x
खेल

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में लगी सचिन तेंदुलकर की 22 फीट ऊँची प्रतिमा


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने बुधवार 1 नवंबर को वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर के स्टैच्यू का इनॉगरेशन किया। सेरेमनी शाम 5 बजे हुई। सचिन की प्रतिमा स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर स्टैंड के पास लगाई गई है। यह प्रतिमा उनके जीवन के 50 सालों को समर्पित है। इस साल अप्रैल में सचिन ने अपना 50वां जन्मदिन मनाया था।सचिन तेंदुलकर ने खुद अपने स्टेच्यू का अनावरण किया. इस मौके पर सचिन की वाइफ अंजलि और उनकी बेटी सारा तेंदुलकर भी मौजूद रही.

ये हस्तियां रही मौजूद

अनावरण समारोह में सचिन तेंदुलकर के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, ​​​​BCCI सचिव जय शाह, BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और NCP नेता शरद पवार भी मौजूद रहे। इस दौरान सचिन की पत्नी अंजलि और बेटी सारा भी मौजूद रहीं।दो दशकों के सफल करियर के बाद सचिन ने नवंबर 2013 में वानखेड़े स्टेडियम में ही अपना 200वां और अंतिम टेस्ट खेला था।

प्रतिमा को मूर्तिकार प्रमोद कांबले ने बनाया है

सचिन तेंदुलकर की प्रतिमा में उनका एक फेमस शॉट को चित्रित किया गया है और इसे सचिन तेंदुलकर स्टैंड के बगल में रखा गया है. इस प्रतिमा को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चित्रकार और मूर्तिकार प्रमोद कांबले ने बनाया है. एमसीए द्वारा निर्मित, क्रिकेट आइकन को उनके ट्रेडमार्क ‘लॉफ्टेड ड्राइव’ पोज में चित्रित करने वाली प्रतिमा वानखेड़े स्टेडियम में किसी भी दिग्गज के लिए पहली बार बनाई गई है. तेंदुलकर ने 2011 का वर्ल्ड कप भी इसी मैदान में जीता था.

सचिन क्रिकेट को परिवार से ऊपर रखते हैं – शाह

जय शाह बोले कि, सचिन तेंदुलकर क्रिकेट को अपने परिवार से भी ऊपर रखते थे। जब सचिन 1999 में वर्ल्ड कप खेल रहे थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बाद वह फिर से इंग्लैंड गए और केन्या के खिलाफ शतक बनाया और इसे अपने दिवंगत पिता और देश को समर्पित किया।शाह ने आगे कहा कि, सचिन ने ही सजेशन दिया था कि एमएस धोनी को टीम इंडिया का कप्तान बनाया जाना चाहिए।

2013 के नवंबर में वानखेड़े स्टेडियम में ही इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया था संन्यास

आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने 10 साल पहले यानी 2013 के नवंबर में वानखेड़े स्टेडियम में ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था। इस मैदान से उनकी काफी यादे जुड़ी हैं। ऐसे में उन्हें खास सम्मान दिया गया। तेंदुलकर ने 2011 का वर्ल्ड कप भी इसी मैदान में जीता था। सचिन महाराष्ट्र के सुपुत्र हैं, हमें उन पर गर्व है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में शरद पवार और राजीव शुक्ला समेत बीसीसीसीआई सेक्रेटरी जय शाह भी मौजूद थे।

अंपायर को हाथ उठाने में भी होती थी दिक्कत

इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, ‘सचिन तेंदुलकर के आउट होने पर लोग अपने घरों में टीवी बंद कर देते थे, सचिन जी जब आउट होते तो अंपायर जी को आउट देते हुए हाथ उठाने में दिक्कत होती थी।’

मैंने अपना पहला रणजी मैच यहीं खेला- सचिन

स्टैच्यू बनने की बात पर सचिन तेंदुलकर ने इस साल मार्च में कहा था, ‘मुझे बहुत खुशी हो रही है। 1988 में वानखेड़े में यह सब शुरू हुआ। यहीं मैंने अपना पहला रणजी मैच खेला। मेरे प्रोफेशनल प्लेयर बनने से पहले यहीं पर कोच आचरेकर सर ने मुझे फटकार लगाई थी और उसके बाद से मैं एक सीरियस क्रिकेटर बन गया। ये मेरे लिए बहुत खास जगह है, इस जगह से मेरी बहुत ही खास यादें जुड़ी हुई हैं। वानखेड़े स्टेडियम में मेरा स्टैच्यू बनना बहुत बड़ी बात है।’

वानखेड़े स्टेडियम में हुआ था 2011 वर्ल्ड कप फाइनल

2011 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ही खेला गया था। यहां भारत ने श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद वर्ल्ड कप अपने नाम किया। भारत पहली ऐसी मेजबान टीम बनी थी, जिसने वर्ल्ड कप जीता था। इससे पहले किसी टीम ने अपनी जमीन पर वर्ल्ड कप नहीं जीता था। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर का वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी पूरा हुआ था।

सीके नायडू के बाद दूसरी बार किसी भारतीय प्लेयर का स्टैच्यू लगा

सचिन भारत के दूसरे क्रिकेटर हैं जिनका स्टैच्यू स्टेडियम में लगा है। अब तक सिर्फ पूर्व भारतीय कप्तान कर्नल सीके नायडू के ही तीन अलग-अलग जगह स्टैच्यू लगे हैं। इनमें इंदौर का होलकर स्टेडियम, नागपुर का विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (VCA) स्टेडियम और आंध्र का YSR स्टेडियम शामिल है।

क्रिकेट का भगवान

सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है क्योंकि इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और शतकों का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है. सचिन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में 34 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं और उनके नाम 100 शतकों का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है.

Back to top button