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गुरू नानक जयंती 2023 : गुरु नानक देव के ये वचन जो बदल देंगे आपका जीवन -जानें


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नई दिल्लीः आज यानी 27 नवंबर को गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है. प्रत्येक वर्ष यह कार्तिक पूर्णिमा के दिन सेलिब्रेट किया जाता है. आज के दिन कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें गुरु नानक देव द्वारा कही गई शुभ विचारों, संदेशों, शिक्षाओं के बारे में लोगों को जानकारी दी जाती है. उन्हें जागरूक किया जाता है. उन्हें जीवन के प्रति सकारात्मक सोच अपनाने के बारे में बताया जाता है. सिख धर्म के पहले संस्थापक और गुरु थे गुरु नानक देव जी. आज गुरुद्वारों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. भजन-कीर्तिन, लंगर के साथ ही प्रभात फेरी भी निकाली जाती है. गुरु नानक देव की बातें, उनके अनमोल वचन, सुविचार, उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं आज भी लोगों को सत्य और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं. गुरु नानक देव को नानक देव, नानक शाह जैसे नाम से भी संबोधित किया जाता है. सिख धर्म के लिए आज का दिन बेहद खास होता है. ये लोग गुरु देव की जयंती को उत्सव की तरह सेलिब्रेट करते हैं.

सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक गुरु नानक

गुरु नानक देव ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी. वे बचपन से ही सबसे अलग थे. उन्होंने कभी जात पात पर यकीन नहीं किया, उन्होंने ही लंगर की शुरुआत की थी ताकि एक साथ सब लोग बैठ कर खा सके. सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी ने ही एक ओंकार का संदेश दिया, जिसका अर्थ है ईश्वर एक है.सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े धूमधाम के साथ मनाई जाती है। इस साल गुरु नानक जी की जयंती 27 नवंबर को है। इस पवित्र दिन को लोग प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं। सिख धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह दिन बेहद खास होता है। इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन किए जाते हैं और गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। साथ ही जगह-जगह लंगरों का आयोजन होता है। गुरु नानक देव बचपन से ही धार्मिक प्रवृति के थे। उन्होंने अपना जीवन मानव समाज के कल्याण में लगा दिया था। आज भी लोग इनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलते हैं।

दुनिया भर में मनाया जाता है यह पर्व

सिखों का यह त्योहार दुनिया भर में अत्यंत प्रेम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. हर साल गुरु नानक जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, जिसे कार्तिक पूर्णिमा भी कहा जाता है. गुरु नानक देव का जन्म 1469 में पाकिस्तान के लाहौर के पास राय भोई दी तलवंडी गांव में हुआ था, जिसे अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कई भजन लिखे, जिन्हें गुरु अर्जन देव ने आदि ग्रंथ में संकलित किया.

नानक देव जी के जीवन की बड़ी बातें

  • गुरु नानक देव ने ही इक ओंकार का नारा दिया था और कहा था सबका पिता वही है इसलिए सभी से प्रेम करना चाहिए.
  • लोगों को प्रेम, एकता, समानता और भाईचारा का संदेश देना चाहिए.
  • हमे कभी भी किसी दूसरे का हक नहीं छीनना चाहिए. मेहनत और सच्चाई से गरीबो और जरुरतमंदो की मदद करनी चाहिए.
  • हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत कर सही तरीकों से धन कामना चाहिए.
  • गुरु नानक देव पुरुष और स्त्री को हमेशा बराबर मानते थे उनके अनुसार कभी भी महिलाओं का अनादर नहीं करना चाहिए.
  • हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत कर सही तरीको से धन कामना चाहिए.
  • अंत काल नारायण सिमरे ऐसी चिंता में जो मरे भक्त त्रिलोचन जे नर मुक्त पीताम्बर मंगे हृदय बसे.
  • जब आप किसी की सहायता करते हैं तो भगवान आपकी मदत करता है. हमेशा दूसरों की सहायता के लिए आगे रहो.
  • मेहनत और ईमानदारी से काम करके उसमे से जरूरतमंद को भी कुछ देना चाहियें.
  • कर्म भूमि पर फल के लिए कर्म सबको करना पड़ता है. ईश्वर तो लक़ीरें देते हैं पर रंग हमको भरना पड़ता है.

