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राजनीति

जिसके चक्कर में चली गई महुआ मोइत्रा की सांसदी वो दर्शन हीरानंदानी आखिरकार है कौन -जानें


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नई दिल्लीः कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी छिन गई है, उनकी संसद की सदस्यता रद्द हो गई है। कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा । उनपर आरोप लगा कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल किए। भाजपा के इन आरोपों को लेकर टीएमसी सांसद भड़क गईं और उन्होंन कहा कि वे इस मामले में किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं। महुआ ने कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को अदाणी मामले में जांच के बाद फुर्सत मिले तो वे उनके पास जांच करने आ सकते हैं।

कैश फॉर क्वेरी मामला

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया। लोकसभा के स्पीकर ओम बिला को लिखी चिट्ठी में दुबे ने कहा है कि टीएमसी सांसद एक बिजनेसमैन- दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेती हैं और इसके बाद सदन में सरकार से सवाल करती हैं। भाजपा सांसद ने कहा है कि महुआ मोइत्रा ने आईपीसी की धारा 120ए के तहत अपराध किया है और संसद में विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमाननना की है।आरोप लगा कि महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे। इस मामले में महुआ मोइत्रा बुरी तरह फंस गई। महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने के लिए लाए गए प्रस्ताव को ध्वनमित से पारित कर दिया गया है और इसके साथ रही उनकी सांसदी खत्म हो गई। बहस के दौरान बीजेपी सांसद हीना गावित कहा कि महुआ मोइत्रा ने अपने संसदीय इतिहास में कुल 61 सवाल किए , जिसमें से 50 बार दर्शन हीरानंदानी के सवाल पूछे हैं। महुआ ने खुद ही एथिक्स कमिटी के सामने माना कि उन्होंने हीरानंदानी को लॉग-इन, पासवर्ड दिए हैं। इस पूरे मामले में एक नाम जो बार-बार आया वो नाम है दर्शन हीरानंदानी। कौन हैं दर्शन हीरानंदानी ? क्या करते हैं और कैसे इस पूरे मामले से जुड़े हैं?

निशिकांत दुबे की चिट्ठी में क्या आरोप लगाए गए?

दरअसल, निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा से जुड़ी शिकायत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर एक वकील के शोध कार्य का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा के हालिया 61 सवालों में से 50 बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने के लिए पूछे। उनके सवाल अक्सर एक अन्य व्यापारिक समूह- अदाणी समूह पर भी केंद्रित रहे। दुबे का दावा है कि हीरानंदानी समूह अदाणी के खिलाफ व्यापारिक बोलियां लगा रहा था।

संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप

पत्र में निशिकांत ने लिखा है कि जब भी संसद सत्र होता है, महुआ मोइत्रा और वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत रॉय के नेतृत्व में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) की चिल्लाने वाली ब्रिगेड, किसी न किसी बहाने से हर किसी के साथ लगातार दुर्व्यवहार कर सदन की कार्यवाही को बाधित करने की आदत रखती है। हैरान करने वाली इस रणनीति के तहत महुआ अन्य सदस्यों के बहस करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं, जबकि अन्य सांसद आम लोगों के मुद्दों और सरकार की नीतियों पर चर्चा करना चाहते हैं।

आपराधिक साजिश में शामिल

निशिकांत ने लिखा है कि लोकसभा में प्रश्न पूछने के बदले एक व्यवसायी से धन जुटाने और दूसरे व्यावसायिक समूह को निशाना बनाने का कुत्सित प्रयास किया गया है। जानबूझकर किए गए ऐसे आचरण से स्पष्ट हो गया है महुआ मोइत्रा ‘नैतिकता’ का प्रदर्शन करती हैं, लेकिन वे खुद एक आपराधिक साजिश में शामिल हैं।

कौन हैं दर्शन हीरानंदानी?

इस पूरे मामले के बीच दर्शन हीरानंदानी का नाम बार-बार सामने आया है। दर्शन हीरानंदानी एक प्रमुख व्यापारी हैं और रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ हैं। वे हीरानंदानी ग्रुप के संस्थापक निरंजन हीरानंदानी के बेटे हैं। इस ग्रुप के पूरे भारत में कई निर्माण कार्य जारी हैं। यह ग्रुप अलग-अलग राज्यों में कंस्ट्रक्शन से लेकर वाणिज्यिक प्रॉपर्टी के लेनदेन, आईटी पार्क विकसित करने और टाउनशिप बनाने के प्रोजेक्ट्स से जुड़ा है।

रियल एस्टेट सेक्टर में उनका बड़ा नाम

दर्शन हीरानंदानी देश के बड़े कारोबारी हैं। रियल एस्टेट सेक्टर में उनका बड़ा नाम है। हीरानंदानी ग्रुप रियल एस्टेट कंपनी के सीईओ दर्शन हीरानंदानी का नाम कैश फॉर क्वेरी में महुआ मोइत्रा के साथ जुड़ा। दर्शन पर आरोप लगे कि उन्होंने अपनी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए महुआ मोइत्रा को पैसे दिए ताकि वो संसद में अडानी को लेकर सवाल करें। इस मामले में खुलासा होने के बागद उनका नाम सामने आया। दर्शन की कंपनी का अधिकतर कारोबार मुंबई में है। दर्शन के पिता निरंजन हीरानंदानी इस कंपनी के फाउंडर हैं। हीरानंदानी ग्रुप रेसिडेंशियल टाउनशिप से लेकर आईटी पार्क, बिजनेस पार्क, मॉल से अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से जुड़ी है।

