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पाकिस्तान में जल्द होंगे आम चुनाव, जनता आर्थिक तंगी से जूझ रही


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नई दिल्लीः पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बीत दिन कैबिनेट के आर्थिक समन्वय (ECC) की बैठक की अध्यक्षता की और आगामी चुनाव कराने के लिए 42.528 अरब रुपये (लगभग 149 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की मंजूरी दी। बता दें कि पाक पिछले काफी समय से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।पाकिस्तान में कुछ समय पहले अलग-अलग इलाकों से राशन की दुकानों पर लूटमार और आटे को लेकर हुई लड़ाइयों की खबरें सामने आई थीं। ये सब इसलिए हुआ क्योंकि पाकिस्तान सरकार नगदी संकट और वहां की जनता आर्थिक तंगी का सामना कर रही है।प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि नेशनल असेंबली 12 अगस्त को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और आम चुनाव संविधान के अनुसार होंगे।पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता इमरान खान पिछले साल अप्रैल में सदन से बाहर होने के बाद से ही शीघ्र चुनाव की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कई बार इमरान समर्थकों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किए थे।

बिजनेस रिकॉर्डर अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में चुनाव के लिए धन की मांग करने के अनुरोध के बाद वित्त मंत्री ने यह निर्णय लिया। ECP ने ECC को सूचित किया कि अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी के अनुसार, वह अगले आम चुनाव कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है और इस उद्देश्य के लिए, उसने पहले ही वित्त प्रभाग से धन के आवंटन के लिए अनुरोध किया है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को कैबिनेट के आर्थिक समन्वय (ईसीसी) की बैठक की अध्यक्षता की और इस अरबों के चुनावी बजट को मंजूरी दी। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में चुनाव के लिए धन की मांग करने के अनुरोध के बाद वित्त मंत्री ने यह निर्णय लिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ECC ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 में आम चुनावों के संचालन के लिए ECP के लिए 42.528 अरब रुपये के टेक्निकल सप्लीमेंट्री ग्रांट को मंजूरी दी है, जिसमें कहा गया है कि शुरुआत में 10 अरब रुपये जारी किए जाएंगे।
ECP ने पहले ही घोषणा कर दी है कि नेशनल असेंबली का कार्यकाल पूरा होने पर या कार्यकाल समाप्त होने से पहले सदन भंग होने पर वह समय पर चुनाव कराने के लिए तैयार है।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, पाकिस्तान को आने वाले चुनाव को देखते हुए और वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता के साथ चल रही 3 बिलियन अमरीकी डालर की स्टैंडबाय व्यवस्था से परे किसी एक और फंड की व्यवस्था करने की आवश्यकता है। आईएमएफ ने 2019 ईएफएफ के तहत धन के वितरण को रोकने का फैसला किया। पाकिस्तान लगातार आईएमएफ के सामने गिड़गिड़ाया तब जाके आईएमएफ ने पाकिस्तान के तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम को अंतिम मंजूरी दे दी है।

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