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लाइफस्टाइल

पेरेंट्स को क्यों इग्नोर करने लगते हैं बच्चे,जान ले वजह भी


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नई दिल्ली – हर पेरेंट्स को यह बात मान लेनी चाहिए के बच्चे के बड़े होने के साथ-साथ उनका व्यवहार भी बदलने लग जाता है। उसके बदलाव के साथ-साथ पेरेंट्स को भी बदलना पड़ता है और जो पेरेंट्स ऐसा करने में फेल हो जाते हैं तो उनके बच्चे उन्हें इग्नोर कर देते हैं। हालांकि, कई बार माता पिता के लिए अपने बच्चे के बदलते व्यवहार के साथ बदलाव करना मुश्किल हो जाता है और इस कारण से वे कई ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे उनके बच्चे के व्यवहार में उनके लिए काफी बदलाव आ जाता है। हालांकि, अगर समय रहते कुछ बातों का ध्यान रखा जाए और कुछ गलतियां न की जाए तो बच्चे के व्यवहार में बदलाव होने से रोका जा सकता है और बच्चे अपने पेरेंट्स को इग्नोर नहीं करते हैं।

बच्चे से जिद्द करना

अगर आप अपने बच्चे से हर बाद जबरदस्ती मनवाने की कोशिश करते हैं या फिर किसी भी चीज पर उससे जिद करते हैं, तो यह आपकी एक बड़ी गलती होगी। अगर बच्चा कुछ गलत कर रहा है, तो उसे समझाएं लेकिन अगर आप जिद करके कोई काम कराना चाहते हैं, तो इससे बच्चे के व्यवहार पर काफी असर पड़ता है और बच्चा आपको इग्नोर करना लग जाता है।

बच्चे की तुलना करना

पेरेंट्स के द्वारा अक्सर की जाने वाली सबसे बड़ी गलतियों में से एक अपने ही बच्चे की तुलना करना भी है। अगर आप अपने ही दो बच्चों की एक दूसरे के साथ तुलना कर रहे हैं या फिर किसी दूसरे बच्चे के साथ अपने बच्चे की तुलना कर रहे हैं, तो इससे बच्चा मानसिक रूप से प्रभावित हो सकता है। इस कारण से भी बच्चे कई बार अपने पेरेंट्स को इग्नोर करना शुरू कर देते हैं।

जरूरत से ज्यादा सीमाएं बनाना

लिमिट बच्चे के लिए जरूरी हैं लेकिन कई बार पेरेंट्स जरूरत से ज्यादा सेंसिटिव हो जाते है और बच्चे के लिए ज्यादा लिमिट सेट कर देते हैं। ऐसा करने से भी बच्चे के दिमाग में अपने ही पेरेंट्स के लिए नकारात्मक विचार आने लगते हैं और वह धीरे-धीरे उनकी बातों को नजरअंदाज करना शुरू कर देते है। इसलिए पेरेंट्स को सोच समझकर ही बच्चों के लिए लिमिट सेट करनी चाहिए।

खुशी से और पॉजिटिविटी के साथ

आपको सुबह सबसे पहले अपने बच्‍चे से प्‍यार से बात करनी चाहिए। जब भी आप दिन में सबसे पहली बार अपने बच्‍चे से इंटरैक्‍ट करें, तो प्‍यार से, खुशी से और पॉजिटिविटी के साथ करें। आपकी छोटी-सी मुस्‍कान भी उसे पॉजिटिविटी दे सकती है।इस छोटी-सी आदत से आप दोनों का रिश्‍ता खूबसूरत होगा और बच्‍चा जब भी सोकर उठेगा, वो सबसे पहले आपके पास आना चाहेगा।

गुस्‍सा आने पर क्‍या करें

बच्‍चों की शैतानी पर जब भी हमें गुस्‍सा आता है तो हम चिल्‍ला पड़ते हैं। गुस्‍से में आप कुछ गलत बातें भी बोल जाते हैं जो बच्‍चे के मन को दुखा सकती हैं। गुस्‍सा आने पर एक कदम पीछे खींच लें, अपने बच्‍चे से दूर कहीं देखें और कुछ गहरी सांसें लें। इस तरह आप पहले खुद को शांत कर सकते हैं और फिर सिचुएशन को संभाल सकते हैं।

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