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चीनी खिलौनों पर अब भारत सरकार का सख्त रवैया


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नई दिल्ली – सरकारी एजेंसियां बड़े बंदरगाह, शॉपिंग मॉल और अन्य ठिकानों पर छापेमारी किए हुए है. अभी तक की कार्रवाई में एजेंसियों ने 168 छापे मारे हैं. इसके अलावा भी एजेंसियों की रेड जारी है.

बीआईएस ने देशभर में छापामार कार्रवाई में पाया कि खिलौनों की दुकान पर बिना सही लाइसेंस और मानकों से नीचे खिलौने बेचे जा रहे थे. बीआईएस के मुताबिक देश में खिलौनों की बिक्री अनिवार्य प्रमाणन स्कीम के तहत आती है. इस पर बीआईएस का क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर लागू होता है. इसके हिसाब से देश में आईएसआई मार्क के बिना ना तो खिलौने बनाए जा सकते हैं, ना ही उनकी बिक्री या आयात किया जा सकता है. ना ही ऐसे खिलौनों का वितरण हो सकता है.

देश में सरकार ने खिलौने बनाने के लिए कुल 982 कंपनियों को लाइसेंस दे रखा है जबकि 29 लाइसेंस विदेशी उत्पादकों को मिला हुआ है. कानून के बावजूद चॉकलेट, गिफ्ट, अन्य आइटम की आड़ में चीन से बिना BIS सर्टिफिकेट के खराब क्वालिटी का आयात किया जा रहा है. ये पूरी जानकारी BIS का 76th Foundation Day पर DG, BIS प्रमोद कुमार तिवारी ने दी थी.

बीआईएस ने जिन खिलौनों की दुकानों पर छापे मारे हैं, उनमें रिलायंस समूह के रिटेल स्टोर हेमलीज से लेकर आरचीज गैलरी तक शामिल हैं. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) की चीफ निधि खरे का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को बिना बीआईएस मार्क वाले खिलौनों की बिक्री को लेकर नोटिस भी जारी किया गया है.

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