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PPF अकाउंट हो गया है इनएक्टिव? तो ऐसे करें Active


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नई दिल्लीः आज के समय में ज्यादातर लोग पीपीएफ में निवेश करते हैं। भारत में पब्लिक प्रोविडेंट फंड को सबसे प्रसिद्ध छोटी बचत सेविंग योजना (Small Saving Scheme) माना जाता है। देश भर में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) में निवेश करने वालों की लंबी लाइन लगी हुई है। इस पॉपुलर स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेशक कम से कम 500 रुपये तक इन्वेस्ट कर सकते हैं। जबकि, 1.5 लाख रुपये तक की अधिकतम सीमा तय की गई है। हालांकि, इसमें निवेश करने के लिए निवेशकों द्वारा पीपीएफ अकाउंट खोला जाता है, जो अगर किसी कारण बंद यानी इनएक्टिव हो गया है तो आपको भारी नुकसान हो सकता है।

पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत की सबसे लोकप्रिय निवेश योजना है. इसके जरिए लंबे समय तक निवेश किया जा सकता है, जिस पर टैक्स में छूट मिलती है. इसमें निवेश की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष होती है, जिसे आप बढ़ा सकते हैं. यह योजना काफी लोकप्रिय इसलिए भी है, क्योंकि इसमें निवेशकों का पैसा सुरक्षित होने के साथ बढ़िया दर से रिटर्न मिलता है. पीपीएफ को साल 1968 में वित्त मंत्रालय के नेशनल सेविंग इंस्टीट्यूट ने जनता के लिए पेश किया था.

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पीपीएफ में निवेश करना काफी फायदेमंद और सुरक्षित होता है, क्योंकि इसकी गारंटी भारत सरकार लेती है. इस खाते को बैंक या डाकघर में आवेदन कर खोला जा सकता है. खास बात यह है कि पीपीएफ खाता एक ही खोला जा सकता है. अगर आप हर महीने इसमें निवेश की राशि जमा नहीं करेंगे, तो यह खाता इनएक्टिव (बंद) हो जाता है. अगर आपका खाता भी कोरोना महामारी के संकट में बंद हो गया है, तो इन तरीकों को अपनाकर एक्टिव करा सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको कुछ जुर्माना भी देना होगा.

क्या आपके पास पीपीएफ अकाउंट है, लेकिन वो किसी कारण बंद या इनएक्टिव कर दिया गया है? ऐसे में आपका घाटा हो सकता है। दरअसल, पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट के इनएक्टिव होने पर भले ही जमा रकम पर ब्याज मिलता रहता है, लेकिन इसके कई नुकसान भी है।सरकार की ओर से चलाई जाने वाली छोटी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) सबसे पॉपुलर स्कीमों में से एक है। इसमें आप केवल 500 रुपये प्रतिवर्ष का निवेश कर लाभ उठा सकते हैं, लेकिन कई बार देखा जाता है कि कुछ लोग लगातार योगदान नहीं कर पाते हैं और उनका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। अगर आपका PPF अकाउंट योगदान न देने की वजह से बंद हो गया है तो आप आसानी से अपने अकाउंट को दोबारा शुरू कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए कुछ जुर्माने का भुगतान करना होगा।

बात करें पीपीएफ अकाउंट के इनएक्टिव होने के नुकसान की तो आपको लोन नहीं मिलेगा। इसके अलावा जब अपने खाते को फिर से एक्टिव करवाएंगे तो आप पर चार्ज के तौर पर फाइन लगेगा। हालांकि, बैंक और डाक घर दोनों अपने पीपीएफ खाते को फिर से एक्टिव करने के लिए अलग-अलग चार्ज लिया जा सकता है।अगर आप अपने पीपीएफ अकाउंट में कम से कम 500 रुपये वार्षिक जमा नहीं कर पाते हैं, तो फिर आपका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। हालांकि, इनएक्टिव होने के बाद भी आपके पीपीएफ अकाउंट पर हर साल ब्याज मिलता रहता है।

इनएक्टिव पीपीएफ अकाउंट को फिर से एक्टिव करने के लिए आप अपने डाक घर या बैंक के ब्रांच जा सकते हैं। यहां पर आपको एक आवदेन पत्र देना होगा। साथ ही आपका पीपीएफ खाता जितने साल तक बंद रहा, उतने साल के हिसाब से आपको 500 रुपये जमा करने होंगे। उदाहर के लिए अगर आपका पीपीएफ खाता 4 साल तक बंद था तो 500 को 4 से गुणा करते हुए आपको 2000 रुपये जमा करने होंगे। इसके साथ ही आपको प्रत्येक साल के हिसाब से 50 रुपये का जुर्माना देना होगा।

पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव होने के कारण काफी सारे नुकसान होते हैं। जितने साल आपका अकाउंट बंद रहता है, उतने साल का आपको जुर्माना भरना पड़ता है। साथ ही आपको पीपीएफ पर लोन भी नहीं मिलता है।अगर आपको पीपीएफ अकाउंट को खुलवाए हुए 15 साल से अधिक का समय हो चुका है, तो अकाउंट दोबारा एक्टिव नहीं हो पाएगा।

जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपका पीपीएफ अकाउंट की 15 साल की लॉक-इन अवधि पहले ही पूरी हो गई है तो आपका अकाउंट फिर से एक्टिव नहीं हो सकेगा। इसके अलावा जिन खाताधरक के पास इनएक्टिव पीपीएफ खाते है तो वो अपने नाम से दूसरा PPF Account नहीं खुलवा सकेंगे।पीपीएफ निवेश की काफी अच्छी योजना है और ब्याज भी अक्सर एफडी के मुकाबले कुछ अधिक रहता है। मौजूदा समय में सरकार की ओर से पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। इसमें निवेश करने पर एक व्यक्ति इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक की छूट मिलती है।

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