x
भारत

सेम सेक्स मैरिज को सबसे पहले इस देश ने दी थी मान्यता ,इन 22 देशों में बना कानून


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की याचिकाओं पर फैसला सुनाया. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्‍यता देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को समलैंगिकों के लिए उचित कदम उठाने के आदेश दिया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI) ने कहा कि ये संसद के अधिकार क्षेत्र पर निर्भर करता है.CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से वैध ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली 21 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है और न्यायालय कानून की केवल व्याख्या कर सकता है, उसे बना नहीं सकता.

दुनिया का पहला देश बना था नीदरलैंड

कुल 32 देशों में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता मिल चुकी है. इनमें से 22 को जनमत संग्रह और बाकी 10 को कोर्ट के आदेश के बाद मान्यता मिली. सलाल 2001 में नीदरलैंड दुनिया का पहला देश था, जहां सेम सेक्स मैरिज को मान्यता दी गई. वहीं, साल 2006 में दक्षिण अफ्रीका में सेमसेक्स मैरिज लीगल किया गया. साल 2019 में एशियाई देशों में ताइवान सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने वाला पहला एशियाई देश बना था. फिर 2015 में अमेरिका, इसके बाद स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड में भी मान्यता दे दी गई. इस लिस्ट में चिली, मेक्सिको, स्वीडन,आइसलैंड, फांस, जर्मनी, ब्रिटेन, फिनलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, स्पेन का नाम भी शामिल है.

विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम: CJI

CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से वैध ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली 21 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है और न्यायालय कानून की केवल व्याख्या कर सकता है, उसे बना नहीं सकता.

समलैंगिक विवाह देश की सांस्कृतिक के खिलाफ: भारत सरकार

केंद्र सरकार हमेशा से समलैंगिक विवाह की मांग के विरोध में रही है. भारत सरकार ने कहा कि ये न केवल देश की सांस्कृतिक और नैतिक परंपरा के खिलाफ है बल्कि इसे मान्यता देने से पहले 28 कानूनों के 158 प्रावधानों में बदलाव करते हुए पर्सनल लॉ से भी छेड़छाड़ करनी होगी.

34 देशों ने समलैंगिक विवाहों को वैध करार दिया

बता दें कि दुनिया के 194 देशों में से कुछ ही देशों ने सेम सेक्स मैरिज या समलैंगिक विवाह को मान्यता दी है. दुनिया भर में केवल 34 देशों ने समान-लिंग विवाहों को वैध बनाया है, जिनमें से 24 देशों ने इसे विधायी प्रक्रिया के माध्यम से, जबकि 9 ने विधायिका और न्यायपालिका की मिश्रित प्रक्रिया के माध्यम से यह किया है. जबकि दक्षिण अफ्रीका अकेला देश है, जहां इस प्रकार के विवाहों को न्यायपालिका द्वारा वैध किया गया है.

इन देशों में सेम सेक्स मैरिज को दी गई है मान्यता

केंद्र के मुताबिक, अमेरिका और ब्राजील प्रमुख देश हैं, जहां मिश्रित प्रक्रिया को अपनाया गया था. विधायी प्रक्रिया के माध्यम से समान-लिंग विवाह को वैध बनाने वाले महत्वपूर्ण देश यूके, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, स्विट्जरलैंड, आयरलैंड, स्वीडन, स्पेन, नॉर्वे, नीदरलैंड, फिनलैंड, डेनमार्क, क्यूबा, स्लोवेनिया और बेल्जियम हैं.

पिछले साल 3 देशों ने सेम सेक्स मैरिज को वैध बनाया

बता दें कि एंडोरा, क्यूबा और स्लोवेनिया, तीन ऐसे देश हैं जहां पिछले साल सेम सेक्स मैरिज को कानूनी रूप से वैध करार दिया गया है.साल 2015 में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने सेम-सेक्स मैरिज की इजाजत दी थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, स्विट्जरलैंड में भी ऐसी शादियों को मान्यता दी गई. वहीं आयरलैंड और स्विट्जरलैंड ने भी औपचारिक रूप से मान्यता दी है.इस लिस्ट में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, फिनलैंड, स्वीडन,आइसलैंड, डेनमार्क, बेल्जियम, चिली, मेक्सिको, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, स्पेन का नाम भी शामिल है.

होमोसेक्सुएलिटी अपराध नही

साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि होमोसेक्सुएलिटी अपराध नहीं है. कोर्ट ने IPC के सेक्शन 377 के तहत फैसला सुनाते हुए इसे अपराध की कैटेगरी से बाहर कर दिया था. ये देश का बहुत बड़ा कदम था, जिसका हर किसी ने सपोर्ट किया. लेकिन इसके बाद ये सवाल उठने लगे कि अगर दो होमोसेक्सुअल लोगों का साथ रहना अपराध नहीं है तो शादी करना गलत क्यों? इसी के चलते इस मामले को लेकर कुल 21 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई और कहा गया कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत सेम-सेक्स मैरिज को कानूनी इजाजत दी जाए.

इन देशों में मिलता है मृत्युदंड!

वहीं, कुछ करीब 64 देश ऐसे भी हैं, जहां सेम सेक्स मैरिज की स्वीकार्यता नहीं है. इनमें मलेशिया का नाम शामिल है जहां समलैंगिक विवाह अवैध है. जापान समेत सात बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश भी इस मैरिज को कानूनी अनुमति नहीं देते हैं. कुछ देश तो ऐसे है जहां मौत की सजा दी जाती है, इनमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कतर, मॉरिटानिया, सोमालिया, संयुक्त अरब अमीरात, उत्तरी नाइजीरिया और ईरान में बेहत सख्ती है. वहां शरिया अदाल

Back to top button