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Ganesh Visarjan 2023 : बप्पा को ऐसे करें विदा,जानें विसर्जन का मुहूर्त और विधि


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नई दिल्लीः 28 सितंबर 2023 को गणेश उत्सव समाप्त हो जाएगा. अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति जी को शुभ मुहूर्त और सही विधि अनुसार विदाई देनी चाहिए, तभी 10 दिन की पूजा का पूरा फल मिलता है.आज 28 सितंबर दिन गुरुवार को गणपति बप्पा हम सब से विदा हो रहे हैं. आज गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन हो रहा है, इसके साथ ही 10 दिनों के गणेश उत्सव का समापन हो जाएगा. 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी से प्रारंभ हुआ गणेश उत्सव आज भाद्रपद माह​ के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानि अनंत चतुर्दशी को खत्म हो रहा है. जिन लोगों ने 10 दिनों के लिए गणेश मूर्ति की स्थापना की थी, वे आज शुभ मुहूर्त में बप्पा को विदा करेंगे।

गणेश विसर्जन का मुहूर्त क्या है?

पचांग के अनुसार हर साल गणेश विसर्जन भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि को करते हैं.
चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: 27 सितंबर, बुधवार, रात 10 बजकर 18 मिनट से
चतुर्दशी तिथि का समापन: 28 सितंबर, गुरुवार, शाम 06 बजकर 49 मिनट पर
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त: आज, सुबह 06:11 बजे से सुबह 07:40 बजे तक, 10:42 ए एम से 03:11 पी एम तक, 04:41 पी एम से रात 09:12 पी एम तक.
रवि योग: सुबह 06:12 बजे से देर रात 01:48 बजे तक

आज का अशुभ समय

पंचक: पूरे दिन

(अनंत चतुर्दशी) भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि शुरू – 27 सितंबर 2023, रात 10.18
(अनंत चतुर्दशी) भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि समापन – 28 सितंबर 2023, शाम 06.49

गणेश विसर्जन की विधि

  1. आज स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और तिलक लगाएं. गणेश मूर्ति के समक्ष आसन पर बैठकर गणपति बप्पा की पूजा करें.
  2. ओम गं गणपतये नमो नम: मंत्रोच्चार के साथ गणेश जी की पूजा करें. गणेश विसर्जन के दिन गजानन विधि विधान से पूजा करें. इस दिन लाल, पीले रंग के वस्त्र पहनें।दूर्वा, मोदक, लड्‌डू, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, हल्दी, नारियल, फूल, इत्र, फल, अर्पित करें.घर या पंडाल जहां गणपति स्थापित किए हो वहां आरती और हवन करें.अब एक पाट पर गंगाजल छिड़कें. उसपर स्वास्तिक बनाकर लाल कपड़ा बिछाएं.
  3. इसके बाद घी के दीपक या कपूर से गणेश जी की विधिपूर्वक आरती करें. उसके बाद बप्पा से प्रार्थना करें कि वे सभी दुखों और पाप का अंत करें. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं. अपनी कृपा मुझ पर और पूरे परिवार पर बनाए रखें. आज हम आपको विदा कर रहे हैं लेकिन आप सदैव हमारे हृदय और घर में विराजमान रहेंगे. अगले साल भी आप गणेश चतुर्थी पर हमारे घर पधारें और आशीर्वाद दें.
  4. गणपति प्रतिमा और उन्हें अर्पित की सभी सामग्री पाट पर रखें और इसके बाद आप गणेश मूर्ति को स्थापित स्थान से हटाकर दूसरी जगह रख दें. उसके बाद अपनी मंडली को लेकर गणपति बप्पा को ढोल-बाजे के साथ खुशी-खुशी विदा करें..नदी, तालाब के तट पर विसर्जन से पूर्व दोबारा गणेश जी की कपूर से आरती करें. उन्हें केले का प्रसाद चढ़ाएं.गणेश उत्सव के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलती की माफी मांगे. अगले वर्ष पुन: पधारने की कामना करें.
  5. यदि आपने छोटे गणेश जी को रखा है तो घर पर ही बाल्टी या टब में पानी भरकर विसर्जित कर दें.
    -घर में ही प्रतिमा का विसर्जन किसी साफ बर्तन में कर सकते हैं.जब पानी में -प्रतिमा घुल जाए, तब ये पानी और मिट्टी घर के गमले में डाल सकते हैं बाद में उस -पानी और मूर्ति की मिट्टी को किसी पीपल के पेड़ के पास रख दें.
    -बड़े गणपति हैं तो तालाब, नदी आदि के किनारे उनको विसर्जित कर दें.
    -ॐ गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। यत्र ब्रह्मादयो देवाः, तत्र गच्छ हुताशन।- इस मंत्र का जाप करते हुए बप्पा को धीरे से जल में विसर्जित करें.
    -गणेश जी के साथ उन्हें अर्पित की चीजें सुपारी, पान, लौंग, इलायची और नारियल भी विसर्जित करना चाहिए.स्थापना के समय कलश पर रखे नारियल को भी जल में प्रवाहित करे दें. इसे फोड़ने की भूल न करें.

गणेश विसर्जन पूजा के मंत्र

ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
ऊँ मोदाय नम:
ऊँ प्रमोदाय नम:
ऊँ सुमुखाय नम:
ऊँ दुर्मुखाय नम:
ऊँ अविध्यनाय नम:
ऊँ विघ्नकरत्ते नम:

आज अनंत चतुर्दशी है. अनंत चतुर्दशी का व्रत भी रखा जाता है. आज भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं

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