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भारत नया इतिहास रचने की कदार पर: वैक्सीनेशन में 100 करोड़ डोज लगाने के करीब पहुंचा


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नई दिल्ली – कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान में भारत अगले हफ्ते 100 करोड़ टीके लगा देगा। ये भारत के लिए एक बहोत ही बड़ी उपलब्धि साबित होगी। टीकाकरण की जो रफ्तार है उससे थोड़े ही वक्त में भारत इस आंकड़े को हासिल कर लेगा। चीन के अलावा दुनिया के किसी भी देश की तुलना में भारत पहले ही वैक्सीन की अधिक डोज लोगों को लगा चुका है।

भारत में शुरुआत में वैक्सीन की सप्लाई में बाधा भी आई, ऐसे में 100 करोड़ डोज का लक्ष्य हासिल करना वाकेहि में काफी प्रशंसनीय है। 100 करोड़ डोज का टारगेट 275 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। अगर हम भारत के अब तक टीकाकरण अभियान पर नजर डालें तो यह उपलब्धि असाधारण लगती है। एक ऐसे देश में जहां कोरोना महामारी के फैलने तक वैक्सीन की दूर-दूर कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी, वहां एक साल में टीके बनाकर एक अरब डोज लगा देना आसान काम नहीं है।

10 महीने की अवधि में हर दिन भारत में 27 लाख डोज लोगों को लगाई गई। हर दिन लगाई जाने वाली वैक्सीन डोज की संख्या में बदलाव भी देखने को मिला। छह दिनों तक एक करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाई गई। 17 सितंबर को 2.18 करोड़ वैक्सीन डोज के साथ एक रिकॉर्ड बनाया गया। दूसरी वैक्सीनेशन के शुरुआती महीने जनवरी और फरवरी में कुछ दिन महज 50,000 वैक्सीन डोज ही लोगों को लगाई गई। 19 अक्टूबर की सुबह तक 98.63 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लोगों को लगाई गई है। करीब 70 करोड़ लोगों ने वैक्सीन लगवाई है। वहीं, 28.64 करोड़ से अधिक लोग फुली वैक्सीनेटेड है। भारत में वैक्सीन की पहली डोज 16 जनवरी को लगाई गई थी। भारत में अभी 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीके लगाए जा रहे है और इनकी जनसंख्या करीब 94 लाख है। इस तरह अभी तक करीब 70 प्रतिशत लोगों को पहली और लगभग 30 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है।

टीकाकरण को लेकर समाज के कुछ खास तबके में जारी भ्रम को दूर करने के लिए एक कोविड-गान को जारी करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा था की हमने 17 सितंबर को एक दिन में 2.5 करोड़ डोज लगाईं और अगले हफ्ते हम 100 करोड़ डोज के आंकड़ें तक पहुंच जाएंगे। आपको जानकर ख़ुशी होगी की किसी टीके को विकसित करने में आमतौर पर 5 से 10 साल का समय लगता है। परंतु, भारत ने न सिर्फ अतिशीघ्र कोरोना वायरस के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन विकसित की, बल्कि इसके लिए कच्ची सामग्री से लेकर कंपनी से लेकर टीका केंद्रों तक पहुंचाने की तत्काल व्यवस्था भी की।

वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लोगों को फुली वैक्सीनेटेड माना जाता है। ऐसे में फुली वैक्सीनेटेड आबादी के लिहाज से देखें तो चीन सबसे आगे है। यहां पर 71 फीसदी व्यस्क आबादी को दोनों डोज लगी है, जबकि फ्रांस में ये 67 फीसदी, ब्रिटेन में 66 फीसदी, जर्मनी में 66 फीसदी और अमेरिका में 56 फीसदी लोगों को दोनों डोज लगी है। इस तरह फुली वैक्सीनेटेड लोगों की आबादी के मामले में ये देश टॉप 5 में शामिल है। भारत छठें स्थान पर है और यहां 30 फीसदी आबादी फुली वैक्सीनेटेड है।

देश में वैक्सीनेशन का आकलन करने पर चौंकाने वाले नतीजें सामने आये है। इसमें यूपी की स्थिति सबसे खराब है, जहां अधिकतर जिलों में 15 फीसदी से ज्यादा आबादी फुली वैक्सीनेटेड नहीं हो पाई है। सबसे कम वैक्सीनेशन वाले 100 जिलों में यूपी-बिहार के 47 जिले शामिल है। वैक्सीनेशन के मामले सबसे अच्छी रफ्तार वाले जिलों में यूपी का नोएडा शामिल है। गुरुग्राम (हरियाणा), किन्नौर (हिमाचल प्रदेश), कोलकाला (पश्चिम बंगाल), बेंगलुरू (कर्नाटक) और बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में सबसे अधिक वैक्सीनेशन हुआ है. वहीं, फिरोजपुर (पंजाब), रायबरेली (यूपी), संभल (यूपी), बदायूं (यूपी) और मुरादाबाद (यूपी) में सबसे कम वैक्सीनेशन हुआ है।

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