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चीन के गांसु में भूकंप से मचा हाहाकार,मलबे का ढेर बन गईं ऊंची-ऊंची इमारतें


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नई दिल्लीः चीन में देर रात आए भूकंप के तेज झटकों के चलते कम से कम 110 लोगों की मौत हो गई है। 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी खबर है। सोमवार देर रात उत्तर पश्चिमी चीन में भूकंप के ये झटके आए। चीन के स्टेट मीडिया शिन्हुआ के अनुसार, चीन के गांसु प्रांत में सोमवार देर शाम आए भूकंप के बाद स्थानीय आपातकालीन प्रबंधन और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों सहित बचाव कर्मियों की तैनाती की गई है।

मलबे का ढेर बन गईं ऊंची-ऊंची इमारतें

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) का कहना है कि रिएक्ट्र स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.9 और गहराई 10 किमी (छह मील) थी। भूकंप से गांसु और किंघई प्रांत में इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा। इमारतों के मलबे से लोगों को निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अधिकारियों को जारी एक बयान में कहा है कि खोज और बचाव, घायलों का समय पर इलाज करने और प्रभावितों की मदद के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

कई इमारतें ध्वस्त

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के गांसु प्रांत में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 111 हो गई है। वहीं, 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।भूकंप की तीव्रता इतनी तेज रही कि कई इमारतें ध्वस्त होने की खबर सामने आई है। इमारतें ध्व्स्त होने की वजह से कई लोग मलबे में दब गए। वहीं, किंघई प्रांत में मिन्हे काउंटी और झुनहुआ सालार स्वायत्त काउंटी में दो लोगों की मौत हो गई है।एस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप का केंद्र चीन के लान्झू से 102 किमी दक्षिण पश्चिम में छह मील की गहराई पर था।

गांसु में ही हो चुकी 100 मौतें

सरकारी मीडिया एजेंसी शिन्हुआ का कहना है कि गांसु में भूकंप ने ज्यादा तबाही मचाई है। गांसु में 100 लोग मारे गए और 96 घायल हो गए, जबकि किंघई में 10 और लोग मारे गए और 124 घायल हो गए। भूकंप के बाद बचावकर्मी ढही हुई इमारतों के मलबे को साफ कर रहे हैं, जिससे इनमें दबे लोगों को निकाला जा सके। चीनी सरकार ने स्थानीय आपातकालीन कर्मियों की सहायता के लिए बचावकर्मियों की टीमें भेजी हैं। भूकंप के बाद क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। जिससे परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।

चीन भूकंप के लिहाज से संवदेशनशील

चीन एक ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहां कई टेक्टोनिक प्लेटें- विशेष रूप से यूरेशियन, भारतीय और प्रशांत प्लेटें मिलती हैं। इसके चलते चीन भूकंप के लिहाज से संवदेशनशील है। यहां विशेष रूप से भूकंप का खतरा बना रहता है। पिछले सितंबर में चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में 6.6 तीव्रता का भूकंप आने से 60 से अधिक लोग मारे गए थे।

राहत कार्य शुरू, बाचव दल मौके पर मुस्तैद, राष्ट्रपति ने दिए निर्देश

एक सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, गांसु की राजधानी लान्झू में भूकंप के झटके महसूस होते ही विश्वविद्यालय के छात्र अपने छात्रावासों से बाहर निकल आए। वहां हंगामा हो रहा था। चीनी मीडिया ने बताया कि रेस्क्यू दल मौके पर पहुंच गया है। बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। टेंट, फोल्डिंग बेड और रजाइयां मौके पर पहुंचाई जा रही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ उन्होंने मृतकों की संख्या कम करने के लिए उपाय करने के भी निर्देश दिए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है, जहां उनका इलाज जारी है।भूकंप के बाद मंगलवार तड़के से बचाव कार्य जारी है चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि लोगों की जान बचाने और भूकंप से प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने की पूरी कोशिश की जाए।

भूकंप से बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर को हुआ नुकसान

चीन के CCTV न्यूज के मुताबिक भूकंप के कारण पानी और बिजली लाइनों को बड़ा नुकसान हुआ है। साथ ही ट्रैफिक और संचार भी टूट गया है। उधर, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रेस्क्यू टीमों से अपील की है कि भूकंप से हताहत लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कोशिश की जाए।भूकंप के बाद, रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए कुल 1,440 फायर फाइटर्स को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। इसके अलावा, गांसू और आसपास के प्रांतों से 1,603 फायर फाइटर्स को स्टैंडबाय पर रखा गया है।

चीन में अक्सर आते रहते हैं भूकंप

चीन में भूकंप आते रहते हैं। अगस्त में 2023 में पूर्वी चीन में 5.4 तीव्रता का हल्का भूकंप आया, जिसमें 23 लोग घायल हो गए और दर्जनों इमारतें ढह गईं थीं। सितंबर 2022 में भी सिचुआन प्रांत में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें लगभग 100 लोग मारे गए थे।2008 में 7.9 तीव्रता के भूकंप में 87 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इनमें 5335 स्कूली बच्चे शामिल थे।

जानें भूकंप कैसे आता है?

हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं।ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। इससे जमीन में फॉल्ट लाइन्स बनती हैं।

ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।

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