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Online Gaming पर 28% GST का रास्ता साफ,संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित


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नई दिल्लीः लोकसभा से आज यानी 11 अगस्त को GST संशोधन विधेयक 2023 पारित हो गया है। यानी अब ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28% GST लगाने का रास्ता साफ हो गया है। यह अधिनियम 1 अक्टूबर से लागू हो सकता है। 28% GST लागू होने के 6 महीने बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन संसद ने ऑनलाइन गेम कैसीनो और घुड़दौड़ के लिए सभी अंकित मूल्य के दांवों पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने के लिए केंद्रीय और समेकित जीएसटी नियमों में संशोधन पारित किया। लोकसभा ने केंद्रीय माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 और एकीकृत वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी है।

गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST काउंसिल की 51वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कसीनो पर 28% टैक्स लगाने का अंतिम फैसला किया गया था। इन पर अब तक 18% टैक्स लगता था। सरकार ने गेम ऑफ स्किल और गेम ऑफ चांस को एक जैसा माना। वहीं कैंसर की दवा डिनुटूक्सिमैब के इम्पोर्ट पर लगने वाले GST को भी हटाने की मंजूरी दी थी।सिनेमा हॉल में खाने-पीने की चीजों के बिल पर लगने वाले GST को कम करने की सिफारिश को भी मंजूरी मिली थी। अब इनमें 18% के बजाय 5% GST लगेगा। रेयर डिजीज में इस्तेमाल होने वाले फूड फॉर स्पेशल मेडिकल पर्पज (FSMP) पर अब GST नहीं लगाने का फैसला लिया।

लोकसभा में आज दो धन विधेयकों, केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023, और एकीकृत वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी।संसद से बिल के पास होने के बाद अब राज्य अपने-अपने विधानसभाओं में राज्य जीएसटी कानूनों में संशोधन वाला बिल पारित कराएंगे।गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से सरकार ने जुलाई 2023 में 1,65,105 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इसमें सालाना आधार पर 11% की ग्रोथ हुई है। जुलाई 2022 ये 1,48,995 करोड़ रुपए रहा था। जुलाई में लगातार पांचवीं बार ऐसा है कि रेवेन्यू कलेक्शन 1.6 लाख करोड़ से ऊपर गया है।इससे पहले जून में ये 1,61,497 करोड़ रुपए रहा था। हालांकि अब तक सबसे ज्यादा GST कलेक्‍शन अप्रैल 2023 में था, जब ये आंकड़ा 1.87 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया था। इसके अलावा लगातार 17 महीने से देश का GST कलेक्‍शन 1.4 लाख करोड़ रुपए से ऊपर बना हुआ है।

आपको बता दें कि यह संशोधन कैसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग में आपूर्ति के टैक्सेशन पर स्पष्टता प्रदान करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की अनुसूची III में एक प्रावधान शामिल करने से संबंधित हैं और आईजीएसटी अधिनियम में संशोधन ऑफशोर संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गए ऑनलाइन मनी गेमिंग पर जीएसटी देयता लगाने के प्रावधान को शामिल करने से संबंधित है।
GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे वैराइटी ऑफ प्रीवियस इनडायरेक्ट टैक्स (वैट), सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और कई इनडायरेक्ट टैक्स को रिप्लेस करने के लिए 6 साल पहले 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं। हालांकि गोल्ड और गोल्ड ज्वेलरी पर 3% टैक्स लगता है।

संशोधन के बाद अब ऑफशोर संस्थाओं को भारत में जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक होगा। यह संशोधन, पंजीकरण और टैक्स भुगतान प्रावधानों का पालन करने में विफलता के मामले में विदेशों में स्थित ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों तक पहुंच को अवरुद्ध करने का भी प्रावधान करेगा।आपको बता दें कि केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) कानूनों में संशोधन को पिछले सप्ताह जीएसटी परिषद ने मंजूरी दे दी थी। आपको बता दें कि जुलाई के महीने में हुई जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ में प्रवेश स्तर के दांव के फुल फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया था।

इस फैसले के बाद ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी कई कंपनियों ने इस फैसलों से आपत्ति जताई थी जिसके बाद दोबारा जीएसटी काउंसिल की 51वीं बैठक हुई जिसमें 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने वाला फैसला बरकरार रखा गया।इसी समय यह भी फैसला लिया गया था कि इस कानून के लागू होने के 6 महीने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। आपको बता दें ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत टैक्स 1 अक्टूबर से लागू होगा।

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