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प्रेगनेंसी में ओरल हेल्थ का का रखें ध्यान,ये टिप्स आएंगे काम


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नई दिल्लीः गर्भावस्था के दौरान ओरल हेल्थ को मेनटेन बनाए रखना मां और होने वाले बच्चे दोनों की हेल्थ के लिए जरूरी है। इसकी अनदेखी कई तरह की समस्याओं की वजह बन सकती है। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी के वक्त ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए किन – किन बातों का ध्यान रखना है सबसे ज्यादा जरूरी।प्रेग्नेंसी एक ऐसा दौर है, जिसमें होने वाली मां की देखभाल बेहद ज़रूरी है. बच्चे और मां की सेहत बेहतर रहे इसलिए खानपान से लेकर रूटीन और दवाओं तक का ख़ास ध्यान रखा जाता है. लेकिन क्या आप जानती हैं प्रेग्नेंसी के दौरान ओरल हेल्थ का ख़्याल रखना भी बेहद ज़रूरी है. इसमें बरती गई लापरवाही न सिर्फ मां की सेहत के लिए बुरी साबित हो सकती है, बल्कि बच्चे के लिए भी ख़तरनाक होती है.

प्रेग्नेंसी एक महिला के जीवन का बहुत ही खास समय होता है। जिस दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इनमें से कुछ एक बदलावों को लेकर तो महिलाएं बहुत ज्यादा सतर्क रहती हैं, लेकिन कुछ एक की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं जाता, जिसमें से एक है ओरल हेल्थ। हॉर्मोन्स से होने वाले उतार-चढ़ाव का असर मसूड़ों पर भी पड़ता है और अगर इस ओर ध्यान न दिया जाए, तो इससे गंभीर इन्फेक्शन भी हो सकता है। इससे मां के साथ होने वाले बच्चे को भी खतरा हो सकता है। इसलिए बेहद जरूरी है गर्भावस्था में भी ओरल हाइजीन को बनाए रखना, तो आए जानते हैं किन बातों का ध्यान रखकर ओरल हाइजीन को रख सकती हैं मेनटेन।

दांतों की देखभाल पर ज़्यादातर लोगों का ध्यान नहीं जाता है. सुबह और रात, दो बार ब्रश करना ही उनके लिए काफी होता है. वहीं अगर प्रेग्नेंसी की बात करें, तो इस दौरान महिला अपने शारीरिक और मानसिक समस्याओं में इतनी ज़्यादा उलझी रहती है कि बाकी चीज़ों पर उसका ध्यान कम ही जाता है. एफईहेल्थकेयर के मुताबिक गर्भावस्था में ओरल हेल्थ का ध्यान रखा जाए, तो बच्चे के प्रीमैच्योर और कम वज़न के साथ जन्म लेने की आशंका कम होती है.

प्रेग्नेंसी में जिन जांचों को सबसे ज्यादा जरूरी माना जाता है उनमें डेंटल चेकअप भी शामिल है, लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस ओर ध्यान ही नहीं देती, क्योंकि वो इसे जरूरी नहीं समझती जबकि इसका कनेक्शन आपके साथ आपके होने वाले बच्चे की हेल्थ से भी जुड़ा हुआ होता है। नियमित जांच करवाते रहने से किसी भी तरह की परेशानी या इन्फेक्शन का समय रहते पता लगाया जा सकता है और सही समय पर इलाज करा उसे ठीक किया जा सकता है।गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलावों से मसूड़े की सूजन और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है, तो इससे बचने के लिए दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें। दांतों के साथ जीभ को भी साफ करना उतना ही जरूरी है। दांतों के बीच जमे खाने के कणों और प्लाक को हटाने के लिए रोजाना फ्लॉस करें।

करीब 70% महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं. इसे प्रेग्नेंसी जिंजीवाइटिस के नाम से जाना जाता है. लंबे समय तक नज़रअंदाज़ करने पर आगे चलकर यह जिंजीवाइटिस गंभीर बीमारियों की वजह भी बन सकती हैं. दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में हॉर्मोन लेवल तेज़ी से बदलता है, जिससे मसूड़ों में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है. यह मसूड़ों में सूजन और सेंसिटिविटी बढ़ाने की वजह बनता है. महिलाएं इस दौरान दांत साफ करने में दर्द का सामना करती हैं और इसी वजह से दांतों में फंसे खाने के कण और पनपने बैक्टीरिया ओरल हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके अलावा पेट में गैस और एसिडिटी बनने से टूथ इनेमल कमज़ोर होते चले जाते हैं.

