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PPF या FD कौन-सी स्कीम में निवेश करने से होगा जबरदस्त फायदा,जानें पूरी डिटैल


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नई दिल्लीः आजकल हर कोई निवेश का ऐसा ऑप्शन देखता है, जिसमें अच्छे ब्याज के साथ ही पैसों की गारंटी भी मिले. अगर आप भी किसी स्कीम में पैसा लगाने का सोच रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि आप पीपीएफ या फिर बैंक एफडी कहां पर निवेश करें. दोनों ही सरकारी स्कीम हैं, लेकिन आप पहले ये जान लें कि आपको कहां पर ज्यादा फायदा मिलेगा.

एक अच्छा निवेश आपको कम समय में बढ़िया रिटर्न दे सकता है। देश में कई लोग बैंक की एफडी, सरकारी बचत योजनाओं से लेकर म्यूचुअल फंड, स्टॉक मार्केट और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि म्यूचुअल फंड, स्टॉक मार्केट और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किए गए पैसे बाजार जोखिमों के अधीन आते हैं। इन क्षेत्रों में निवेश किए गए पैसों पर कितना रिटर्न मिलेगा यह बाजार के व्यवहार द्वारा तय होता है। यही एक बड़ी वजह है, जिसके चलते देश में ज्यादातर लोग अपने बचत के पैसों को ऐसी जगह पर निवेश करते हैं, जहां पर किसी प्रकार के बाजार जोखिमों के खतरों का सामना न करना पड़े। सुरक्षित निवेश विकल्पों में निवेश करने की बात जब सामने आती है। ऐसे में ज्यादातर लोग पीपीएफ और एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं पीपीएफ या एफडी किसमें निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है?

पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम में आप 15 साल तक निवेश कर सकते हैं. 15 साल के टेन्योर के बाद आप स्कीम को 5 साल के लिए 3 बार ब्लॉक में बढ़ा सकते हैं.इसमें कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. वर्तमान में इस स्कीम में जमा राशि पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. इसमें आपकी इनकम और मैच्‍योर‍िटी अमाउंट दोनों आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्‍शन 80C के तहत टैक्‍स फ्री हैं.इसके अलावा FD में इन्वेस्टमेंट की सुविधा आपको 7 दिन से 10 साल तक के लिए मिलती है. भारतीय स्टेट बैंक जनरल पब्लिक को 3 फीसदी से 7.10 फीसदी और सीनियर सिटीजन को 3.50 फीसदी से 7.60 फीसदी तक का ब्याज दे रही है.

पैसे कमाने के साथ ही इसका सही जगह निवेश भी उतना ही आवश्यक होता है. आमतौर पर मार्केट में निवेश के कई विकल्प मौजूद है लेकिन आज भी बहुत से लोग निवेश के लिए सरकारी स्कीम या बैंक एफडी (Bank FD) पर ही विश्वास करते हैं. अगर आप भी सरकार की पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम (Public Provident Fund) या एफडी स्कीम (FD Scheme) में से किसी एक में निवेश करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आपके लिए कौन का ऑप्शन बेहतर है.

ध्यान देने वाली बात ये है कि दोनों ही स्कीम मार्केट जोखिम से दूर है. देश में बढ़ती महंगाई के कारण पिछले कुछ महीनों में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगातार अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया है. इसके बाद कई बैंक ग्राहकों को लंबी अवधि में 8 से 9 फीसदी तक ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि एफडी या पीपीएफ में से किस स्कीम में निवेश बेहतर है. आइए जानते हैं किस स्कीम में निवेश पर आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF Scheme) सरकार द्वारा चलाई जाने वाली छोटी बचत योजनाओं में से एक है. इस स्कीम की सरकार हर तिमाही में ब्याज दर तय करती है. इस स्कीम में निवेश करके आप बिना नौकरी के भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत आप 15 साल तक निवेश कर सकते हैं और कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. 15 साल की अवधि पूरी होने के बाद आप स्कीम की अवधि को 5 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं. इस स्कीम के तहत जमा राशि पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री है. इसके साथ ही स्कीम में निवेश की जाने वाली राशि पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है.

