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जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भूकंप,कारगिल समेत इन जगह महसूस हुए झटके


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नई दिल्ली – लद्दाख के कारगिल में सोमवार को 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में उसके झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 थी और यह भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजकर 48 मिनट पर आया.

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भूकंप

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भूकंप के तेज झटके लगे हैं। आलम यह रहा कि, दोनों प्रदेशों में 1 घंटे के भीतर दो-दो बार भूकंप आया।यानि एक घंटे में 4 बार धरती कांप गई।हालांकि, भूकंप में किसी तरह से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।वहीं राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता की जानकारी दी है।राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप का सबसे पहला झटका दोपहर 3 बजकर 48 मिनट पर लगा।इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता सबसे ज्यादा 5.5 रही।भूकंप का केंद्र लद्दाख का कारगिल क्षेत्र रहा.जबकि दूसरी बार भूकंप 4 बजकर 1 मिनट पर आया.इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.8 रही।वहीं इस भूकंप का केंद्र भी लद्दाख का कारगिल क्षेत्र रहा।

भूकंप का केंद्र जम्मू संभाग का जिला किश्तवाड़ रहा

तीसरा झटका चार बजकर एक मिनट पर दर्ज किया गया। इसकी तीव्रता 4.8 रही। चौथा झटका चार बजकर 18 मिनट पर लगा। इसकी तीव्रता 3.6 दर्ज की गई। तीसरे और चौथे भूकंप का केंद्र जम्मू संभाग का जिला किश्तवाड़ रहा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने ये जानकारी साझी की है। इसके चलते किसी तरह के जानमाल के नुकसान की फिलहाल सूचना नहीं मिली है। लोगों ने बताया कि उन्होंने दो बार झटके महसूस किए। पहले के मुकाबले दूसरा झटका कम तीव्र था। कई जगहों पर लोग अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए। कई लोगों ने तुरंत अपनों को फोन कर भूकंप के झटके महसूस होने की जानकारी साझी की और उनका हालचाल भी जाना।

2 दिसम्बर को भी लद्दाख में आया भूकंप

इससे पहले इसी महीने 2 दिसम्बर को भी लद्दाख में भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.7 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र लेह-लद्दाख रहा था। ज्ञात रहे कि, पिछले कुछ महीनों में भूकंप से कई बार भारत की धरती हिल चुकी है और यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। हालांकि, भूकंप से अब तक भारत में कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन दुनिया के अन्य हिस्से भूकंप से जानी-माली नुकसान उठा चुके हैं।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूकंप आने पर क्या करें?

भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।

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