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Tata ला सकती है देश में सबसे बड़ा IPO,अभी LIC के पास है ये रिकॉर्ड


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नई दिल्लीः टाटा समूह को भारत के सबसे पुराने और विशाल कारोबारी घरानों में गिना जाता है. समूह के पास पहले से ही एक से बढ़कर एक शानदार उपलब्धियां हैं और अब एक नया रिकॉर्ड उसके नाम होने वाला है.देश के सबसे बड़े बिजनेस घरानों में से एक टाटा ग्रुप जल्द ही 55,000 करोड़ रुपये का आईपीओ ला सकता है. ये देश में अब तक आए एलआईसी के 21,000 करोड़ और पेटीएम के 18,300 करोड़ रुपये के आईपीओ से भी कई गुना बड़ा होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक फैसले की वजह से अब टाटा ग्रुप इस आईपीओ लाने पर विचार कर रहा है.

टाटा भारत का एक ऐसा ब्रांड है, जो दशकों से हर किसी के लिए जाना-पहचाना नाम है. टाटा समूह का कारोबारी साम्राज्य इस कदर विशाल है कि शायद ही कोई ऐसा मिले, जिसने अपने जीवन में किसी न किसी तरीके से टाटा के प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं किया हो. रोज खाने में इस्तेमाल होने वाले नमक से लेकर महीन काम निपटाने वाले सॉफ्टवेयर तक, टाटा के खजाने में सब है. 100 साल से भी पुराने इतिहास में टाटा ने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं और अब समूह शेयर बाजार में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाना वाला है, जो अभी तक कभी नहीं हुआ है.

साल 2018 में जब आईएलएंडएफएस (IL&FS) जैसी बड़ी इंवेस्टमेंट कंपनी फेल हुई, तब आरबीआई ने 2021 में नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए कुछ कड़े नियम बना दिए. इसी के चलते टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस को ‘अपर लेयर एनबीएफसी’ के तौर पर नोटिफाई किया. उसे सितंबर 2022 तक लिस्ट कराने का समय दिया गया था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया.

हम बात कर रहे हैं आईपीओ की. शेयर बाजार में पहले से टाटा के कई शेयर लिस्टेड हैं. आखिरी बार टाटा समूह का आईपीओ करीब 2 दशक पहले आया था, जब समूह की आईटी कंपनी टीसीएस बाजार में उतरी थी. उसके बाद अब टाटा समूह के घराने से नए आईपीओ निकलकर आने वाले हैं. अभी टाटा के आईपीओ के नाम पर महीनों से टाटा टेक्नोलॉजीज की चर्चा हो रही है. इस बीच एक ताजे नियामकीय बदलाव ने टाटा समूह के एक और आईपीओ की राहें तैयार कर दी है.

आरबीआई के टाटा संस को अपर लेयर एनबीएफसी के तौर क्लासिफाई करने की वजह से अब उसे सितंबर 2025 तक खुद को शेयर मार्केट में लिस्ट कराना होगा. इस तरह वह कई सारे शेयर मार्केट लिस्टिंग नियमों के दायरे में स्वत: आ जाएगी.टाटा संस की मार्केट वैल्यूएशल करीब 11 लाख करोड़ रुपये होने की है. ऐसे में कंपनी आईपीओ के रास्ते शेयर बाजार में लिस्ट होती है और महज 5 प्रतिशत हिस्सेदारी को भी पब्लिक करती है, तब भी ये आईपीओ 55,000 करोड़ रुपये का होगा, जो देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा.

अब टाटा समूह से जो नया आईपीओ आ सकता है, वह समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस का होने वाला है. रिजर्व बैंक ने रेगुलेशंस में कुछ बदलाव किया है. बदलावों के तहत रिजर्व बैंक ने टाटा संस को अपर-लेयर एनबीएफसी की कैटेगरी में डाला है. टाटा संस इस कैटेगराइजेशन से बचने के विकल्पों पर गौर कर रही है. इस मामले में जो सबसे सरल विकल्प है, वह है बाजार में लिस्ट होने का. अगर टाटा संस बाजार में लिस्ट होने का विकल्प चुनती है तो उसे इसके लिए आईपीओ लाने की जरूरत पड़ेगी.

आरबीआई ने टाटा ग्रुप की टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेस को भी ‘अपर लेयर एनबीएफसी’ में रखा है. ऐसी देश में कुल 15 कंपनी चुनी गई हैं. अगर टाटा संस शेयर बाजार में लिस्ट होती है, तब टाटा ग्रुप को टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेस को लिस्ट नहीं कराना होगा. तब ये टाटा संस का ही हिस्सा होगी. वहीं टाटा ग्रुप इस कंपनी को एक और दूसरी कंपनी टाटा कैपिटल के साथ मिलाकर ‘लिस्टिंग-रेडी’ बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है.

