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हनुमान जन्मोत्सव : जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


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नई दिल्ली : हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) के रूप में मनाया जाता है। चैती पूनम के नाम से जानी जाने वाली इस पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का पर्व भी मनाया जाता है। 5 अप्रैल को पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो चुकी है वहीं इसका समापन 6 अप्रैल को होगा। सनातन धर्म के मुताबिक चैत्र पूर्णिमा पर विधिवत पूजन अर्चन, व्रत, स्नान और दान आदि करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

हनुमान जी की पूजा में सिंदूर, लाल फूल, जनेऊ, कलश, चमेली का ताल, लाल कपड़ा, गंगाजल, कलश, इत्र, सरसों, धूप, अगरबत्ती, कपूर, तुलसी, पंचामृत, नारियल, पीला फूल, चन्दन, फल, केला, बेसन के लड्डूच, लाल पेड़ा, मोतीचूर के लड्डू, चना , गुड़, पान, पूजा की चौकी , अक्षत आदि प्रयोग करें। चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि दिनांक 05 अप्रैल को सुबह 09:19 से लेकर अगले दिन दिनांक 06 अप्रैल को सुबह 10:04 मिनट पर होगा। दिनांक 06 अप्रैल को ही हनुमान जंयती मनाई जाएगी।

मध्यरात्रि में अष्टलक्ष्मी की पूजा करें और 6 अप्रैल की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सुबह सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें, ध्यान रखें कि स्नान करने वाले पानी में गंगाजल की कुछ बूंद जरूर डाल लें। गरीब जरूरतमंद को कच्चे अन्न का दान करें। चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए इस दिन सच्चे मन से सुंदरकांड का पाठ करने से भी बहुत लाभ मिलता है।

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