चपन से ही ईश्वर के प्रति समर्पित थे गुरु नानक देव

सिखों के पहले गुरु न केवल भारत में बल्कि एशिया के कई हिस्सों में तीर्थ स्थानों पर गए. गुरु नानक देव बचपन से ही ईश्वर के प्रति समर्पित थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन समानता और सहिष्णुता को बढ़ावा देने में बिताया. उनकी शिक्षा ने मानवता के लिए निस्वार्थ सेवा का संदेश फैलाया. गुरु ग्रंथ साहिब के प्राथमिक छंद इस तथ्य पर आधारित है कि ब्रह्मांड का निर्माता एक है. गुरु नानक जयंती के दिन, सिख धर्म के अनुयायी सिख पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करके अखंड पथ का पालन करते हैं. त्योहार से दो दिन पहले, प्रभात फेरी (सुबह की जुलूस) का आयोजन किया जाता है जिसमें भक्त भजन गाते हैं और इलाकों की यात्रा करते हैं.

प्रकाश पर्व भी कहते हैं गुरु नानक जयंती को

गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन सिर्फ समाज कल्याण, सुधार में लगा दिया. वे एक समाज सुधारक के रूप में भी जाने जाते हैं. उन्होंने कभी भी किसी में फर्क नहीं किया. ऊंच-नीच, भेद-भाव, जात-पात को समाज से मिटाने के लिए कई महत्वपूर्ण कमद उठाए, कार्य किए. सदा वे सभी को एकता के सूत्र में बांधने का उपदेश देते थे. उनके लिए धर्म से बड़ी इंसानियत थी. उनके लिए सभी मनुष्य एक समान थे. गुरु नानक देव ने सदा क्रोध, मोह, अहम्, काम जैसे अवगुणों को त्याग कर दया, धीरज, सच, संतोष जैसे सदगुणों को अपनाने का संदेश दिया करते थे. उन्होंने समाज से अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य किया. यही वजह है कि उनकी जयंती को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है.

कई जगहों पर चलते हैं लंगर

गुरु नानक देव की जयंती से एक दिन पहले भक्त नगर कीर्तन भी करते हैं. पंज प्यारे, या सिख त्रिकोण ध्वज, निशान साहिब ले जाने वाले पांच लोग परेड का नेतृत्व करते हैं. गुरुपर्व के दिन पूरे दिन गुरुद्वारों में प्रार्थना की जाती है. त्योहार के दिन देर रात तक भक्त लंगर में शामिल होते हैं. लंगर का खाना काफी शुभ माना जाता है और शुभ अवसरों पर परोसा जाने वाला पारंपरिक प्रसाद कड़ा प्रसाद है.

गुरु नानक देव के अनमोल वचन

  • गुरु नानक देव कहा करते थे कि सिर्फ वही बोलें, जो आपको समाज और लोगों के बीच मान-सम्मान दिलाए.
  • जो इंसान कड़ी-मेहनत करके कमाता है और अपनी मेहनत की कमाई में से थोड़ा सा भी दान करता है, वह सत्य का मार्ग ढूंढ लेता है.
  • कठिनाइयों से भरी इस दुनिया में जिसे अपने आप पर भरोसा होता है, वही विजेता कहलाता है.
  • ईश्वर एक है. ऐसे में सदा एक ही ईश्वर की उपासना करनी चाहिए. ईश्वर सब जगह और प्राणी मात्र में मौजूद है. ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता.
  • हमेशा याद रखें कि कभी भी किसी इंसान का हक नहीं छीनना चाहिए और हमेशा धन को जेब में स्थान दें ना कि दिल में.
  • मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरतमंदों की सहायता जरूर करें.
  • हर किसी को समान नज़रिए से देखें, फिर चाहे वो स्त्री हो या पुरुष.
  • भोजन शरीर को जीवित रखने के लिए आवश्यक है परंतु लोभ-लालच के लिए संग्रह करने की आदत बुरी है.

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