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ये फूड जो ख़ून में बढ़ाते है कोलेस्ट्रॉल , हार्ट अटैक की संभावना होगी तेज


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नई दिल्लीः खराब खान-पान की वजह से आजकल हर कोई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या से परेशान रहता हैं. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से हार्ट अटैक से लेकर दिल से संबंधित कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आजकलर बाहर का खाना, अनहेल्दी और प्रोसेस्ड फूड का लोग ज्यादा सेवन करते हैं, इस वजह से पेट में मैदा और तेल से बनी चीजें ही जाती है. तेल से बनी चीजों को खाने से कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का सबसे ज्यादा खतरा होता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से खून की नसें बंद हो सकती हैं, इस वजह से दिल से जुड़ा खतरा बढ़ जाता है.

दो प्रकार के होते है कोलेस्ट्रॉल

कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) एक ऐसा पदार्थ है, जो शरीर के लिए अच्छा भी है और बुरा भी। यही वजह है कि इसे दो नाम से जाना जाता है गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल। अच्छे को HDL (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) और बुरे को LDL (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कहा जाता है। शरीर के बेहतर कामकाज के लिए गुड कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से कई गंभीर जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।

कोलेस्ट्रॉल का निर्माण

शरीर में अस्सी फीसदी कोलेस्ट्रॉल का निर्माण लीवर के जरिए होता है। वहीं इसकी 20 फीसदी मात्रा भोजन के जरिए शरीर में पहुंचती है। इसके दो प्रकार होते हैं, एक कम घनत्व वाला लिपोप्रोटीन (एलडीएल) और दूसरा उच्च घनत्व वाला लिपोप्रोटीन (एचडीएल)। उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन यानी एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। शरीर में एलडीएल की मात्रा बढ़ जाने से कई गंभीर नुकसान होते हैं।माना जाता है कि खून की नसों में जब इस मोम की तरह दिखने वाले पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है, तो ब्लड फ्लो धीमा हो सकता है जिससे दिल से जुड़े रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।वास्तव में लीवर इसका निर्माण करता है लेकिन आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ भी इसकी मात्रा बढ़ाते हैं। हम आपको कुछ ऐसी ही खाने की चीजों के बारे में बता रहे हैं, जो एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का कारण बनती हैं। अगर आपको दिल को स्वस्थ रखना है, तो इनके सेवन से बचना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल से होने वाले नुकसान

शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर यह धमनियों में जमा हो जाता है और ब्लॉकेज का निर्माण कर देता है। यह शरीर के रक्तसंचार को बाधित करते हुए मष्तिष्क, आंखों, दिल, किडनी और शरीर के निचले हिस्से के अंगों को प्रभावित कर देता है।कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक की संभावना भी कई गुना तक बढ़ जाती है। क्येंकि यह हृदय की रक्त वहिनियों में जमा हो जाता है, जिससे हृदय तक रक्त संचार का कार्य बाधित होने लगता है। रक्त संचार के बाधित होने से हृदय पर दबाव बढ़ने लगता है, जो अंतत: हार्ट अटैक का कारण बनता है।शरीर में अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से आंखों को परेशानी होने लगती है। यह आंखों तक के रक्त संचार को बंद कर देता है, जिसके कारण आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है।

प्रोसेस्ड मीट

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, बाजार में मिलने वाले फ्रोजन और पैक्ड मीट को ज्यादा दिनों तक ठीक रखने के लिए लंबी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। प्रोसेस्ड मीट के कुछ उदाहरण सॉसेज, हॉट डॉग, बेकन, फ्रोजन कबाब आदि हैं।

जंक फूड

जंक फूड विभिन्न तरह के तेल, मसाले और मैदा से बनते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के काम करते हैं। इन खाद्य पदार्थों में चिप्स, नाचोस, मिल्क चॉकलेट, सोडा, फलों के स्वाद वाले पेय पदार्थ आदि शामिल हैं।

