोयनका जी ग्रुप के फाउंड सुभाष च्रंदा के बेटे और जी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर है।

डील न होने पर क्या होगा

नेतृत्व की लड़ाई के चलते डील में रुकावट Zee को संभावित डिफॉल्ट्स की और धकेल सकती है. यह ऐसे समय में हो रहा है जब मुकेश अंबानी वॉल्ट डिज्नी कंपनी की भारतीय यूनिट के साथ विलय पर बातचीत करके रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की मीडिया यूनिट को बढ़ावा देना चाह रहे हैं.

कंपनी को मिलता बड़ा और डायवर्स ऑडियंस बेस

सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया लंबे समय से इंडियन टेलीविजन इंडस्ट्री में हैं। कंपनी ने भारत में 1995 में अपना पहला टीवी चैनल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन लॉन्च किया था। कंपनी अपने बिजनेस को बहुत ज्यादा एक्सपेंड नहीं कर पा रही थी।वहीं ZEEL ने अपना पहला चैनल जी टीवी 2 अक्टूबर 1992 को लॉन्च किया था। ZEEL पर लंबे समय से एस्सेल ग्रुप का कंट्रोल था, लेकिन एस्सेल पर अपने खुद के 2.4 अरब डॉलर (17,000 करोड़ रुपए) के कर्ज का बोझ था।

    समय सीमा एक महीने तक बढ़ाने का अनुरोध किया

    Sony-Zee विलय का लक्ष्य ग्लोबल पावरहाउस नेटफ्लिक्स और अमेजन.कॉम इंक के साथ-साथ रिलायंस जैसे स्थानीय दिग्गजों को टक्कर देने के लिए 10 अरब डॉलर की मीडिया कंपनी खड़ी करनी थी. इस डील को लेकर Zee ने पहले 21 दिसंबर की समय सीमा को एक महीने तक बढ़ाने का अनुरोध किया था. सोनी ने तब कहा कि वह “शेष महत्वपूर्ण समापन शर्तों” को पूरा करने पर Zee के प्रस्तावों को सुनना चाहता था.ऐसे में इस मर्जर से दोनों कंपनियों को बड़ा और डायवर्स ऑडियंस बेस मिलता।

    डील कैंसिल होने से जी डिफॉल्ट कर सकता है

    अंतिम दौर में नेतृत्व की लड़ाई के कारण डील कैंसिल होने से जी को डिफॉल्ट का सामना करना पड़ सकता है। वहीं इस डील के कैंसिल होने का फायदा मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप को मिल सकता है। रिलायंस ग्रुप की डिज्नी की इंडियन यूनिट के साथ मर्जर पर बातचीत चल रही है।

    Zee पर क्या आरोप

    भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने जून में आरोप लगाया कि Zee ने अपने संस्थापक सुभाष चंद्रा की निजी फाइनेंशियल डील्स को कवर करने के लिए लोन्स की फर्जी वसूली की. सेबी ने एक आदेश में गोयनका पर लिस्टेड कंपनियों में एग्जिक्यूटिव या डायरेक्टर पद जैसे बड़े पदों की नियुक्ति पर रूक लगाते हुए कहा, कि चंद्रा और उनके बेटे पुनीत ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फंड्स में हेराफेरी की है.गोयनका को सेबी के आदेश के खिलाफ अपीलीय प्राधिकारी से राहत मिल गई, लेकिन सोनी चल रही जांच को कॉर्पोरेट प्रशासन के मुद्दे के रूप में देख रहा है. 2021 के समझौते के अनुसार, मर्ज की गई मीडिया फर्म में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया प्रा. की 50.86% हिस्सेदारी होगी और प्रस्तावित लेनदेन में गोयनका परिवार की 3.99% हिस्सेदारी होगी. प्रस्तावित विलय को लगभग सभी रेग्युलेटरी अप्रूवल्स प्राप्त हो गए हैं.

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