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सोना खरीदें या शेयर, किसमें मिलेगा ज्यादा रिटर्न-जानें


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नई दिल्लीः दिवाली के शुभ अवसर पर लोग हमेशा बिजनेस, इन्वेस्टमेंट या फिर कोई अन्य काम की शुरुआत करते हैं. दिवाली पर सोना खरीदने की परंपरा भी है तो वहीं कुछ लोग मुहूर्त ट्रेडिंग में शेयरों में निवेश करते हैं. अगर आप भी इस दिवाली गोल्ड या शेयरों में निवेश करने का मन बना रहे हैं और इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि कहां निवेश करने पर ज्यादा फायदा होगा तो हम आपके इस कंफ्यूजन को दूर करने वाले हैं. इन मल्‍टीबैगर स्‍टॉक्‍स में से एक शेयर ने तो पिछली दिवाली से इस दिवाली तक निवेशकों का पैसा पांच गुना तक बढ़ा दिया है. बाकी शेयर्स ने एक साल की अवधि में निवेशकों के पैसे को दोगुना कर दिया है. अगर इस दिवाली आप भी इन शेयर्स में निवेश करना चाहते हैं तो फिर पहले जान लीजिए इनके नाम और पिछली दिवाली से इस दिवाली तक दिया गया रिटर्न.

शेयरों और गोल्ड

शेयरों और गोल्ड में निवेश अलग-अलग नजरिये से किया जाता है. महंगाई के खिलाफ सोने में निवेश को एक अहम हथियार के तौर पर जाना जाता है. जब कभी शेयर बाजार गिरते हैं और डॉलर मजबूत होता है तो गोल्ड का भाव बढ़ने लगता है. मौजूदा वक्त में शेयरों में या सोने में, कहां निवेश फायदेमंद होगा? आइये एक्सपर्ट के नजरिये से जानते हैं.भारत में निवेशक आभूषण के रूप में सोने से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। आभूषणों की ज़्यादातर खरीदारी सामाजिक मूल्य और सांस्कृतिक मूल्य वाले परिवारों से होती है। सीधे ज्वैलर्स से आभूषण ख़रीदे जा सकते हैं, इसमें कोई काउंटरपार्टी जोखिम नहीं है। लेकिन फिज़िकल सोने में निवेश में न्यूनतम निवेश गोल्ड ईटीएफ से ज़्यादा होता है, मेकिंग चार्ज और स्टोरेज लागत भी अधिक होती है।

क्या होता है गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ फिज़िकल सोने का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनिट्स हैं। ये कागज या डीमैटरियलाइज्ड रूप में होते हैं और फिज़िकल सोने का विकल्प हैं। गोल्ड ईटीएफ को एक तरह से आप म्यूचुअल फंड मान सकते हैं जो सोने की बुलियन में निवेश करते हैं और सोने की घरेलू बाजार में चल रही कीमतों पर नज़र रखते हैं। वे 99.5% की शुद्धता वाले सोने से समर्थित हैं। संशोधित नियमों के अनुसार, 1 अप्रैल 2023 से, गोल्ड फंड में निवेश की होल्डिंग अवधि कितनी भी हो उससे होने वाले लाभ पर संबंधित स्लैब पर कर लगाया जाएगा।

स्काई गोल्ड

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्काई गोल्ड (Sky Gold) के शेयर पिछले साल दिवाली को एनएसई पर 152 रुपये पर थे. अब यह 766.40 रुपये पर हैं. इसका मतलब है कि स्काई गोल्ड ने निवेशकों का पैसा पिछली दिवाली से इस दिवाली तक 404 फीसदी बढ़ा दिया है.

