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टेक्नोलॉजीविज्ञान

भारत ने Brahmos supersonic cruise missile की बढ़ाई रेंज, अब यहां तक कर सकता है वार


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मुंबई – पाकिस्तान पर मिसाइल गिरने के विवाद के बीच भारतीय वायुसेना के लिए एक शानदार खबर आई है. भारतीय वायुसेना के लिए ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल (BrahMos Cruise Missile) का अपग्रेडेड एयर लॉन्च वर्जन तैयार किया है. इसकी रेंज 800 किलोमीटर होगी. यानी हमारे फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं.

पहले इसकी रेंज 300 किमी थी, जिसे बढ़ाकर 500 किमी कर दिया गया था. लेकिन अब ये इससे भी ज्यादा दूरी तक मार कर सकेगी. इन मिसाइलों को सुखोई 30एमकेआई (Su-30MKI) लड़ाकू विमानों पर फिट किया गया है. समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज को हाल में बढ़ाकर 500 किमी करने में कामयाबी मिली थी. ऐसा सिर्फ सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने से संभव हो गया है. मिसाइल में कोई तब्दीली नहीं करनी पड़ी है. अब इस मिसाइल की क्षमता को 800 किमी तक करने में कामयाबी मिली है. लड़ाकू विमानों के जरिए बेहद ऊंचाई से भी इसे दूर तक छोड़ा जा सकता है.

भारतीय वायुसेना ने अपने 40 सुखोई विमानों पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइलें तैनात की हैं. ये मिसाइलें ज्यादा घातक और ज्यादा दूर तक दुश्मन को चोट पहुंचा सकती हैं. सुखोई विमानों को पहले तमिलनाडु के तंजावुर एयरबेस पर रखा जाता था, लेकिन चीन से साथ लद्दाख में टकराव के बाद इन्हें उत्तरी सीमा पर तैनात कर दिया गया है.

पिछले साल 8 दिसंबर 2021 वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया. मिसाइल ने तय मानकों को पूरा करते हुए दुश्मन के ठिकाने को ध्वस्त कर दिया. सुखोई-30 एमके-1 (Sukhoi-30 MK-1) फाइटर जेट में लगाए गए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) तकनीक का उपयोग किया गया है. ताकि इसकी गति और सटीकता और ज्यादा घातक हो जाए. इससे पहले ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण जुलाई 2021 में किया गया था. ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार को धोखा देना इसे बखूबी आता है. सिर्फ राडार ही नहीं यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है. इसको मार गिराना लगभगल अंसभव है.

ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टॉमहॉक मिसाइल की तुलना में दोगुनी अधिक तेजी से वार करती है. इसकी प्रहार क्षमता टॉमहॉक मिसाइल से कई गुना ज्यादा है. यह मिसाइल 1200 यूनिट की ऊर्जा पैदा करती है, जो किसी भी बड़े टारगेट को मिट्टी में मिला सकता है. हाल ही में एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल हरियाणा के सिरसा से उड़कर पाकिस्तान (pakistan) में 129 किमी अंदर मियां चन्नू में जाकर गिरी थी. सिरसा और मिया चन्नू के बीच की दूरी 277 किमी है. पाकिस्तान ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. हालांकि माना है कि ये मिसाइल हथियारों से लैस नहीं थी. भारत ने घटना पर खेद जताते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच बिठा दी है.

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