दर्शन हीरानंदानी की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित रोशेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी.एस. और एमबीए की डिग्री हासिल की है। उनकी प्रोफाइल में कहा गया है कि दर्शन को ग्रुप के रियल एस्टेट बिजनेस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें और कई सेक्टर्स- जैसे डाटा सेंटर्स की स्थापना, क्लाउड कंप्यूटिंग, एनर्जी सेक्टर, औद्योगिक वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में कंपनी के कदम आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है।दर्शन की प्रोफाइल में कहा गया है कि उन्होंने तेज (TEZ) प्लेटफॉर्म्स की स्थापना की है। इसके अलावा वे योट्टा इन्फ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशन्स और ग्रीनबेस- इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक पार्क्स की भी शुरुआत कर चुके हैं।

विदेशों तक फैला कारोबार

कंपनी के कई प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से बाहर भी चल रहे हैं। मुंबई के अलावा बैंगलोर, चेन्नई में कंपनी के कई बड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। कंपनी रियल एस्टेट के अलावा डेटा सेंटर, ऑयल एंड गैस सेक्टर, सेमीकंडक्टर्स और कंज्यूमर सर्विसेज में तेजी से विस्तार कर रही है। हीनानंदानी ग्रुप के दर्शन निडर ग्रुप, योट्टा डेटा सर्विसेज, एच एनर्जी और तेज प्लेटफॉर्म की कमान भी संभालते हैं। ये कंपनियां अलग-अलग सेक्टर्स में काम करती है।

​पाकिस्तान से आया परिवार​

हीरानंदानी समूह का इतिहास आजादी से पहले का है। दर्शन हीरानंदानी के दादा लखुमल हीरानंदानी पाकिस्तान में रहते थे। परिवार से विवाद होने के बाद वो सिंध (पाकिस्तान) को छोड़कर भारत आकर बस गए। साल 1937 में लखुमल हीरानंदानी मुंबई आकर बस गए। साल 1942 में उन्होंने मुंबई के टोपीवाला नेशनल मेडीकल कॉलेज से स्नातक किया, आगे की पढ़ाई के लिए वो लंदन चले गए। पढ़ाई के बाद वो वापस भारत लौट आए। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में सर्जन के तौर पर काम किया। बाद में उन्होंने हीरानंदानी फाउंडेशन ट्रस्ट की शुरुआत की। इस ट्रस्ट के भीतर वो स्कूल चलाते थे। उन्होने अंग व्यापार को लेकर सामाजिक जागरुकता के लिए काफी काम किया था। चिकित्सा और सामाजिक जागरूकता को लेकर उनके योगदान को देखते हुए उन्हें साल 1972 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। साल 2013 में उनके निधन के बाद बेटे निरंजन हीरानंदानी और सुरेंद्र ने हीरानंदानी ग्रुप की कमान संभाली और कारोबार का विस्तार किया।

​इन सेक्टर्स में फैलाया कारोबार​

दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोशेस्टर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीएससी और MBA की डिग्री ली है। पढ़ाई के बाद परिवार के कारोबार में हाथ बंटाना शुरू किया, दर्शन ने हीरानंदानी ग्रुप के रियल एस्टेट बिजनेस को इंटरनेशनल लेवल पर पहुंचाया उन्होंने रियल एस्टेट के अलावा डेटा सेंटर्स, क्लाइंड कंप्यूटरिंग, एनर्जी सेक्टर , लॉजिस्टिक्स सेक्टर में कंपनी का विस्तार किया।

दर्शन हीरानंदानी से ली रिश्वत

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि महुआ ने दर्शन हीरानंदानी के व्यवसायिक हितों को पूरा करने के लिए रिश्वत लेकर प्रश्न पूछे और अदाणी पर सवाल उठाए। निशिकांत ने कहा कि ये आपराधिक कार्य है और ये वर्ष 2005 के कैश फॉर क्वायरी कांड की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि महुआ ने प्रश्न के बदले में पैसे और उपहार लिए हैं।

न्यूयॉर्क से की पढ़ाई

लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, हीरानंदानी ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमबीए और बीएस की पढ़ाई की है। दर्शन हीरानंदानी को समूह के रियल एस्टेट व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने और डेटासेंटर, क्लाउड कंप्यूटिंग, ऊर्जा और औद्योगिक वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है।

महुआ ने दिया जवाब

तृणमूल नेता ने भाजपा नेता पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, ”मैं लोकसभा अध्यक्ष से यह कहना चाहती हूं कि वो पहले दुबे के खिलाफ जितने आरोप पहले से लंबित हैं उसपर कार्रवाई करें, फिर मेरे खिलाफ कोई भी कदम उठाएं मैं स्वागत करूंगी। महुआ ने दुबे की डिग्री विवाद पर भी तंज कसा।

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