गोल्ड ईटीएफ में कम से कम कितने का निवेश

सोने के जेवर या सिक्का लेना हो तो कम से कम एक ग्राम का तो लेना ही होगा। अभी सोने का भाव करीब 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा है। मतलब कि करीब छह हजार रुपये। लेकिन आप गोल्ड ईटीएफ में एक यूनिट या उसके गुणक से भी शुरुआत कर सकते हें। इस भाव पर एक यूनिट हुआ 60 रुपये का। मतलब आप 60 रुपये से भी सोने में निवेश का लाभ ले सकते हैं।

10 साल में सोना और शेयरों से कितना रिटर्न मिला

लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में सोने ने 111 फीसदी का रिटर्न दिया. 2013 में 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत ₹29,600 थी, जो अब बढ़कर ₹61,000 तक चला गया. वहीं, निफ्टी अक्टूबर 2013 में 6,299 के स्तर से बढ़कर 19,443 के स्तर पर पहुंच गया. यानी इस अवधि में इक्विटी मार्केट ने 200 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है.

कल्याण ज्वैलर्स शेयर

कल्याण ज्वैलर्स शेयर (Kalyan Jewellers) का नाम भी मल्‍टीबैगर रिटर्न देने वाले ज्‍वैलरी स्‍टॉक्‍स में शामिल हैं. कल्याण ज्वैलर्स का शेयर 26 मार्च 2021 को शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुआ था. पिछले साल दिवाली को यह एनएसई पर 103.05 रुपये पर था. अब यह 339.05 रुपये पर है यानी कि दिवाली से दिवाली इसने 229 फीसदी से अधिक रिटर्न निवेशकों को दिया है.

खरीद-बिक्री कहां होगी


यदि आपके पास डीमैट अकाउंट है तो फिर चिंता की कोई बात नहीं है। गोल्ड ईटीएफ स्टॉक में निवेश का लचीलापन और सोने में निवेश की आसानी दोनों के लाभ मिलते हैं। गोल्ड ईटीएफ को किसी भी कंपनी के स्टॉक की तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (बीएसई) पर खरीद-बिक्री कर सकते हें। गोल्ड ईटीएफ किसी भी अन्य कंपनी के स्टॉक की तरह बीएसई और एनएसई के कैश सेगमेंट पर ट्रेड करते हैं, और इन्हें बाज़ार कीमतों पर लगातार खरीदा और बेचा जा सकता है।

Gold Vs Equity कहां लगाएं पैसा?

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील नयति ने निवेश के लिहाज से इक्विटी मार्केट को प्राथमिकता दी है. उन्होंने कहा कि देश में आम चुनाव नजदीक आने और अमेरिका में ब्याज दरों का उच्च स्तर पर रहना इंडियन इक्विटी मार्केट के लिए काफी सकारात्मक है. उम्मीद है कि आने वाले महीनों में सोना और शेयर बाजार दोनों अच्छा प्रदर्शन करेंगे. 2024 में अमेरिका में प्रत्याशित आर्थिक मंदी के चलते गोल्ड में निवेश लाभकारी साबित हो सकता है. लेकिन, निवेश के लिए मेरी पसंदीदा पसंद शेयर बाजार की ओर ज्यादा है.

थैंगमयिल ज्वैलरी

तमिलनाडु स्थित ज्‍वैलरी कंपनी थैंगमयिल ज्वैलरी (Thangamayil Jewellery) के शेयर ने भी पिछले एक साल में निवेशकों को खूब मुनाफा दिया है. पिछले साल दिवाली को थैंगमयिल का शेयर एनएसई पर 551.05 रुपये के भाव मिल रहा था. अब यह 1,349.90 रुपये पर पहुंच गया है. यानी सम्वत् 2079 में इसने करीब 145 फीसदी रिटर्न निवेशकों को दिया है.