हेल्दी और बैलेंस डाइट मां के साथ होने वाले बच्चे के विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। विटामिन और मिनरल्स, खासतौर से कैल्शियम, विटामिन डी और फास्फोरस से भरपूर फूड्स मजबूत दांतों और हड्डियों के लिए जरूरी हैं। अपनी डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स, पत्तेदार सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल करें। दांतों की सड़न और इनेमल के डैमेजिंग को रोकने के लिए मीठे चीज़ों और पेय पदार्थों को सीमित मात्रा में ही लें।प्रेग्नेंसी जिंजीवाइटिस मां के अलावा अजन्मे बच्चे के लिए भी खतरनाक होता है. इसकी वजह से मिसकैरेज, प्रीमैच्योर डिलीवरी, लो बर्थ वेट के अलावा बच्चे में ब्रेन इंजरी, देखने की क्षमता में कमी या फिर न सुन पाने जैसी समस्याएं भी विकसित हो सकती है. इसलिए मां और बच्चे दोनों की सेहत का ध्यान रखने के लिए खानपान और लाइफस्टाइल ओरल हेल्थ पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है.

गर्भवती महिलाओं को अक्सर हार्मोनल बदलावों और बढ़े हुए ब्लड सर्कुलेशन के परिणामस्वरूप मुंह सूखने का एहसास होता रहता है, अगर इस ओर ध्यान न दिया जाए, तो यह दांतों की सड़न और अन्य ओरल प्रॉब्लम्स की वजह बन सकता है। इस समस्या से बचे रहने के लिए दिनभर में अच्छी मात्रा में पानी पिएं, जिससे बॉडी हाइड्रेट रहे और ये समस्या न हो। इसके अलावा अपने मुंह में हेल्दी पीएच बैलेंस बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा मात्रा में शुगरी या एसिडिक ड्रिंक्स पीना अवॉयड करें।मॉर्निंग सिकनेस प्रेग्नेंसी में बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम है। उल्टी से मुंह में अम्लता बढ़ने के कारण यह ओरल हेल्थ पर असर डाल सकता है। एसिड को बेअसर करने और दांतों के इनेमल की सुरक्षा के लिए उल्टी के बाद अपना मुंह पानी या फ्लोराइड माउथवॉश से धोएं।

अंकित अग्रवाल, फैंग ओरल केयर के को-फाउंडर का कहना है कि, “गर्भावस्था के दौरान एक महिला कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों से गुजरती है, जिसके कारण मौखिक स्वच्छता के बारे में भूलना बहुत नॉर्मल होता है। लेकिन, यह न भूलें कि ओरल हेल्थ को किसी भी तरह नजरअंदाज करना आपके ओवरऑल हेल्थ पर पड़ सकता है भारी।”

प्रेग्नेंसी के दौरान मसूड़े सेंसटिव हो जाते हैं, इसलिए सॉफ्ट ब्रश का इस्तेमाल करें.
डेंटिस्ट की दी गई सलाह के हिसाब से दिन भर में एक या दो बार फ्लॉस ज़रूर करें.
मीठी चीज़ों को खाने से परहेज़ करें. ये दांत में चिपककर बैक्टीरिया की प्रॉब्लम बढ़ा सकते हैं.
डेंटिस्ट की सलाह के हिसाब से ही प्रेग्नेंसी में माउथवॉश का इस्तेमाल करें.
डेंटिस्ट को अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में बताएं और ज़रूरत के हिसाब से ट्रीटमेंट लें

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