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भारत के शहरों में सूर्यग्रहण लगने समय,जीवन में क्या लाएगा बदलाव?


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नई दिल्ली – इस साल अमावस्या तिथि पर साल का दूसरा व आखिरी सूर्यग्रहण लग रहा है। हालांकि यह सूर्यग्रहण अमावस्या तिथि के समाप्त होने पर लग रहा है। दिवाली पर सूर्यग्रहण का ऐसा संयोग करीब 27 साल पहले 1995 में बना था।

25 अक्टूबर को आंशिक सूर्य ग्रहण (Solar Eeclipse 2022) होगा जो यूरोप, पश्चिमी एशिया, पूर्वोत्तर अफ्रीका और भारत के कुछ हिस्सों में देखा जाएगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक साथ आएंगे। भारत सरकार ने आंशिक सूर्य ग्रहण के समय की शहरवार सूची जारी की है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘भारत में, ग्रहण (Surya Grahan Kab Hai) दोपहर में सूर्यास्त से पहले शुरू हो जाएगा और अधिकांश स्थानों से देखा जाएगा। हालांकि, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों से ऐसा नहीं देखा जा सकता है।

सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी खाली आँखों से नहीं देखा जाना चाहिए। चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आँखों से न देखें क्योंकि यह आँखों को स्थाई नुकसान पहुँचा सकता है जिससे अंधापन हो सकता है। सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नं. शेड के झलाईदार काँच का उपयोग कर अथवा टेलेस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण कर इसे देखना।

ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक दिल्ली और मुम्बई में क्रमश: 1 घंटे 13 मिनट तथा 1 घंटे 19 मिनट की होगी। चेन्नई एवं कोलकाता में ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक क्रमश: 31 मिनट तथा 12 मिनट की होगी। ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी हिस्सों, पश्चमी एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा उत्तर हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा। भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। देश के सभी हिस्सों से वह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में परिलक्षित होगा।

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