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PPF Account:पैसा डालो या न डालो फिर भी मिलेगा ब्याज, जानें कब होता है ऐसा


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नई दिल्लीः PPF एक सरकार समर्थित बचत योजना है जो परिपक्वता पर अपने निवेशकों को सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करती है। PPF भी एक लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि यह आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत आयकर छूट भी प्रदान करता है। PPF में निवेश करते समय ध्यान रखने वाली एक बात यह है कि इसमें प्रति वर्ष अधिकतम 1.5 लाख रुपये की राशि ही निवेश कर सकते हैं और स्कीम अधिकतम कार्यकाल 15 वर्ष की है। हालांकि, उसके बाद 5-5 साल के लिए इसे बढ़ाया जा सकता है।

लॉन्ग टर्म सेविंग्स विकल्पों की बात चलने पर पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) का जिक्र जरूर होता है। इसकी एक वजह यह भी है कि PPF पर अच्छी ब्याज दर तो है ही, साथ ही इसमें निवेश किया जाने वाला पैसा, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाली धनराशि तीनों पर टैक्स से छूट है।सरकार PPF पर 7.1 फीसदी का रिटर्न दे रही है। सरकार के निर्देशानुसार PPF ब्याज दर हर तिमाही में बदलाव के अधीन है। हालांकि, इसमें बदलाव बहुत कम देखने को मिलता है।

PPF खाते को बैंक और पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है। PPF में एक वित्त वर्ष के अंदर न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। खाते को चालू यानी एक्टिव/रेगुलर रखने के लिए एक वित्त वर्ष में निश्चित न्यूनतम धनराशि जमा करना अनिवार्य है। लेकिन PPF खाते का एक फीचर ऐसा भी है, जब इसमें एक नया पैसा डाले बिना भी अकाउंट चालू रहता है और बैलेंस पर ब्याज आता रहता है। आइए जानते हैं कब होता है ऐसा…PPF स्कीम में पैसा लगाकर आप बहुत अच्छी ब्याज पा सकते हैं। यह कमाई करने के लिए काफी अच्छा साधन है। वहीं, इसमें एक खास बात यह भी है कि इस स्कीम में एक समय सीमा बीत जाने के बाद बिना पैसा जमा किए भी ब्याज मिलती रहती है।

PPF (Public Provident Fund) का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल होता है। मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद आप चाहें तो खाता बंद कर सकते हैं या फिर PPF को आगे बढ़ा सकते हैं। खाता एक्सटेंड कराने के मामले में दो विकल्प रहते हैं- पहला, नए कॉन्ट्रीब्यूशन के साथ 5-5 साल के ब्लॉक में अकाउंट एक्सटेंड किया जाना और दूसरा, बिना नया पैसा डाले अकाउंट एक्सटेंड करना।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक बढ़िया निवेश ऑप्शन है. इंडियंस इस स्कीम को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. इसकी वजह है इस पर मिलने वाले बेनिफिट्स. चाहे ब्याज की बात हो या फिर टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट से लेकर मैच्योरिटी पर मिलने वाले अमाउंट की. हर लिहाज से ये निवेश का बेहतरीन टूल है. मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का है. लेकिन, 15 साल बाद भी कई फायदे मिलते हैं. आज हम आपको ऐसे 3 फायदे बताने जा रहे हैं, जिसके बाद आप भी निवेश करने की प्लानिंग कर लेंगे. स्कीम का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें मैच्योरिटी के बाद पैसा डालो या न डालो, ब्याज मिलता रहेगा. PPF अकाउंट की मैच्योरिटी पर आपके पास 3 ऑप्शन होते हैं. इनमें से कोई भी ऑप्शन चुनकर आप अपने पैसे को और बढ़ा सकते हैं

जैसे की ऊपर बताया गया कि स्कीम का अधिकतम कार्यकाल 15 वर्ष का है, लेकिन इस आगे भी 5 साल के रूप में बढ़ाया जा सकता है। एक तो यह है कि इस 5 साल के दौरान भी पैसा जमा किया जाए। वहीं, दूसरी बात यह भी है कि पीपीएफ खाते को आगे बढ़ा दिया जाए, लेकिन आगे से इसमें पैसे जमा ना करने का विकल्प ले लिया जाए। अब इसमें आप बिना पैसे जमा किए भी पीपीएफ का संचालन करते रहेंगे और आपके पीपीएफ में जमा पैसे पर हर साल आपको ब्याज मिलता रहेगा। साथ ही यह ब्याज पूरा टैक्स फ्री होगा।

