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जानिए क्या है ई-रूपी वाउचर,नॉन बैंक कंपनियों को मिली अनुमति


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नई दिल्ली – आम लोगों के लिए भी ई-रूपी वाउचर जारी किए जा सकते हैं. क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नॉन-बैंकिंग कंपनियों को प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट के जरिए ई-रूपी वाउचर जारी करने की मंजूरी दे दी है. यानि अब नॉन-बैंकिंग कंपनियां भी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट के जरिए ई-रूपी वाउचर जारी कर सकेंगी. इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने व्यक्तियों की ओर से ई-रूपी वाउचर जारी करने की भी अनुमति दी है.

अगस्त 2021 में डिजिटल बाउचर e-RUPI को लॉन्च किया गया था. यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम पर चलता है. मौजूदा समय में इस वाउचर को बैंकों की ओर से केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से एक सीमित सीमा तक जारी किया जाता है. यह एक डिजिटल पेमेंट का तरीका है. सरकार इस तरीके का उपयोग अपने वेलफेयर स्कीम के लिए कर रही है. इस तरीके से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीके पैसे मिल जाते हैं और किसी मिडिलमैन की आवश्यकता नहीं होती है. इसमें सिर्फ एक QR Code के स्कैन करने पैसे व्यक्तियों के अकाउंट में आसानी से और जल्दी चले जाते हैं.

ई-रूपी एक डिजिटल वाउचर है जो एक ग्राहक को उसके फोन पर एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में मिलता है. यह एक प्रीपेड वाउचर है, जिसे वह स्वीकार कर सकता है और इसे किसी भी सेंटर पर रिडीम कर सकता है. उदाहरण के लिए, यदि सरकार किसी अस्पताल में किसी कर्मचारी के विशेष उपचार को कवर करना चाहती है, तो वह भागीदार बैंक के माध्यम से निर्धारित राशि के लिए ई-रूपी वाउचर जारी कर सकती है. कर्मचारी को उसके फीचर फोन/स्मार्ट फोन पर एक एसएमएस या एक क्यूआर कोड प्राप्त होगा. वह निर्दिष्ट अस्पताल में जा सकते हैं, सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपने फोन पर प्राप्त ई-रूपी वाउचर के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं.

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