फ्राई फूड

Harvard Health के अनुसार, तेल में तले हुए खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल के लिए बहुत खराब होते हैं। ये खाद्य पदार्थ भी मोटापे का कारण बनते हैं। तला हुआ खाना हर किसी के लिए हानिकारक होता है।

मीठी चीजें

मीठी चीजों में शुगर की मात्रा अधिक होती है और इससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा होता है। आपको आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री, डोनट्स आदि जैसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। यह सभी चीजें दिल के लिए खतरनाक होती हैं।

फास्ट फूड


फास्ट फूड का चलन तेजी से बढ़ा है। इनमें शरीर को नुकसान देने वाले सभी तत्व होते हैं। यही शरीर में तेजी से खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। इनसे आपको मोटापे, हृदय रोग, डायबिटीज आदि का भी जोखिम होता है।

डेयरी उत्पादों

कुछ डेयरी उत्पाद जिनका आप नियमित रूप से सेवन करते हैं, शरीर में गंदा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं। फुल क्रीम दूध, पनीर और मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों से बचना या कम सेवन करने में ही भलाई है।

कोलेस्ट्रॉल को कैसे करें काबू में

कोलेस्ट्रॉल को काबू में रखने के लिए कम मात्रा की वसा वाली चीजों का सेवन करना चाहिए। आप थोड़ा बहुत नियंत्रण रख सबकुछ खा सकते हैं, साथ ही फिजिकल ऐक्टिविटी जैसे सुबह में टहलना, व्यायाम, योगा आदि क्रियाएं करते हुए आप अपने आप को बिल्कुल फिट रख सकते हैं। आपको अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए।

मछली चिकन से बेहतर है

जो लोग नॉनवेज के शौकीन हैं उनके लिए मछली से बेहतर कोई ऑप्शन ही नहीं है. मछली में मांस की तुलना में एक अलग पोषण प्रोफ़ाइल होती है. मछली ओमेगा से भरपूर होती है. 3 फैटी एसिड, थायमिन, सेलेनियम और आयोडीन समुद्री मछली और मीठे पानी की मछली के बीच अलग होते हैं. मछली को कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें वसा की मात्रा कम होती है.

पॉपकॉर्न चिप्स की तुलना में एक हेल्दी नाश्ता है

पॉपकॉर्न कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए एक बेहतर स्नैक है. यह फाइबर से भरा होता है और कैलोरी में कम होता है. इस बीच चिप्स में भारी मात्रा में ट्रांस फैट होता है जो शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ाता है.

क्विनोआ चावल से बेहतर ऑप्शन है

चावल के ऑप्शन में क्विनोआ कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए अच्छा है. क्विनोआ फाइबर से भरपूर होता है. एक कप क्विनोआ में 5 ग्राम डाइटरी फाइबर होता है. फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं और ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं. यह व्यक्ति को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है इसलिए व्यक्ति के अधिक खाने की संभावना कम होती है.

नमकीन कुरकुरे स्नैक्स से मेवे और बीज बेहतर होते हैं

नमकीन और कुरकुरे पैकेज्ड नाश्ता करने के बजाय, नट्स और बीजों का सेवन करें. नट और बीज एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. साथ ही ये प्लांट प्रोटीन और फाइबर के अच्छे स्रोत हैं. इन्हें नमकीन स्नैक्स से बदलकर कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है.

मिल्क चॉकलेट के ऊपर डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट एलडीएल और कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि डार्क चॉकलेट हृदय संबंधी खतरे और स्ट्रोक के खतरे को कम करती है. एक शोध अध्ययन में पाया गया कि हर सप्ताह एक बार चॉकलेट खाने से धमनियों के बंद होने का खतरा 8 प्रतिशत कम हो जाता है. डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनॉयड्स रक्त वाहिकाओं को आराम देता है. अगर आप एक नियमित मछली और मांस खाने वाले हैं, तो अपने भोजन में से कम से कम एक बार शाकाहारी भोजन से जरूर करें. सही पोषण के लिए सलाद, मौसमी सब्जियां और फल, मेवे और बीज आजमाएं.

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