भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ ‘प्रचंड’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर
नई दिल्ली – जोधपुर में एक समारोह में देश के पहले भारत निर्मित हेलिकॉप्टरों के नए बैच को वायुसेना में शामिल किए जाने के तुरंत बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज ‘प्रचंड’ हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर से उड़ान भरने गए।फ्लाइंग गियर पहने रक्षा मंत्री अपने सह-पायलट के साथ लड़ाकू हेलीकॉप्टर के कॉकपिट में चढ़ गए। श्री सिंह इससे पहले राफेल लड़ाकू जेट सहित कई लड़ाकू विमानों की उड़ानें भर चुके हैं।
नाम है ‘प्रचंड’ pic.twitter.com/dCa3WGvw9A
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 3, 2022
चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद के बीच, भारतीय वायु सेना ने स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर – एलसीएच हासिल कर लिए हैं। उन्हें आज औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया गया। यह हेलीकॉप्टर अब जोधपुर एयरबेस पर तैनात है। इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती के बाद सीमा पर आतंकी गतिविधियों पर रोक लगेगी जिससे दुश्मन भड़क गए हैं. यहां यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर – LCH का निर्माण सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाता है।
“यह स्वदेशी रूप से निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) में एक सहज और आरामदायक उड़ान थी। यह किसी भी इलाके, मौसम और ऊंचाई में उड़ सकता है; इसमें हमला करने की क्षमता है। हमारा आदर्श वाक्य है – मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने उड़ान के बाद कहा।
Took a sortie in the newly inducted Light Combat Helicopter, ‘Prachand’ in Jodhpur today.
The LCH is the first indigenous Multi-Role Combat Helicopter designed and manufactured by HAL.
It has potent ground attack and aerial combat capability. pic.twitter.com/HccdCCs1Vj
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 3, 2022
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) के कॉकपिट के नीचे M621 तोप लगी है, जो 20 किलोमीटर की रेंज वाली एक स्वचालित तोप है और प्रति मिनट 800 राउंड फायर कर सकती है। इस तोप से दागी गई गोलियां 1005 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से दुश्मन की तरफ बढ़ती हैं। यह फ्रांसीसी कंपनी नेक्सटर द्वारा निर्मित है और इसका वजन 45.5 किलोग्राम है। जबकि लंबाई 86.9 इंच और बैरल यानी ट्यूब की लंबाई 57 इंच है।
इस हेलिकॉप्टर की स्पीड 270 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी लंबाई 51.1 फीट और ऊंचाई 15.5 फीट है। इस पर फायरिंग का कोई खास असर नहीं हो सकता। इसकी मारक क्षमता 50 किमी तक है और यह 16,400 फीट की ऊंचाई से हमला कर सकता है।एलसीएच में लेजर गाइडेड रॉकेट के अलावा मिस्ट्रल एयर-टू-एयर मिसाइल भी लगाई जा सकती है। जिसे फ्रांस की कंपनी मत्रा डिफेंस ने बनाया है। इस मिसाइल का वजन 19.7 किलोग्राम और लंबाई 1.86 मीटर है। जबकि फायरिंग रेंज 6 से 7 किलोमीटर है।
इन हेलीकॉप्टरों को आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान ऊंचाई वाले बंकरों को नष्ट करने के लिए तैनात किया जा सकता है। इन्हें जंगल क्षेत्रों में नक्सल अभियानों में जमीनी बलों की सहायता के लिए भी तैनात किया जा सकता है।