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यमुना का पानी पहुंचा ताजमहल तक,विश्व प्रसिद्ध स्मारक होगा पानी पानी


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नई दिल्ली – देश की राजधानी दिल्‍ली के तमाम इलाकों को जलमग्‍न करने के बाद यमुना नदी का पानी अब आगरा तक पहुंच गया है। मंगलवार को यमुना का जलस्तर 499.97 फीट तक पहुंच गया, जिसके बाद यमुना नदी अपने किनारों को तोड़ते हुए शहर में पहुंच गई हैं. यमुना का पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया है। इससे लोगों को ‘मोहब्बत की निशानी’ ताजमहल की फिक्र सताने लगी है.हालांकि ताज महल को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी कि ASI के बयान से थोड़ी राहत मिली है। ASI का कहना है कि बढ़े हुए जलस्‍तर से ताज महल को किसी तरह का खतरा नहीं है।

यमुना का जलस्तर 499 फीट के ‘मध्यम बाढ़ स्तर’ को पार कर गया है। मंगलवार को आगरा में यमुना का जलस्तर 499.97 फीट तक पहुंच गया, जिसके कारण पानी ताजमहल की दीवारों के करीब आ गया। नदी का पानी दीवारों के इतना करीब आने से स्मारक के पीछे बना बागीचा जलमग्न हो गया। ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने मंगलवार को कहा, ‘वर्ष 2010 में और उससे पहले 1978 में यमुना का पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंचा था। वर्ष 1978 की बाढ़ में पानी स्मारक के तहखाने के कमरों में घुस गया था।’

ताजमहल को लेकर लंबे समय तक काम कर चुके हैं, उनका कहना है कि यमुना का जल ताजमहल के आसपास के निचले इलाकों तक पहुंचा है। इसके कारण मेहताब बाग डूब गया है. लेकिन ये ताजमहल के अंदर नहीं घुसा है। अगर यमुना का पानी ताजमहल के अंदर घुस भी जाए तो भी ताजमहल को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है क्‍योंकि ताजमहल की नींव को ही एक लकड़ी पर रखा गया है, जो पानी से और ज्‍यादा मजबूत हो जाती है. वहीं दीवारों की अगर बात करें तो ताजमहल की दीवारें पत्‍थर से बनी हैं, इसलिए उनको भी यमुना के पानी से नुकसान का कोई खतरा नहीं है।

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