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G20 शिखर सम्मेलन : यूक्रेन युद्ध पर पीएम नरेंद्र मोदी की बड़ी बात,विश्व की निगाहें भारत पर


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नई दिल्ली – पीएम नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के बाली में चल रहे जी-20 सम्मेलन पहुंच चुके है,रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी ने फिर बड़ा बयान दिया है। जैसा कि पहले से ही पूरे विश्व की निगाहें भारत के प्रधानमंत्री पर टिकी थीं और सबको उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री कुछ न कुछ बड़ा बयान जरूर देंगे। पीएम मोदी ने अपने उसी अंदाज में यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा कि “मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया था। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का प्रयास किया। अब बारी हमारी है।”

वक्त की जरूरत है कि शांति, सद्भाव और सुरक्षा के लिए मजबूती से कदम बढ़ाए जाएं। पीएम मोदी ने कहा कि हमें भरोसा है कि अगले साल जब हम बुद्ध और महात्मा गांधी की धरती पर मिलेंगे तो दुनिया को शांति का संदेश देने में कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया में खाद्यान्न का संकट पैदा हो रहा है और सप्लाई चेन भी कमजोर हुई है। उन्होंने कहा कि हमने देश में खाद्य सुरक्षा के लिए नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा पारंपरिक फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। मिलेट्स के जरिए यह संभव होगा और इससे दुनिया में कुपोषण एवं भूख से निपटा जा सकेगा।

पीएम मोदी ने बाली में कहा भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। बाजरा वैश्विक कुपोषण और भूख को भी दूर कर सकता है। हम सभी को अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष को बड़े उत्साह के साथ मनाना चाहिए। वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है। 2030 तक हमारी आधी बिजली अक्षय स्रोतों से पैदा होगी। समावेशी ऊर्जा संक्रमण के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त और प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति आवश्यक है।

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