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आज मनाया जा रहा है यूपी दिवस -जाने पूरा इतिहास


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नई दिल्ली – इस ऐतिहासिक क्षण में उत्तर प्रदेश विधानसभा की बात न हो तो बेमानी होगी. एक समय यूपी लेजिस्लेटिव असेंबली में 228 विधानसभा सदस्य ही थे, जो आज बढ़कर 403 हो गए हैं.

अंग्रेजों के राज में भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत चुनाव हुए और 1 अप्रैल 1937 को पहली बार यूपी विधानसभा की बैठक पहली बार आहूत की गई. तब यूपी विधानसभा यानी यूनाइटेड प्रोविंस असेंबली में महज 228 सदस्य थे. उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के बाद उतर प्रदेश विधानसभा में 403 विधायक तय किए गए. इसके अलावा एक एंग्लो इंडियन मेंबर भी नामित किया जाता है. हालांकि भारत के नए संविधान के तहत 2 फरवरी 1950 को पहली बार अस्थायी उत्तर प्रदश विधानसभा का पहला सत्र आहूत किया गया.

उत्तर प्रदेश का ये 74वां स्थापना दिवस है. पहले ये यूनाइटेड प्रोविंस नाम से जाना जाता था. 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत से बदलकर इसका नाम उत्तर प्रदेश रखा गया.हालांकि यूपी दिवस औपचारिक तौर पर मनाने की परंपरा उत्तर प्रदेश में पुरानी नहीं है. ये 2017 में बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद शुरू हुआ. इससे पहले महाराष्ट्र में बीजेपी नेता अमरजीत मिश्र 1989 से वहां इसका आयोजन करते थे. उन्होंने महाराष्ट्र के नेता राम नाईक के यूपी का राज्यपाल बनने के बाद यूपी दिवस आयोजित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन सपा सरकार ने प्रस्ताव खारिज कर दिया.

संयुक्त प्रांत की विधानसभा पहली बार 1 अप्रैल 1937 को आहूत की गई. 31 जुलाई 1937 को पुरुषोत्तम दास टंडन विधानसभा के पहले सभापति यानी स्पीकर और अब्दुल हकीम उपसभापति चुने गए. आजादी के बाद विधानसभा पहली बार 3 नवंबर 1947 को आहूत हुई. 4 नवंबर 1947 विधानसभा ने सारी कार्यवाही हिन्दी में करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई.

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