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सुशील मोदी का बड़ा तंज,लालू तिरुपति जाएं या मजार पर चादर चढ़ा लें, कोई फर्क पड़ने वाला नहीं’


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नई दिल्ली – मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में से तीन राज्यों में बीजेपी (BJP) के स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद विपक्ष ईवीएम को लेकर सवाल उठाने लगे हैं। वहीं, इस पर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने मंगलवार को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी हार के बाद वे (विपक्ष) ईवीएम सहित हर चीज पर सवाल उठाएंगे। अन्य विपक्षी दल हार के लिए कांग्रेस (Congress) पर आरोप लगा रहा है, लेकिन कांग्रेस, जेडीयू और समाजवादी पार्टी वैसे भी मध्य प्रदेश चुनाव हार जातीं, भले ही उन्होंने एक साथ चुनाव लड़ा होता. साथ लड़ने पर कांग्रेस की सीट और कम ही हो जाती।

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बन गई और जब उन्होंने आतंकी नुसरत जहाँ को बिहार की बेटी बताते हुए नरेंद्र भाई मोदी का विरोध किया, तब देश को 30साल बाद सबसे मजबूत भाजपा सरकार मिलीसुशील कुमार मोदी ने कहा कि देवगौड़ा काल के “किंग मेकर” लालू प्रसाद 2014 में ऐसे जोकर हो गए, जो न अपनी बेटी को लोकसभा का चुनाव जिता पाए और न 2019 के संसदीय चुनाव में पार्टी का खाता खुलवा पाए. आज वे भाजपा को बिहार में एक भी सीट जीतने न देने की बात कर किसको धोखा दे रहे हैं?

भ्रष्टाचार में गले तक डूबा लालू परिवार

भ्रष्टाचार में गले तक डूबा लालू परिवार अब भगवान तिरुपति के मंदिर हो आए या किसी मजार पर चादर चढ़ा ले, उनके अनर्गल बयानों का कोई असर होने वाला नहीं। लोग मोदी की गारंटी पर भरोसा कर राज्य की सभी 40 सीटों पर कमल खिलायेंगे.सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद की भ्रष्ट और परिवारवादी पार्टी को भाजपा ने 2010 के विधानसभा चुनाव पर मात्र 22 सीटों पर समेट दिया था। उनके पास विपक्ष का नेता-पद पाने की हैसियत नहीं थी.उन्होंने कहा कि जब बिहार को रोशनी की जगह आगजनी, राख और अँधेरा बाँटने वाली लालटेन बुझने वाली थी, तब नीतीश कुमार ने पलटी मार कर लालटेन की टंकी फुल कर दी। अब वे राज्य के विकास को फूँक कर सत्ता की आग सेंक रहे हैं।

कांग्रेस का हुआ बुरा हाल

आगे बीजेपी नेता ने कहा कि मैं तो मध्य प्रदेश गया था. वहां सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तस्वीर तक कमलनाथ ने नहीं लगावाई थी. कमलनाथ अकेले चुनाव चला रहे थे। कांग्रेस में किसी की इतनी हिम्मत हो जाए कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दरकिनार खुद चुनाव कैंपेन चला रहे थे मालूम हो गया कि उनकी हैसियत क्या है। कांग्रेस की हवा निकल चुकी है. महागठबंधन के लोग इतने डीमोलाइस्ड हो चुके हैं कि पांच महीने बाद वो बीजेपी से मुकाबला करने लायक नहीं रह जाएंगे।

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