शादी में मेहंदी क्यों लगाती है दुल्हन
नई दिल्ली – भारतीय संस्कृति में विवाह को विशेष स्थान दिया गया है। भारत में शादी एक सामाजिक त्योहार की तरह है जिसमें दो लोग अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करके एक-दूसरे के हो जाते हैं। इन्हीं शादी रस्मों में से एक है मेंहदी, जिसमें इसे दूल्हा-दुल्हन के हाथों और पैरों में लगाया जाता है। शादी में मेहंदी लगाने की रस्म ज्यादातर राज्यों में प्रचलित है। यह रस्म शादी के कुछ दिन पहले की जाती है। जिसमें दुल्हन के हाथों और पैरों में मेहंदी लगाकर खूबसूरत डिजाइन बनाई गई है। यह रस्म दूल्हा-दुल्हन के परिवार के सदस्यों और दोस्तों द्वारा निभाई जाती है।
शादी के वक्त दूल्हा-दुल्हन दोनों ही काफी घबराए हुए होते हैं। मेहंदी प्रकृति में ठंडी होती है जिसके कारण यह शरीर के तापमान को बनाए रखती है और शरीर को ठंडक देती है। इसलिए दूल्हा-दुल्हन को मेहंदी लगाई जाती है। इतना ही नहीं प्राचीन काल में मेंहदी का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी किया जाता था।
शादी में मेहंदी लगाने की रस्म का धार्मिक और सामाजिक महत्व होता है। इसके अलावा मेहंदी को खूबसूरती और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस रस्म से दुल्हन का रंग निखरता है और उसकी खूबसूरती बढ़ती है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में मेहंदी समेत 16 श्रंगार का जिक्र है। मेहंदी दुल्हन की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती है। मेहंदी को प्यार की निशानी माना जाता है, इसके रंग के बारे में कहा जाता है कि मेहंदी का रंग जितना चमकीला होगा, दुल्हन का जीवनसाथी उससे उतना ही ज्यादा प्यार करेगा।