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G-20 summit Bali: जी-20 सम्मेलन में अहम् मुद्दा होगा रूस-यूक्रेन का,सबकी नजर भारत पर


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नई दिल्ली – जी-20 सम्मेलन में रूस और यूक्रेन का मुद्दा अहम होगा। अमेरिका और भारत समेत विश्व के अन्य बड़े नेताओं के रुख पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध को अब नौ माह हो चुके हैं। मगर अभी तक यह किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच सका है। इस युद्ध की वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं डवांडोल होने लगी हैं। यूरोपीय देश मंदी की मार से परेशान हैं। ऐसे में पूरी दुनिया को भारत और अमेरिका से उम्मीद है कि इस युद्ध के खात्मे का कोई रास्ता दिखाया जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को यहां पहुंचेंगे। इस दौरान वह शिखर सम्मेलन के मुख्य सत्रों में हिस्सा लेंगे और कुछ द्विपक्षीय बैठके करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और इंडोनेशिया में प्रवासी भारतीय के एक सामुदायिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। हालांकि मोदी चीन के राष्ट्रपति शी से मुलाकात करेंगे या नहीं अभी यह स्पष्ट नहीं है। अगर दोनों के बीच मुलाकात होती है तो जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात होगी।

शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। रूस-यूक्रेन संघर्ष और उसके वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव यहां चर्चा का विषय रहेगा। हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच सोमवार को होने वाली एक बैठक पर भी सभी की नज़र है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। पुतिन के इस फैसले का पश्चिमी देशों के नेताओं की मंशा पर कोई असर नहीं पड़ता दिख रहा, जो यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ रूस की खुलकर निंदा करने को तैयार हैं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी लंदन से रवाना होने से पहले स्पष्ट कर दिया था, ‘‘ जी20 शिखर सम्मेलन इस बार हमेशा की तरह नहीं होगा।’’ इंडोनेशिया जी-20 का वर्तमान अध्यक्ष है। अगर दोनों के बीच मुलाकात होती है तो जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात होगी। दोनों नेताओं ने सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी, लेकिन तब दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी।

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