देश में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए देश के कई प्राइवेट और सरकारी सेक्टर के बैंकों को अपनी एफडी की ब्याज दरों (FD Scheme) में इजाफा किया है. देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर के बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने 7 दिन से लेकर 10 साल की एफडी पर 3.00 फीसदी से लेकर 6.50 फीसदी और सीनियर सिटीजन को 3.50 फीसदी से लेकर 7.50 फीसदी तक ब्याज दर ऑफर कर रहा है. वहीं अमृत कलश स्कीम के तहत बैंक 7.10 फीसदी और 7.60 फीसदी ब्याज दर ऑफर कर रहा है. वहीं एचडीएफसी बैंक 7 दिन से 10 साल तक की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 3.00 फीसदी से लेकर 7 फीसदी और सीनियर सिटीजन को 3.50 फीसदी से लेकर 7.75 फीसदी ब्याज दर ऑफर कर रहा है.

ब्याज दर की बात करें तो पीपीएफ स्कीम में कंपाउंडिंग के आधार पर रिटर्न मिलता है. वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में सामान्य या कंपाउंडिंग दोनों में से कोई भी तरीके का ब्याज दर ऑफर किया जा सकता है. अगर आप छोटी अवधि के लिए निवेश की प्लानिंग बना रहे हैं तो आपके लिए एफडी एक बेहतर विकल्प है. वहीं लंबी अवधि के निवेश के लिए पीपीएफ स्कीम एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है.

आमतौर पर बाजार में कई इन्वेस्टमेंट स्कीम है, लेकिन एक बेहतर स्कीम का चुनाव करना एक मुश्किल काम हो सकता है इसलिए आज भी लोग PPF या FD जैसी सरकारी स्कीम पर ही भरोसा करते हैं. ये दोनों ही स्कीम बाजार जोखिम से दूर है. अगर आप भी सरकार की पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम या एफडी स्कीम में से किसी एक में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो हम आपको बताएंगे कि आपके लिए कौन सा ऑप्शन बेहतर है.

इस स्कीम में आप 15 साल तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. 15 साल के टेन्योर के बाद आप स्कीम को 5 साल के लिए 3 बार ब्लॉक में बढ़ा सकते हैं. इसमें कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. वर्तमान में इस स्कीम में जमा राशि पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. इस स्कीम में कुछ शर्तों के साथ PPF प्री-मैच्योर क्लोजर किया जा सकता है. इसमें आपकी इनकम और मैच्‍योर‍िटी अमाउंट दोनों आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्‍शन 80C के तहत टैक्‍स फ्री हैं.

बैंकों का फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD) इन्वेस्टमेंट का एक भरोसेमंद और सेफ ऑप्‍शन में से एक है. FD में इन्वेस्टमेंट की सुविधा आपको 7 दिन से 10 साल तक के लिए मिलती है. बाजार के हालात चाहे जो हों इसमें आपके डिपॉजिट पर तय ब्‍याज मिलता है. फिक्स्ड डिपॉजिट में सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज मिलता है. भारतीय स्टेट बैंक जनरल पब्लिक को 3% से 7.10% और सीनियर सिटीजन को 3.50% से 7.60% तक का ब्याज दे रही है.

इन्वेस्टमेंट के नजरिए से देखें तो ये दोनों ही ऑप्शन बेहतर हैं. लेकिन अगर हम इंटरेस्ट रेट को देखें तो वर्तमान में PPF स्कीम FD से ज्यादा ब्याज दे रही है. अगर आप टैक्‍स बेन‍िफ‍िट के साथ लॉन्‍ग टर्म र‍िटायरमेंट सेव‍िंग को प्रायोरिटी देते हैं तो PPF आपके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन हो सकता है.

अगर पीपीएफ और एफडी में तुलना करें, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम में आपको कंपाउंडिंग के आधार पर ब्याज दर मिलती है। वहीं एफडी में सामान्य या कंपाउंडिंग दोनों में से किसी एक तरीके के आधार पर ब्याज दर को ऑफर किया जाता है। छोटी अवधि निवेश के लिए एफडी एक अच्छा विकल्प है। वहीं लंबी अवधि निवेश के लिए आप पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं। 

लेकिन अगर आपसाथ गारंटीड रिटर्न पाना चाहते हैं तो FD एक अच्छा ऑप्शन है. PPF एक सरकारी स्कीम है, इसमें 15 साल का लॉकिन पीरियड होता है अगर आप मैच्योरिटी से पैसे निकालना चाहते हैं तो, इसकी अनुमति 6 साल के बाद ही मिलती है.अगर हम इंटरेस्ट रेट को देखें तो वर्तमान में PPF स्कीम FD से ज्यादा ब्याज दे रही है. अगर आप टैक्‍स बेन‍िफ‍िट के साथ लॉन्‍ग टर्म रिटायरमेंट सेव‍िंग को प्रायोरिटी देते हैं तो PPF आपके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन हो सकता है.

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