इक्विटी मार्केट

प्रोस्टॉक्स के सीईओ एसपी तोषनीवाल ने भी निवेश के लिए इक्विटी मार्केट पर दांव लगाया है. उन्होंने कहा कि जियो-पॉलिटिकल टेंशन के कारण सोने की कीमतें बढ़ी हैं. आम तौर पर, जब भी सोने की कीमत तेजी से बढ़ती है, तो इसमें विराम लग जाता है या इसमें गिरावट आ सकती है इसलिए एक साल के नजरिये से इक्विटी बेहतर रिटर्न दे सकती है. ट्रेडजिनी के सीओओ, त्रिवेश डी भी इन्वेस्टमेंट के लिए फिलहाल इक्विटी मार्केट को बेहतर मानते हैं. उनका मानना है कि शेयरों में निवेश के भविष्य में बेहतर रिटर्न मिल सकते हैं.

चोरी या लॉकर में रखने की चिंता नहीं

आप सोने का जेवर, सिक्का या बिस्कुट खरीदते हैं तो उसे सुरक्षित रखने की सबसे बड़ी चिंता होती है। हर समय लगता है कि इसे बैंक के लॉकर में पहुंचा आएं क्योंकि घर में चोरों का डर लगा रहता है। इसके बिपरीत गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स डीमैट फॉर्म में आते हैं। यह चोरी, स्टोरेज लागत, धोखाधड़ी या मेकिंग चार्ज से सुरक्षित है। यह आपके डीमैट अकाउंट में वैसे ही पड़ा रहेगा जैसे कोई शेयर या म्यूचुअल फंड।

सम्‍वत् 2079 में मल्‍टीबैगर रिटर्न देने वाले शेयरों की लिस्‍ट में एक पेनी स्‍टॉक भी है. यह ज्वैलरी स्टॉक है, Kenvi Jeels. दिवाली 2022 को बीएसई पर यह शेयर 3.38 रुपये के स्‍तर पर था. अब इसकी कीमत 7.91 रुपये पर है यानी कि इस सम्वत् की समाप्ति पर यह 134 फीसदी उछल चुका है.आनंद राठी स्टॉक ब्रोकर्स में कमोडिटी और करेंसी के डायरेक्टर नवीन माथुर ने निवेश के लिए गोल्ड पर दांव लगाया है. उन्होंने कहा कि महंगाई के खिलाफ मुकाबले के लिए गोल्ड में निवेश करना बेहतर विकल्प है. बेशक शेयर बाजार कम अवधि में बेहतर रिटर्न प्रदान करते हैं, लेकिन अनिश्चित आर्थिक माहौल में शेयरों में बड़ी गिरावट आती है.

खर्च किसमें ज्यादा

यदि आप सोने का सिक्का, बिस्कुट या गहना खरीदते हैं तो उसमें मेकिंग चार्ज लगता है। आप यदि आज सोना खरीदेंगे तो जो रेट लंदन मेटल एक्सचेंज में चल रहा होगा, उस भाव पर आपको गहना या सिक्का नहीं मिलेगा। मेटल एक्सचेंज में चल रहे रेट के अलावा आपको मेकिंग चार्ज का भी भुगतान करना होगा। लेकिन यदि आप गोल्ड ईटीएफ खरीदते हैं तो इसके लिए आपको कोई प्रवेश शुल्क (एंट्री लोड) और निकास शुल्क (एग्जिट लोड) नहीं चुकाना होगा। इसमें ब्रोकरेज और फंड मैनेजमेंट फी इतने ही खर्च में शामिल हैं।

रिटर्न किसमें ज्यादा

सोना चाहे गहने के रूप में खरीदें, सिक्के के रूप में खरीदें या ईटीएफ के रूप में, रिटर्न सबमें बराबर है। हां, जो सोना आभूषणों के रूप में या फिज़िकल फॉर्म में मिलता है, उसे आप अपने पास रख सकते हैं। इसमें लिक्विडिटी की कोई समस्या नहीं है। जब चाहे आप सोना खरीद और बेच सकता है। इमरजेंसी में इसका आधी रात को भी यूज किया जा सकता है। लेकिन, दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। इसलिए निवेशकों के लिए यह ज़रूरी है कि वे सोने के किसी भी रूप में निवेश करने से पहले अपनी सोने की निवेश आवश्यकता पर सावधानीपूर्वक विचार करें।

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