Vidya Balan Birthday: विद्या बालन पर लगा था मनहूस टैग,अपने दम पर फिल्म हिट कराने वाली एक्ट्रेस
मुंबई – हिंदी सिनेमा की टॉप एक्ट्रेस विद्या बालन का जन्मदिन 1 जनवरी होता है. विद्या बालन आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. उन्होंने अपने दम पर बॉलीवुड में ऊंचा मुकाम हासिल किया है. आज के समय में विद्या बालन अपने दम पर फिल्म को हिट करा सकती हैं लेकिन एक समय था जब वह एक्टिंग के लिए संघर्ष कर रही थीं. एक समय था जब उन्हें मनहूस का टैग दिया था.
विद्या बालन का 45वां बर्थडे
आज विद्या बालन का 45वां बर्थडे है। 40 फिल्मों का हिस्सा रहीं विद्या का नाम आज टाॅप एक्ट्रेसेस की लिस्ट में शामिल है, मगर एक वक्त ऐसा था कि उन्हें 12 फिल्मों से मनहूस कहकर निकाल दिया गया था.ज्यादातर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने से कतराते थे.ऐसे में विद्या के पास रोने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था। मां उनकी खराब हालत देखकर भगवान से एक फिल्म की गुहार लगाती थीं.डायरेक्टर प्रदीप सरकार और प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा ने उनके टैलेंट को पहचाना और फिल्म परिणीता में उन्हें जगह दी.इसके बाद तो विद्या का करियर चल पड़ा. हालांकि इस सफर में भी उतार-चढ़ाव बना रहा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
मनहूस का टैग
बॉलीवुड में काम करने से पहले विद्या बालन ने एक मलयालम फिल्म में काम किया था, लेकिन किसी वजह से फिल्म बंद हो गई. फिल्म बंद होने का जिम्मेदार एक्ट्रेस को बताया. इतना ही डायरेक्टर उन्हें मनहूस का टैग भी दे दिया था. जब विद्या ने इस फिल्म में काम करना शुरू किया था उनके हाथ 12 फिल्में लगी थीं. लेकिन जब मलयालम फिल्म बंद हुई तो उनके हाथ से 12 फिल्म निकल गई.
अपने दम पर दी कई हिट फिल्में
विद्या बालन हिंदी सिनेमा अपने दम पर फिल्म हिट कराने के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने अपने अभिनय न केवल दर्शकों बल्कि फिल्म मेकर्स का भी नजरिया बदला है. फिल्म द डर्टी पिक्चर से लेकर तुम्हारी सुलू में उन्होंने अपने अभिनय से साबित किया है कि फिल्म को हिट कराने के लिए सुपरस्टार की जरूरत नहीं है.
मां नहीं चाहती थीं एक्ट्रेस बनें
आज से ठीक 44 साल पहले मुंबई में रहने वाले एक तमिल ब्राह्मण परिवार में एक लड़की का जन्म हुआ.पिता पी.आर. बालन और मां सरस्वती ने उस लड़की का नाम विद्या बालन रखा. पिता ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट में कार्यरत थे और मां गृहिणी थीं।
छोटी विद्या स्कूल के दिनों से ही एक्ट्रेस बनने का ख्वाब देखने लगी थीं, पर परिवार में दूर-दूर तक कोई इस फील्ड से नहीं जुड़ा था। हालांकि पिता उनके इस फैसले को पूरी तरह से सपोर्ट करते थे.उनका कहना था कि वो ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ही किसी दूसरी चीज पर फोकस करें, मगर मां को यह काम पसंद नहीं था.वो हमेशा विद्या के पिता से कहती थीं- आप क्यों नहीं इसे ऐसा करने से रोकते हैं.साउथ इंडियन लड़की को यह काम शोभा नहीं देता.