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भारतीयों के बायकॉट ने मालदीव की उड़ाई धज्जियां,भारतीय टूरिस्ट की संख्या में भारी गिरावट


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नई दिल्लीः भारत और मालदीव के बीच रिश्ते मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ के नारे और चीन के साथ गलबहियों ने भारत के साथ संबंधों में तनाव को बढ़ा दिया है. इस बीच भारतीयों के मालदीव बायकॉट कैंपेन का असर मालदीव पर पड़ने लगा है. मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मालदीव जाने के मामले में भारतीय अब तीसरे से पांचवें नंबर पर आ गए हैं.हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव पर्यटन मंत्रालय के तीन हफ्तों के आंकड़ों में भारतीय यात्रियों का संख्या तीसरे नंबर से पांचवें नंबर पर आ गई है. माना जा रहा है कि मालदीव जाने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में आई कमी की मुख्य वजह दोनों देशों के बीच बीते कुछ समय में बना राजनयिक तनाव है.

भारतीय टूरिस्ट की संख्या में भारी गिरावट

अपने खूबसूरत बीच और लग्जरी टूरिज्म के लिए मशहूर मालदीव के पर्यटन क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। भारत के साथ विवाद के बीच छुट्टियों के दौरान मालदीव का रुख करने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में तेज गिरावट आई है। यहां के पर्यटन मंत्रालय के अनुसार तीन सप्ताह के मालदीव आने वाले पर्यटकों में भारतीय समूह तीसरे से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं, चीनी टूरिस्ट्स की संख्या बढ़ी है।

भारतीय पर्यटक घटे और चीनी बढ़े

जनवरी की शुरुआत में मालदीव के बायकॉट की मुहिम भारत के सोशल मीडिया पर चली थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच एक राजनयिक तनाव भी देखने को मिला। इस पूरे विवाद के लगभग एक महीने बाद अब मालदीव में टूरिस्ट के मामले में चीन भारत से आगे निकल गया है। मालदीव जाने वाले सबसे ज्यादा टूरिस्ट भारतीय होते थे। लेकिन अब बायकॉट का असर दिखाई दिया है। इसके अलावा नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन की यात्रा पर गए थे। भारतीयों के बायकॉट के डर से उन्होंने चीन से टूरिस्टों की संख्या बढ़ाने के लिए हाथ फैलाया था। चीन के टूरिस्ट की संख्या बढ़ी है। लेकिन यह अभी भी भारतीयों की भरपाई नहीं कर पा रही।

भारतीय पर्यटकों का हो रहा मोहभंग

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारतीय पर्यटक लंबे समय से मालदीव के पर्यटन क्षेत्र का प्रमुख हिस्सा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में मालदीव के पर्यटन बाजार का करीब 11 फीसदी हिस्सा भारतीय पर्यटकों का रहा था.बीती 2 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे और वहां के समुद्र तटों को लेकर की गई पोस्ट से छिड़े विवाद के बाद से भारतीय पर्यटकों के मालदीव जाने में गिरावट दर्ज की गई है.

तीसरे नंबर पर पहुंचा चीन

मालदीव के लिए भारतीय पर्यटक लंबे समय से महत्वपूर्ण रहे हैं। साल 2023 में मालदीव की टूरिज्म मार्केट में भारतीय पर्यटकों की हिस्सेदारी लगभग 11 प्रतिशत थी। यहां की टूरिज्म वेबसाइट के अनुसार 2024 की शुरुआत में भारत मालदीव के पर्यटन में तीसरे स्थान (7.1 प्रतिशत मार्केट शेयर) पर था। वहीं, चीन टॉप 10 में भी शामिल नहीं था। लेकिन अब भारत जहां पांचवें स्थान पर है तो चीन तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। चीन के बाद चौथे स्थान पर यूनाइटेड किंगडम का नाम आता है।

टॉप 10 लिस्ट में 5वें पर पहुंचा भारत

मालदीव में टूरिस्ट की संख्या में भारत अभी तक टॉप पर था, वह खिसक कर दूसरे या तीसरे नहीं बल्कि पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। वहीं टूरिस्ट की संख्या बढ़ने के बावजूद चीन अभी तीसरे नंबर पर ही है। सोमवार को मालदीव के पर्यटन मंत्रालय की ओर से आंकड़े जारी किए गए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि मालदीव में चीनी टूरिस्ट की संख्या 21 जनवरी को भारत से आगे निकल गई। पिछले साल मालदीव में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की रही है।

पहले टॉप 10 की लिस्ट में भी नहीं था चीन

मालदीव पर्यटन वेबसाइट के अनुसार, भारत ने 2024 की शुरुआत 7.1 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ उसके पर्यटन में तीसरे सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में की थी, जबकि चीन टॉप 10 बाजारों की सूची में भी नहीं था.हालांकि, राजनयिक तनाव के ये आंकड़ा बहुत तेजी में बदला. 28 जनवरी तक मालदीव पर्यटन में भारत की बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत पर ही रही, लेकिन चीन और ब्रिटेन उससे आगे निकलकर तीसरे और चौथे स्थान पर पहुंच गए.

