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World AIDS Day 2023: एड्स से बचाव ही है इसका इलाज,अब तक तीन रोगियों के ठीक होने से जगी उम्मीद


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नई दिल्लीः हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोगों को एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. एड्स एचआईवी संक्रमण से फैलता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है. एचआईवी शरीर की वाइट ब्लड सेल्स को निशाना बनाता है, जिससे इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. इससे टीबी, संक्रमण और कुछ कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.

एड्स अब भी लाइलाज बीमारी

एड्स, अब भी लाइलाज बीमारी मानी जाती रही है। एक्वार्ड इम्यून डेफिशियेंसी सिंड्रोम (एड्स) गंभीर बीमारी है जिसका जोखिम वैश्विक स्तर पर बढ़ता हुआ देखा गया है। असुरक्षित यौन संबंध, दूषित इंजेक्शन और संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाने के कारण एचआईवी का संक्रमण हो सकता है। ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी) का संक्रमण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है जिसके कारण गंभीर बीमारियों का जोखिम रहता है।महामारी की शुरुआत के बाद से, 85.6 मिलियन लोग एचआईवी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 40.4 मिलियन लोग एचआईवी-एड्स से मारे जा चुके हैं। वैश्विक स्तर पर, 2022 के अंत तक 39.0 मिलियन लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं।एचआईवी/एड्स एक गंभीर बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के ब्लड, स्पर्म या संक्रमित मां से उसके बच्चे को दूध पिलाने से फैल सकती है. इसलिए यदि आप एक से अधिक साथियों के साथ यौन संबंध बनाते हैं, तो आप एड्स के लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं और हर किसी को इसके बारे में पता होना चाहिए.

पिछले कुछ वर्षों में एड्स के उपचार के लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है एड्स के इलाज के लिए किए गए कुछ प्रयासों के अच्छे परिणाम देखे गए हैं। आइए इस बारे में जानते हैं।

एड्स के शुरुआती लक्षण

  • बुखार: एड्स के प्रारंभिक लक्षणों में से एक बुखार है. यह बुखार आमतौर पर 38 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक होता है.
  • थकान: एड्स से संक्रमित व्यक्ति को अक्सर थकान महसूस होती है. यह थकान इतनी अधिक हो सकती है कि व्यक्ति को सामान्य दिनचर्या के काम करने में भी परेशानी हो सकती है.
  • वजन कम होना: एड्स से संक्रमित व्यक्ति में अचानक वजन कम होने लगता है. यह वजन कम होना इतना अधिक हो सकता है कि व्यक्ति का वजन उसके सामान्य वजन का 10% या उससे अधिक कम हो जाता है.
  • घाव: एड्स से संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर घाव हो सकते हैं। ये घाव आमतौर पर मुंह, जीभ, गले, गुदा या जननांगों में होते हैं.
  • लसीका ग्रंथियों (lymph glands) में सूजन: एड्स से संक्रमित व्यक्ति की लसीका ग्रंथियों में सूजन हो सकती है. ये लसीका ग्रंथियां आमतौर पर गर्दन, बगल या जांघों में सूज जाती हैं.
  • खांसी: एड्स से संक्रमित व्यक्ति को अक्सर खांसी होती है। यह खांसी आमतौर पर गहरी और सूखी होती है.
  • पेट दर्द: एड्स से संक्रमित व्यक्ति को अक्सर पेट दर्द होता है। यह पेट दर्द आमतौर पर गैस, दस्त या कब्ज के कारण हो सकता है.
  • मुंह में छाले: एड्स से संक्रमित व्यक्ति के मुंह में छाले हो सकते हैं. ये छाले आमतौर पर बड़े और दर्दनाक होते हैं.

अब तक तीन रोगी हो चुके हैं ठीक

एचआईवी के इलाज के लिए किए गए प्रयास में अब तक कुछ हद तक सफलता मिलती हुई दिख रही है, हालांकि वैश्विक स्तर पर इसे अब भी लाइलाज बीमारी के तौर पर ही देखा जा रहा है। अब तक एचआईवी से ठीक होने के तीन मामले सामने आए हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी साल एचआईवी संक्रमित एक महिला का इस रोग से सफल इलाज किया गया है। इस संक्रमण के उपचार के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट तकनीक को प्रयोग में लाया गया, जिसके माध्यम से संक्रमण को ठीक करने में सफलता मिली थी। एचआईवी से ठीक होने वाली ये पहली महिला और तीसरी व्यक्ति बन गई है।

स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के जरिए किया गया इलाज

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि एचआईवी संक्रमित महिला पहले से ल्यूकेमिया से भी पीड़ित थी। इसके इलाज के लिए एक ऐसा डोनर ढूंढा गया जिसके अंदर एचआईवी वायरस के खिलाफ कुदरती प्रतिरोधक क्षमता थी। ट्रांसप्लांट के माध्यम से एचआईवी संक्रमण को ठीक करने की दिशा में नई उम्मीद मिली है।कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को में एड्स विशेषज्ञ स्टीवन डीक्स ने एक संबोधन में बताया कि परीक्षण के दौरान रोगी में पहले कैंसर इम्यून सेल्स को मारने के लिए कीमोथेरेपी की जरूरत पड़ी। इस प्रक्रिया के बाद उसमें कॉर्ड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि अब महिला में एचआईवी वायरस के खिलाफ प्रतिरोधी प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो जाएगी।