PPF अकाउंट की मैच्योरिटी पर इसमें जितना पैसा आपने जमा किया और उस पर जो ब्याज मिला, उसे निकाल लें. ये पहला ऑप्शन होता है. अकाउंट क्लोजर की स्थिति में आपका पूरा पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. खास बात ये है कि मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा और ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री होगा. साथ ही जितने साल आपने निवेश किया होगा उस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.मान लीजिए कि आप 25 साल की उम्र में पीपीएफ में 5000 रुपये प्रति माह निवेश करना शुरू करते हैं, तो सालाना राशि 60,000 रुपये होगी। 7.1 प्रतिशत की दी गई ब्याज दर पर, आप 15 वर्षों में 7,27,284 रुपये कमाएंगे और कुल निवेश 9,00,000 रुपये हो जाएगी। मैच्योरिटी राशि 16,27,284 रुपये होगी।

दूसरा फायदा या ऑप्शन ये है कि मैच्योरिटी पर अपने अकाउंट को आगे एक्सटेंड कर सकते हैं. 5-5 साल के टेन्योर में अकाउंट एक्सटेंशन लिया जा सकता है. लेकिन, ध्यान रहे PPF अकाउंट की मैच्योरिटी से 1 साल पहले ही एक्सटेंशन के लिए आवेदन करना होगा. हालांकि, एक्सटेंशन के दौरान आप पैसा निकाल सकते हैं. इसमें प्री-मैच्योर विड्रॉल के नियम लागू नहीं होती.

हालांकि, यदि आप 5,000 रुपये प्रति माह का यह निवेश 37 साल तक जारी रखते हैं, तो आपको 83,27,232 रुपये का रिटर्न मिलेगा, जबकि कुल निवेश 22,20,000 रुपये हो जाएगी। परिपक्वता राशि 1,05,47,232 रुपये होगी।PPF अकाउंट का तीसरा सबसे बड़ा फायदा, अगर आप ऊपर के दोनों विकल्प नहीं चुनते तो भी आपका अकाउंट मैच्योरिटी के बाद चलता रहेगा. इसमें जरूरी नहीं आप निवेश करें. मैच्योरिटी अपने आप ही 5 साल के लिए बढ़ जाएगी. अच्छी बात ये है कि इसमें आपको ब्याज मिलता रहेगा. यहां भी 5-5 साल के पीरियड का एक्सटेंशन लागू हो सकता है.

PPF अकाउंट किसी भी सरकारी या प्राइवेट बैंक में खोला जा सकता है. साथ ही अपने शहर के किसी भी पोस्ट ऑफिस में भी अकाउंट खुलवा सकते हैं. नाबालिग भी अकाउंट खुलवा सकते हैं, लेकिन उनकी तरफ से पैरेंट्स की होल्डिंग 18 साल तक रहेगी. हालांकि, फाइनेंस मिनिस्ट्री के नियमों के मुताबिक, एक हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) PPF अकाउंट नहीं खुलवा सकते.Public Provident Fund में फिलहाल 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. इसी ब्याज दर के साथ अगर आप 15 या 20 साल के लिए निवेश करेंगे तो बड़ा फंड तैयार हो सकता है.

अगर आप 15 साल का मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद PPF अकाउंट को जारी नहीं रखना चाहते हैं तो इसे बंद कर सकते हैं। PPF के मैच्योरिटी अमाउंट को अपने सेविंग्स अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस में फॉर्म सबमिट करना होता है। साइन किए गए फॉर्म के साथ ओरिजनल पासबुक और कैंसिल्ड चेक (Cancelled Cheque) भी जमा करना है।

PPF अकाउंट को कोई भी भारतीय खुलवा सकता है। इसे नाबालिग के नाम पर भी खुलवाया जा सकता है। PPF फिक्स्ड ब्याज दर वाली स्कीम है लेकिन दर हर तिमाही पर बदलती है। मौजूदा ब्याज दर 7.1 फीसदी सालाना है। PPF अकाउंट जॉइंट में नहीं खुलवाया जा सकता लेकिन इसके लिए नॉमिनी बनाया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अपने नाम पर एक से ज्यादा PPF अकाउंट नहीं खुलवा सकता, फिर भले ही पोस्ट ऑफिस में खुलवाए या बैंक में। वैसे तो PPF अकाउंट को 15 साल का मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने से पहले बंद नहीं कराया जा सकता लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में ऐसा हो सकता है। 2016 में PPF नियमों में हुए संशोधनों के बाद PPF अकाउंट को गंभीर बीमारी का इलाज, बच्‍चों की उच्‍च शिक्षा आदि जैसी जरूरतों पर समय से पहले बंद कराया जा सकता है।

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