मालदीव में अब किसकी कितनी संख्या

साल 2023 में 31 दिसंबर तक मालदीव के पर्यटन में भारतीयों की हिस्सेदारी 11.1 फीसदी थी। इसके बाद रूस दूसरे नंबर पर था। चीन 10 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर था। 3 जनवरी को जारी किए गए आंकड़ों में चीन टॉप-10 में भी नहीं था। हालांकि 2024 में 13 जनवरी तक भारत 8.1 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गया। तब चीन छठे स्थान पर था। मुइज्जू की बीजिंग यात्रा के बाद 21 जनवरी तक चीन चौथे स्थान पर पहुंच गया। वहीं भारत खिसक कर पांचवें पर पहुंच गया। 28 जनवरी के डेटा के मुताबिक चीन 9.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है।

क्या था विवाद?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर की गई सोशल मीडिया पोस्ट को मालदीव के विकल्प के तौर पर देखा गया. मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार के तीन जूनियर मंत्रियों ने इसे लेकर पीएम मोदी और भारत का मजाक उड़ाते हुए आपत्तिजनक बयान दिए.इन बयानों ने भारत में मालदीव के खिलाफ माहौल बनाया और सोशल मीडिया पर उसका बायकॉट किए जाने की बात होने लगी. कई लोगों ने और ईजमाईट्रिप नाम की एक पर्यटन वेबसाइट ने मालदीव जाने की फ्लाइट्स की बुकिंग रद्द कर दीं. हालांकि, बाद में मालदीव के मंत्रियों ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दीं और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया.इसके बावजूद ये मामला अभी तक थमा नहीं है. मालदीव के पर्यटन उद्योग से जुड़े कई संगठन लगातार भारत से अपील कर रहे हैं कि दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को खत्म करते हुए हालात सामान्य किए जाएं.

क्यों हुआ मालदीव का बायकॉट

जनवरी 2024 में पीएम मोदी लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे। उन्होंने यहां की कुछ तस्वीरें शेयर की थीं। इसे देख कर कुछ लोगों ने कहा कि मालदीव जाने से अच्छा है कि लक्षद्वीप जाया जाए। मालदीव के कुछ मंत्रियों को यह बिल्कुल भी पसंद नहीं आया और उन्होंने पीएम मोदी और भारत को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए। इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर मालदीव के बायकॉट की मुहिम चलाई। मालदीव में पिछले साल हुए चुनाव में मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति बने हैं। उन्होंने अपना पूरा चुनाव प्रचार भारत के विरोध में किया। इस समय मालदीव में एक भारत विरोधी सरकार है।

बनी हुई है तनाव की स्थिति

उल्लेखनीय है कि बीते कुछ समय से भारत और मालदीव के बीच गंभीर तनाव की स्थिति बनी हुई है। यह विवाद तब से चल रहा है जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप गए थे और लोगों से यहां घूमने आने की अपील की थी। इसे लेकर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार में कुछ मंत्रियों ने इस पर बेहद अभद्र और आपत्तिजनक पोस्ट किए थे। इसके बाद भारत में सोशल मीडिया पर मालदीव के विरोध में एक तेज लहर चलने लगी थी और इसका असर साफ देखने को मिला।इस दौरान बायकॉट मालदीव हैशटैग सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा था। बड़ी संख्या में भारतीय मालदीव की ट्रिप कैंसल करने लगे थे। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू का रुख भी भारत विरोधी है। एक ट्रैवल कंपनी ईजमाईट्रिप ने तो मालदीव के लिए फ्लाइट्स की बुकिंग ही बंद कर दी। कई सेलेब्रिटीज ने भी लोगों से अपील की है कि घूमने के लिए मालदीव जाने के बजाय भारत में ही खूबसूरत जगहों को एक्सप्लोर करें। इस विवाद के बीच लक्षद्वीप में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

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