एचआईवी संक्रमण के उपचार की जगी उम्मीद

इस इलाज प्रक्रिया के माध्यम से विशेषज्ञों को उम्मीद जगी है कि भविष्य में ये एचआईवी संक्रमण को ठीक करने में मददगार हो सकती है। हैप्लो-कॉर्ड ट्रांसप्लांट के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रिया में, इस महिला को आंशिक रूप से मेल खाने वाले डोनर से कॉर्ड ब्लड दिया गया। इसके आधार पर अब एचआईवी के इलाज को लेकर उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं।अभी तक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट या बोन मैरो ट्रांसप्लांट का उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए किया जाता रहा है।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगर ये तकनीक सफल रहती है तो एड्स लाइलाज रोग नहीं रह जाएगा। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर यवोन ब्रायसन कहते हैं, गर्भनाल रक्त कोशिकाओं का उपयोग एचआईवी के साथ जी रहे लोगों के लिए उम्मीद बढ़ाता हैं। हम प्रयास में है कि इस गंभीर रोग का सफल इलाज किया जा सके। अब भी हर साल लाखों लोगों की मौत कैंसर के कारण हो जाती है।

क्या है एड्स?

एड्स का पूरा नाम एकवायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम है। यह एचआईवी इन्फेक्शन का आखिरी चरण होता है। यह वायरस, शारीरिक संबंध बनाने के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, लेकिन इसके संक्रमण के और भी दूसरे कारण हो सकते हैं, जैसे- संक्रमित ब्लड ट्रांस्फयूजन, किसी और पर इस्तेमाल किए हुए इन्जेक्शन का प्रयोग, मां से बच्चे को जन्म के समय, ब्रेस्टफीड करना। समय पर एचआईवी संक्रमण का पता न लगने की वजह से एड्स हो सकता है। हालांकि, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवाइयों की मदद से इसके इन्फेक्शन को कंट्रोल किया जा सकता है। यह वायरस इम्यून सिस्टम के टी-सेल्स पर हमला करता है, जिस वजह से इम्युनिटी कमजोर होने लगती है और अन्य दूसरी बीमारियों से बचाव करना मुश्किल हो जाता है।

क्या हैं इसके लक्षण?

क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार, एचआईवी वायरस के संक्रमण के तीन चरण होते हैं। एक्यूट एचआईवी इन्फेक्शन का सबसे पहला चरण होता है, जिसमें फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसके बाद दूसरा स्टेज क्लीनिकल लेटेंसी होता है। इस चरण में आमतौर पर कोई लक्षण नजर नहीं आते और कई सालों तक यह स्टेज रह सकता है। इसके बाद आखिरी स्टेज एड्स होता है।

इसके लक्षण कुछ ऐसे हो सकते हैं-

कमजोरी
बुखार
अधिक पसीना आना
ठंड लगना
रैशेज
लिंफ नॉड में सूजन
शरीर में दर्द
थकावट
डायरिया
मुंह में छाले
उल्टी
वजन कम होना

कैसे कर सकते हैं बचाव?

एड्स से बचाव के उपाय-एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है और एचआईवी/एड्स का कोई इलाज नहीं है. लेकिन आप कुछ उपाय अपनाकर खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचा सकते हैं जैसे

  • सुरक्षित यौन संबंध बनाएं.
  • संक्रमित व्यक्ति के खून या अन्य शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से बचें.
  • एचआईवी वैक्सीन का टीका लगवाएं.

मल्टीपल पार्टनर से बचें

एड्स का सबसे आम कारण मल्टीपल पार्टनर है. जब कोई व्यक्ति एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध बनाता है, तो वह एचआईवी से संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है. इसलिए, अगर आप एड्स से बचना चाहते हैं, तो मल्टीपल पार्टनर से बचें. अगर आप यौन संबंध बनाते हैं, तो सुरक्षित यौन संबंध बनाएं.

कंडोम का इस्तेमाल

शारीरिक संंबंध बनाते समय प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें। किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध बनाते समय, कंडोम का इस्तेमाल करें। शारीरिक संबंध बनाने से, एचआईवी वायरस का संक्रमण होने की संभावना काफी अधिक होती है। इसलिए हमेशा सुरक्षित तरीके से शारीरिक संबंध बनाएं और हर बार नए कंडोम का इस्तेमाल करें।

इंजेक्शन शेयर न करें

कई लोगों के एक ही इंजेक्शन के इस्तेमाल करने से एचआईवी वायरस फैल सकता है। इसलिए हमेशा इंजेक्शन लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह पहले नया हो और पहले किसी ने उसका इस्तेमाल न किया हो। सिर्फ दवाइयों के ही नहीं, बल्कि टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की गए सुई से भी एचआईवी का संक्रमण हो सकता है। इसलिए टैटू बनवाते समय खास सावधानी बरतें।

टेस्ट करवाएं

अगर आप शारीरिक संबंध बना रहे हैं, तो नियमित तौर से एसटीआई (STI) की जांच कराएं। इससे समय रहते इसका पता चल जाता है और इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा, अपने पार्टनर का भी नियमित रूप से टेस्ट करवाएं।

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