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Types of Salt: कितने प्रकार के होते हैं नमक,कौन-सा नमक स्वास्थ्य के लिए है ज्यादा फायदेमंद-जानें


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नई दिल्लीःकिचन में मौजूद नमक एक ऐसी सामग्री है जिससे खाने का स्वाद बढ़ जाता है खाने में स्वाद का सीधा कनेक्शन होता है नमक से. नमक सही तो सब सही, नमक ज्यादा तो अच्छा खाना भी खराब. ये तो हुई स्वाद की बात, मगर क्या आप जानते हैं कि नमक का सही प्रकार कौन-सा होता है. क्या आपको मालूम है कि नमक कितने प्रकार का होता है. सेहत के लिहाज से नमक के अलग-अलग प्रकार के अलग फायदे होते हैं. जिनका स्वाद रंग और बनावट भी अलग-अलग होते हैं। तो आइए जानते हैं नमक के किस्मों के बारे में और इसके फायदे।जानते हैं नमक के बारे में पूरी जानकारी

नमक शरीर की कई तरह की परेशानियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका

नमक एक ऐसा फूड आइटम है, जिसका स्वाद खाने में जान डाल देता है। यह हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में एक आवश्यक पोषक तत्व के रूप में काम करता है। बेकिंग, कुकिंग और सीजनिंग आदि खाने की चीजें नमक के बिना अधूरी मानी जाती है। यह शरीर की कई तरह की परेशानियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इतने प्रकार का होता है नमक

सोडियम और क्लोराइड युक्त नमक हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है. कुछ लोगों को जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन इस नमक के भी चार प्रकार होते हैं. ये प्रकार हैं- सादा नमक, सेंधा नमक या रॉक सॉल्ट, समुद्री नमक और काला नमक. नमक को बनाने के तरीके के आधार पर इसके स्वाद, गुण और प्रकृति में अंतर आ जाता है. इसी आधार पर इसे इन चार प्रकारों में बांटा जाता है.

सादा नमक

इस नमक में सोडियम और आयोडीन पर्याप्त मात्रा में होता है. यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. इस नमक का सीमित मात्रा में सेवन तो सही है, लेकिन मात्रा ज्यादा हो जाए तो यह हड्डियों के लिए घातक साबित हो सकता है. इससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.

सेंधा नमक

इसे रॉक सॉल्ट या व्रत का नमक भी कहा जाता है. यह नमक बिना किसी रिफाइनिंग प्रक्रिया के तैयार किया जाता है. इसमें कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम की मात्रा सादे नमक की तुलना में काफी ज्यादा होती है. यह सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. जिन्हें लोगों को किडनी या हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं, उनके लिए इस नमक का सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है.

काला नमक


काले नमक का सेवन पाचन क्रिया के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसके सेवन से कब्ज, बदहजमी, पेट दर्द, चक्कर आना, उल्टी आना और जी घबराने जैसी समस्याओं में राहत मिलती है. इसके अत्यधिक सेवन से भी नुकसान होने का खतरा रहता है.हिमालयिन साल्ट को आम बोलचाल की भाषा में काला नमक कहा जाता है. हिमालयिन साल्ट को आम बोलचाल की भाषा में काला नमक कहा जाता है. मिश्रित मसाले, चार्कोल, बीज और पेड़ की छाल इस प्रकार के नमक की संरक्षण में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके अलावा पूरे दिन गर्म ओवेन में रखकर प्रोसेस किया जाता है. इसका इस्तेमाल सूजन, बदहजमी, पेट में जलन जैसी समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है.

लो-सोडियम सॉल्ट


इस नमक को पौटेशियम नमक भी कहा जाता है.जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या होती हैं उन्हें लो-सोडियम सॉल्ट का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा हदय रोगी और मधुमेह रोगियों के लिए भी यह नमक फायदेमंद होता है.

टेबल सॉल्ट

टेबल सॉल्ट ऐसा नमक है, जो आपको सभी घरों में आसानी से मिल जाएगा। इसे रिफाइंड नमक भी कहा जाता है, क्योंकि टेबल सॉल्ट प्रोासेसिंग के माध्यम से तैयार होता है। इसलिए इसे नेचुरल सॉल्ट नहीं कहते हैं। इस नमक में आयोडीन की मात्रा पर्याप्त होती है। जो शरीर में आयोडीन की कमी को दूर करता है। दानेदार और बारीक पिसे हुए इस नमक का बहुत ज्यादा सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

सी सॉल्ट

सी सॉल्ट के स्वाद की बात करें, तो यह टेबल सॉल्ट की तुलना में बहुत अलग होता है। इस नमक को वाष्पीकरण (समुद्र के पानी को भाप में बदलने वाली प्रक्रिया) से बनाया जाता है। कम सोडियम और ज्यादा आयोडिन की मात्रा इस नमक को हमारी सेहत के लिए फायदेमंद बनाती है। सी सॉल्ट का इस्तेमाल कब्ज, स्ट्रेस, गैस आदि समस्याओं से निपटने के लिए भी किया जाता है।नमक की हर किस्म में आमतौर पर कुछ पौष्टिक फायदे पाए जाते हैं. मगर आयोडीन युक्त नमक अन्य नमक के मुकाबले ज्यादा मुफीद होता है. थायरायड ग्लांड पर रक्षात्मक प्रभाव के लिए इसका सेवन करना चाहिए. अगर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना है, हृदय को सुरक्षित रखना है तो जरूरी है कि नमक का ज्यादा सेवन नहीं किया जाए. विशेषज्ञों के मुताबिक एक चम्मच नमक में 2300 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा पाई जाती है. एक दिन में सामान्य लोगों के लिए आयोडीन की ये मात्रा पर्याप्त होती है. हालांकि ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसकी मात्रा घटाकर तीन चौथाई चम्मच कर देना चाहिए. तीन चौथाई चम्मच में 1500 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा प्राप्त होगी.

हिमालयन पिंक सॉल्ट

हिमालयन पिंक सॉल्ट को हम ‘सेंधा नमक’ के नाम से भी जानते हैं। इस नमक की खास बात यह है कि इसमें टेबल सॉल्ट की तुलना में सोडियम की मात्रा काफी कम होती है। जो हमारी सेहत को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसके अलावा, इसमें आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम सहित कई खनिजों की मात्रा भी शामिल है। यह नमक दिखने में थोड़ा-सा मोटा होता है और इसका स्वाद भी आपको अलग लगेगा। ये नमक पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्र में पाया जाता है. ये नमक की शुद्ध शक्ल होती है. इसमें 84 प्राकृतिक खनिज और पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं. इसका रंग सफेद से गहरा गुलाबी होता है. गुलाबी नमक शरीर के अंगों को सुचारू बनाए रखने में मददगार साबित होता है. इससे ब्लड शुगर संतुलित रहता है. ब्लड सेल के ph में सुधार के साथ मांसपेशियों में ऐंठन को कम करता है.

कोषर नमक

कोषर नमक को ज्यादातर बड़े -बड़े रेस्टोरेंट में शेफ इस्तेमाल करते हैं। इसके दाने का आकार टेबल सॉल्ट से थोड़ा बड़ा होता है। इसमें सामकी तरह कोई आयोडीन या एंटी-केकिंग एजेंट नहीं होते हैं। यह सामान्य नमक की तुलना में काफी हल्का और साफ होता है, लेकिन यह स्वाद में कम नमकीन होता है।

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