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ICC World Cup 2023 : इस नेता के खेत की मिट्टी से बनी है नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच, खास है वजह

नई दिल्लीः आईसीसी वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला लाल मिट्‌टी वाली पिच पर खेल जाएगा। नरेंद्र मोदी स्टेडियम की इस पिच को नवसारी जिले के गणदेवी तहसील में पाई जाने वाली लाल मिट्‌टी के इस्तेमाल से बनाया गया है। पिच के निर्माण में जिस खेत की मिट्‌टी का इस्तेमाल किया गया है। वह बीजेपी के नेता हैं। वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले से पहले अशोक भाई धोरजिया ने टीम इंडिया को जीत की शुभेच्छा व्यक्त की है। धोरजिया का कहना है कि उनके खेत की लाल मिट्‌टी से अभी तक जहां-जहां पिच बनाई गई हैं। वहां टीम इंडिया की जीत का रिजल्ट अच्छा है। ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि टीम इंडिया कमाल करेगी और कल रात रोहित शर्मा के हाथों में वर्ल्ड कप की ट्रॉफी होगी।

नवसारी के गणदेवी तालुक के पठारी गांव

सभी क्रिकेट मैचों में पिच पर काफी ध्यान दिया जाता है. अच्छी पिच के कारण मैच में अच्छा मुकाबला देखने को मिलता है. क्रिकेट विश्व कप 2023 का फाइनल मैच जिस पिच पर खेला जाएगा, उस पिच में इस्तेमाल की गई लाल मिट्टी नवसारी के गणदेवी तालुक के पठारी गांव की है. नवसारी के अशोकभाई धोराजिया के खेत की लाल मिट्टी का उपयोग पिच के लिए किया जाता है.

राजकीय आगेवान अशोकभाई धोराजिया खेत की मिट्‌टी

नवसारी के गणदेवी तालुका के पठारी गांव में रहने वाले राजकीय आगेवान अशोकभाई धोराजिया के खेत की लाल मिट्टी क्रिकेट जगत में बहुत प्रसिद्ध हो गई है. जिस मिट्टी का उपयोग नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पिच बनाने के लिए किया जाता है. इससे अशोकभाई धोराजिया और नवसारी के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

क्या है इस मिट्‌टी की खूबी

गुजरात के दक्षिण में नवसारी जिला पड़ता है। इस जिले में एक गढ़देवी नाम की तहसील है। यहां रहने वाले अशोक धोरजिया के खेत से निकलने वाली मिट्‌टी से वडोदरा, मुंबई, अफ्रीका और अहमदाबाद समेत जगह के स्टेडियम की पिचें बनाई गई हैं। इस मिट्‌टी की खासियत है कि पिच में जल्दी से दरारें नहीं आती हैं। अशोक धाेरजिया ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत में कहा कि देश में लाल मिट्‌टी काफी जगह पर मिलती है लेकिन उनके खेत में पाई जाने वाली मिट्‌टी में कुछ कुदरती कमाल है कि इससे बनने वाली पिच काफी स्ट्रांग रहती है। यही वजह है कि अब तक काफी जगहों ने पिच निर्माण के मिट्‌टी ले जाई जा चुकी है।

इस मिट्टी की खासियत: उन्होंने बताया कि इस लाल मिट्टी की खास बात यह है कि, यह पिच को मजबूत बनाती है. यदि पिच किसी अन्य मिट्टी से बनी हो तो पिच में दरार पड़ने लगती है. लेकिन इस लाल मिट्टी से बनी पिचों में दरारें बहुत कम होती हैं. और लंबे समय तक खराब भी नहीं होती.बता दें कि दोनों टीमों के कप्तान ने अहमदाबाद पहुंचते ही पिच का जायजा लिया. माना जा रहा है कि ये पिच गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों को मदद पहुंचाएगी.

क्या टीम इंडिया को मिलेगी जीत?


गणदेवी के पथरी गांव की मिट्‌टी से बनी पिच पर विश्वकप का फाइनल मुकाबला खेले जाने नवसारी के लोगों में जोश है। खेत के मालिक अशोक धोरजिया बीजेपी के नेता भी हैं। वे कहते हैं कि इस मिट्‌टी से पहले खपरैल का निर्माण होता है, लेकिन पिछले काफी समय से इस मिट्‌टी का इस्तेमाल पिच के निर्माण में हो रहा है। धोरजिया कहते हैं कि पिच क्यूरेटरों के लिए अभी यह मिट्‌टी हॉट फेवरेट है, क्योंकि इससे पिच मजबूत बनती है। अक्सर कुछ ओवरों के बाद पिच में दरार पड़ने लगती है, लेकिन इस लाल मिट्टी से बनी पिचों में कम दरारें आती हैं। इस मिट्‌टी से बनी पिच पर 90 ओवर आसानी से फेंके जा सकते हैं। इस मिट्‌टी की पिच से बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों को मदद मिलती है। सामान्य पिच में कई बार गेंद के गिरने के जिस तरह से वह उछलती है तब बल्लेबाज को दिक्कत आती है, लेकिन लाल मिट्‌टी से बनी पिच में बॉल को देखने में समस्या नहीं आती है।

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