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विज्ञान

ब्रह्माण्ड में धीमी गति से घूमने वाली गैलेक्सी की खोज हुई


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नई दिल्ली – इस तरह के पिंड वैज्ञानिकों को हैरत में डालने का काम रहे हैं. कुछ समय पहले ही ब्रह्माण्ड के बनने के कुछ करोड़ साल बाद जितना पुराने सुपरमासिव ब्लैक होल की खोज ने खगोलविदों ने हैरत में डाला था. अब आल्मा (ALMA) का उपयोग कर खगोलविदों की एक टीम ने शुरुआती ब्रह्माण्ड की एक धीमी गति से घूमने वाली गैलेक्सी (Slow Moving Galaxy) खोजी है. घूमती गैलेक्सी की श्रेणी में यह अब तक की सबसे युवा गैलेक्सी है लेकिन उसकी गति ने खगोलविदों को हैरान कर दिया है.

इसे मापने का एक ही तरीका यह है कि पूरे खगोलीय समय की सभी गैलेक्सी का विस्तार से मापन किया जाए और गैलेक्सी के विकास का नक्शा बनाया जाए. हाल ही में टोक्योकी वसेडा यूनिवर्सिटी खगोलविदों की टीम ने चिली स्थित आल्मा वेधशाला के जरे एक बहुत ही दूरस्थ गैलेक्सी का अवलोकन किया.

MACS1149-JD1 नाम की यह गैलेक्सीअभी सामान्य अवलोकन की लिहाज से बहुत ही ज्यादा धुंधली है. लेकिन इस गैलेक्सी का प्रकाश एक विशाल गैलेक्सी समूह से के पास से गुजरा और उसने MACS1149-JD1 के प्रकाश को ग्रैविटेशनल लेंसिंग के जरिए बड़ा कर दिया. ग्रैविटेशनल लेंसिंग में कोई विशाल ब्लैक होल या गैलेक्सी या गैलेक्सी समूह पीछे सेकिसी पिंड से आ रहे प्रकाश को अपने गुरुवत्व कारण मोड़ देते हैं जिससे पीछे का पिंड बड़ा दिखाई देता है.

MACS1149-JD1 गैलेक्सी का अस्तित्व तब से है जब हमारा ब्रह्माण्ड केवल 50 करोड़ साल पुराना था जिससे यह ज्ञात गैलेक्सी में से सबसे युवा गैलेक्सी हो गई है. शोधकर्ताओं ने आल्मा के जरिए गैलेक्सी की चक्रिका में दोहरी आयनीकृत ऑक्सीजन का अध्ययन किया. उन्होंने एक गैलेक्सी की चक्रिका की घूर्णन की गति और आकार का प्रतिमान विकसित किया और उसकी तुलना अवलोकनों से की.

घूर्णन गति मिल्की वे की गति से एक चौथाई कम है. वसेडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और इस शोधपत्र के सहलेखक आकियो के इनोयू ने बताया कि इस गैलेक्सी की घूर्णन गति बाद के युग में पाई गई गैलेक्सी और हमारी मिल्की वे गैलेक्सी के घूर्णन की गति से काफी कम है. और ऐसा लगता है कि MACS1149-JD1 अपने घूर्णन की गति को विकसित करने की शुरुआती अवस्था में है.

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