x
राजनीति

Rajasthan Election: बाड़मेर जिले के कांग्रेस मंत्री ने चुनाव लड़ने से किया इनकार , तो कार्यकर्ताओं ने मनाने के लिए किया ये काम


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः राजस्थान में अब तक विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की पहली लिस्ट का इंतजार है. कई नेता विधायकी का टिकट पाने के लिए दिल्ली तक जाकर आलाकमान के चक्कर काट रहे हैं. वहीं मारवाड़ के कद्दावर किसान नेता और गहलोत सरकार में मंत्री हेमाराम चौधरी की अलग ही तस्वीर सामने आई है. चौधरी के चुनाव नहीं लड़ने से उनके समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता परेशान हैं. अब हजारों कार्यकर्ताओं ने जुटकर उन्हें मनाने की कोशिश की. कई समर्थक तो उनकी गोद में सिर रखकर रोने लग गए, इतना ही नहीं कई नेताओं ने अपनी पगड़ी हेमाराम चौधरी के पैरों में रख दी.

चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिशें

बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी विधानसभा में मंत्री हेमाराम चौधरी को विधानसभा चुनाव लड़ाने के लिए हजारों लोग एकत्रित हो गए. उन्होंने चौधरी को चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिशें की, लेकिन वे नहीं माने. बता दें कि मंत्री हेमा राम चौधरी ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान काफी समय पहले कर दिया था. इसके बावजूद भी कार्यकर्ताओं ने गुड़ामालानी विधानसभा मुख्यालय पर बड़ा कार्यक्रम किया. यहां हेमाराम चौधरी को बुलाया और उनके सामने हजारों की संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने और जनता ने चुनाव लड़ने उनसे चुनाव लड़ने के लिए कहा.

सियासी इमोशनल ड्रामा

वैसे तो अगले महीने राजस्थान के साथ चार और राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सबसे ज्यादा सियासी पारा यहीं गर्म है. एक तरफ बीजेपी की अंदरूनी कलह है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस में गहलोत और सचिन पायलट का खेमा है. इन सबके बीच दोनों ही दल एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं और अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.पर इन सब टकराहट के बीच यहां के सियासी मैदान में इमोशनल ड्रामा भी चल रहा है. हम बात कर रहे हैं गुड़ामालानी विधानसभा सीट की. यहां से मौजूदा विधायक हेमाराम चौधरी ने इस बार चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. पर उनके समर्थक उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मनाने में जी-जान से जुटे हैं. हेमाराम गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं

गोद में सिर रख रो पड़े समर्थक

कांग्रेस नेता और हेमाराम चौधरी के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. कई कार्यकर्ता और समर्थक तो उनके चुनाव नहीं लड़ने से इतने परेशान हो गए कि उन्होंने हेमाराम चौधरी की गोद में सिर रखा और रोने लगे. कई नेताओं ने तो अपनी पगड़ी तक उनके पैरों में रख दी, लेकिन हेमा राम चौधरी का कहना है कि वह लंबे समय तक राजनीति में रहे और जो हो सका वह काम किया है, लेकिन अब उम्र दराज हैं इसलिए चुनाव नहीं लड़ना चाहते.

नहीं लड़ना चाहते चुनाव

गौरतलब है कि हेमा राम चौधरी कद्दावर किसान नेता हैं. वे सचिन पायलट गुट के नेता माने जाते हैं. फिलहाल गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. हालांकि वे लंबे समय से चुनाव लड़ने से इनकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी में अपनी टिकट को लेकर भी आवेदन नहीं किया है. मैं चाहता हूं कि पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाए. हम उसका समर्थन करेंगे.

चुनाव न लड़ने की बताई ये वजह

हेमाराम ने अपने समर्थकों को बताया कि वह इस बार चुनाव इसलिए नहीं लड़ रहे क्योंकि जो वादे उन्होंने 2018 चुनावों में जनता से किए थे उन्हें पूरा नहीं कर पाए हैं. मैंने अपने क्षेत्र के लोगों से कई प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने का वादा किया था, लेकिन वो नहीं हो सके. जिस लोगों ने मुझे यहां तक पहुंचाया था, उनके लिए मैं कुछ नहीं कर पाया. अब फिर उनके पास जाना सही नहीं है.

कौन हैं हेमाराम चौधरी?

हेमाराम चौधरी कांग्रेस की तरफ से गुड़ामालानी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. अब तक वह 8 बार चुनावी मैदान में कूद चुके हैं. इसमें से 6 बार उन्हें जीत मिली है. खास बात ये है कि इन्हें हमेशा बड़े अंतर से ही जीत मिली है. अशोक गहलोत की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर हैं. इससे पहले राज्यमंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं. राजस्थान में जब बीजेपी की सरकार थी, तब यह नेता विपक्ष के रोल में थे. इन्हें सचिन पायलट गुट का नेता माना जाता है. सचिन पायलट ने जब अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत की थी, तब ये भी उनके साथ थे.

Back to top button