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World Blood Donor Day : बेहद लाभकारी है रक्तदान,जानें फायदे

नई दिल्लीः दुनियाभर में इलाज के दौरान खून की कमी होने की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है. लेकिन जब कोई इंसान रक्‍त या प्‍लाजमा दान करता है तो यह एक जीवन रक्षक उपहार की तरह लोगों की जान बचाने का एक बहुत बड़ा जरिया बन जाता है. रक्‍तदान करना दूसरों के लिए तो कई तरह से फायदेमंद है ही, यह रक्‍तदाता की सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होता है.

रक्तदाता दो तरह के होते हैं…एक जो मजबूरी में रक्तदान करते हैं। इन्हें रिप्लेसमेंट डोनर कहा जाता है और दूसरे वो, जो मजबूत इच्छा शक्ति के साथ रक्तदान करते हैं। इन्हें वाॅलंटियर डोनर कहा जाता है। आपका एक यूनिट खून चार लोगों का जीवन बचा सकता है, इसलिए विश्व रक्तदाता दिवस पर एक मजबूत रक्तदाता बनने का संकल्प लीजिए। तनाव करता है दूर – हेल्‍थलाइन के मुताबिक, जब आप रेग्‍युलर बेस पर रक्‍तदान करते हैं तो यह आपके शारीरिक ही नहीं, मानसिक सेहत को भी प्रभावित करता है और इससे आपका स्‍ट्रेस लेवल कम होता है. मेंटल हेल्‍थ फाउंडेशन के मुताबिक, रक्‍तदान करने से आपका स्‍ट्रेस लेवल कम होता है, आप इमोशनली बेहतर महसूस करते हैं. यही नहीं, आप खुद को नकारात्‍मक भावनाओं से दूर रख पाते हैं और आइसोलेशन से खुद को बचा पाते हैं.

14 जून को कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म हुआ था। यही वे वैज्ञानिक हैं, जिन्हें ए, बी और ओ रक्त समूह खोजने का श्रेय दिया जाता है। इस खोज के लिए ही लैंडस्टीनर को वर्ष 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी खोज चिकित्सा की दुनिया में मील का पत्थर मानी जाती है, क्योंकि इसके बाद जरूरतमंद मरीज को रक्त चढ़ाने की शुरुआत हुई…और इसीलिए 2004 से लैंडस्टीनर के जन्मदिन को हर साल विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है…रक्त दो, प्लाज्मा दो, जीवन में हिस्सा दो। रक्त कृत्रिम तौर पर बनाया नहीं जा सकता। एक व्यक्ति के शरीर में 5 से 6 लीटर रक्त होता है। वह हर 90 दिन में रक्तदान कर सकता है। रक्त से लाल कणिकाएं, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा और क्रायोप्रेसिपिटेट अलग कर उपयोग किए जाते हैं। प्लाज्मा 24 से 48 घंटे, लाल रक्त कोशिकाएं तीन सप्ताह और प्लेटलेट्स व श्वेत रक्त कोशिकाएं मिनटों में फिर बन जाती हैं।

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