मौजूदा नियमों के अनुसार, टाटा संस के पास बाजार में लिस्ट होने के लिए 2 साल का समय है. यानी टाटा संस को सितंबर 2025 से पहले आईपीओ लेकर आना पड़ेगा. अभी टाटा संस की वैल्यू करीब 11 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है. अगर आईपीओ आता है तो टाटा ट्रस्ट समेत टाटा संस के विभिन्न शेयरहोल्डर्स को हिस्सेदारी 5 फीसदी तक कम करनी पड़ेगी. टाटा संस में अभी सबसे ज्यादा 66 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट्स के पास है. इस हिसाब से कैलकुलेट करें 5 फीसदी होल्डिंग वाले आईपीओ की वैल्यू करीब 55 हजार करोड़ रुपये हो जाती है.

हालांकि अभी टाटा संस की लिस्टिंग के लिए टाटा ग्रुप के पास काफी वक्त है. ऐसे में वह कई और विकल्प पर विचार कर सकती है. टाटा ग्रुप चाहे तो टाटा संस को पुनगर्ठित कर सकता है, ताकि वह आरबीआई की ‘अपर लेयर एनबीएफसी’ लिस्ट से बाहर आ जाए, और उसे लिस्ट कराने की जरूरत ही ना पड़े.अभी तक भारत के बाजार में इतने बड़े साइज का आईपीओ नहीं आया है. भारतीय बाजार के इतिहास के सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड फिलहाल सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के पास है. एलआईसी पिछले साल 21 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई थी, जो भारतीय बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ. उससे पहले यह रिकॉर्ड पेटीएम के नाम था.

एलआईसी: 2022: 21 हजार करोड़ रुपये
पेटीएम (One97 Communications):2021: 18,300 करोड़ रुपये
कोल इंडिया: 2010: 15,200 करोड़ रुपये
रिलायंस पावर: 2008: 11,700 करोड़ रुपये
जीआईसी: 2017: 11,257 करोड़ रुपये

टाटा समूह उससे पहले टाटा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ लेकर आने की तैयारी में है. इसके लिए सेबी के पास ड्राफ्ट सौंपा जा चुका है और बाजार नियामक से डीआरएचपी को मंजूरी भी मिल चुकी है. यह आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस यानी ऑफर फोर सेल होने वाला है, जिसका मतलब हुआ कि इश्यू में मौजूदा शेयरहोल्डर अपनी होल्डिंग को बेचने का ऑफर देंगे. अभी इस आईपीओ की तारीख का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह आईपीओ अगले एक-डेढ़ महीने में पेश हो जाएगा.

टाटा समूह भारतीय शेयर बाजार में मजबूत उपस्थिति रखती है. देश की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी टीसीएस के अलावा भी टाटा की कई कंपनियां बाजार में लिस्टेड हैंउनमें टाटा मोटर्स और टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियां भी हैं व टाइटन और टाटा एलक्सी जैसे मशहूर मल्टीबैगर शेयर भी हैं. टाटा ग्रुप की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अभी समूह के 17 शेयर बाजार में ट्रेड हो रहे हैं.

टाटा संस के अलावा आरबीआई की अपर लेयर एनबीएफसी लिस्ट में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, बजाज फाइनेंस लिमिटेड, श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड, एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड, पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, चोलामंडलम इंवेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेस, टाटा कैपिटल फाइनेंस सर्विसेस, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेस, आदित्य बिड़ला फाइनेंस लिमिटेड, मुथूट फाइनेंस लिमिटेड और बजाज हाउसिंग फाइनेंस शामिल हैं.

पिछले साल लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का 21 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ (LIC IPO) आया था। यह इंडियन स्टॉक मार्केट में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। दूसरे नंबर पर है पेटीएम (वन 97 कम्युनिकेशंस) का 18 हजार 300 करोड़ रुपये का आईपीओ (Paytm IPO), जो साल 2021 में आया था। अब भारतीय शेयर बाजार में ऐसा आईपीओ आ सकता है, जिसके सामने ये दोनों बहुत छोटे दिखेंगे। वह आईपीओ 55 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है। वह आईपीओ होगा टाटा ग्रुप (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) का। अगर आरबीआई अपने नियम पर डटा रहा, तो टाटा संस को सितंबर 2025 से पहले यह आईपीओ (Tata Sons IPO) लाना पड़ेगा।

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