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चीनी सरकार के खिलाफ लोगों के हाथों में सादा सफेद कागज?


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नई दिल्ली – चीन की ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ और सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा तेज होता जा रहा है। प्रदर्शनकारी बीजिंग, शंघाई और वुहान जैसे बड़े शहरों की सड़कों पर उतर चुके हैं। इस विरोध प्रदर्शन के बीच एक खास चीज ने लोगों का ध्यान खींचा है। वह है- ‘कोरा कागज।’

शंघाई में सरकार के खिलाफ एकत्र हुए लोगों के हाथों में सादा सफेद कागज देखने को मिला था। इसके बाद बीजिंग में भी प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथों में भी कागज थे। इसके अलावा कुछ अन्य जगहों पर भी विरोध प्रदर्शनों में लोगों के हाथों में सादे सफेद कागज देखने को मिले थे। इसके पीछे की वजह हॉन्ग कॉन्ग में 2020 में हुए प्रदर्शन में छिपी है। उस दौरान वहां के लोगों ने सरकार की ओर से लाए गए नए सुरक्षा कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

चीन के कई शहरों में शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों में एक बात सामान्य है। वह है कि लोग कोरा कागज लेकर सड़क पर उतर रहे हैं और इसे लहराते हुए राष्ट्रपति जिनपिंग के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। देखते ही देखते कोरे कागज का टुकड़ा सरकार विरोधी प्रदर्शन का प्रतीक बन चुका है। बीजिंग के सिंघुआ विश्वविद्यालय के छात्र हों या शंघाई की सड़कों पर उतरे लोग सभी के हाथ में कोरे कागज का टुकड़ा है।

चीन में इस तरह के प्रदर्शन के बारे में लोगों का कहना है कि इस तरह का प्रदर्शन, प्रशासन के सामने एक चुनौती भी है कि क्या उन्हें कुछ भी न कहने के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है? इसी तरह शंघाई के प्रदर्शनों में शामिल एक महिला का कहना है कि निश्चित रूप से कागज पर पर कुछ भी नहीं लिखा है, लेकिन हम जानते हैं उस पर क्या लिखा है।

शिनजियांग क्षेत्र की राजधानी उरुमकी में भीषण अग्निकांड में कम से कम 10 लोगों की मौत के बाद चीन के प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे और गुस्साए लोगों ने यह सवाल उठाये थे कि क्या अग्निशमन दस्ते या जान बचाने का प्रयास कर रहे लोगों को कोविड प्रतिबंधों के कारण रोक दिया गया था। गंभीर प्रतिबंधों से नाराज प्रदर्शनकारियों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से पद छोड़ने की मांग की है।

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