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आयकर विभाग हजारों लोगों को भेज रहा नोटिस,जानिए वज़ह


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नई दिल्लीः बिना फाइन इनकम टैक्स भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक 31 जुलाई तक 6.77 करोड़ से अधिक लोगों ने अपना आईटीआर दाखिल किया जो पिछले साल की तुलना में 53.67 लाख ज्यादा है। पिछले साल की समान अवधि में 5.83 करोड़ लोगों ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया था। यानी इस साल 53.67 लाख लोगों ने पहली बार अपना आईटीआर भरा।

आयकर विभाग हजारों लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों में नोटिस भेज रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग की ओर से टैक्स नोटिस सेक्शन 143 (1) के तहत महाराष्ट्र और गुजरात के टैक्सपेयर्स को भेजा है और पूछा है कि उन्होंने धारा 80P के तहत कटौती का दावा क्यों किया है? आयकर विभाग ने जानकारी दी है कि 15 दिनों के अंदर टैक्सपेयर्स को इसका जवाब देना होगा. अगर जवाब नहीं दिया जाता है तो टैक्सपेयर्स को दोबार से नोटिस मिल सकता है.

कहा गया है कि इसके तहत केवल कॉपरेटिव सोसाइटी 15 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं, लेकिन यह तभी होगा, जब वह बैंकिंग या क्रेडिट फैसिलिटी, एग्रीकल्चर ​एक्टिविटी और कार्टेज इंडस्ट्रीज से कमाई कर रहे हैं.मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदाबाद के चार्टेड अकाउंटेंट राजू शाह ने बताया कि धारा 80 पी कटौती का दावा करने के लिए धारा 143 (1) (ए) के तहत गलत नोटिस भेजे जा रहे हैं. यह नोटिस सहकारी बैंकों को नहीं, बल्कि व्यक्तिगत के लिए भेजे जा रहे हैं. जबकि यह दावा सहकारी बैंकों की ओर से किया जाता है.

असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं और इनकी प्रोसेसिंग चल रही है. ऐसे में जिन भी आईटीआर में गड़बड़ी मिल रही है, उनपर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को टैक्स नोटिस भेज रहा है. जानकारी है कि फाइल किए गए रिटर्न में डीटेल्स मिसमैच होने को लेकर डिपार्टमेंट की ओर से हजारों टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे गए हैं. इन टैक्सपेयर्स के रिटर्न में उनके टैक्स स्टेटमेंट से अलग डीटेल मिली है, या फिर जो अमाउंट क्लेम किया गया है, वो गलत है.

सेक्शन 80P क्या है?
अकेला व्यक्ति इस कटौती के लिए पात्र नहीं हैं. यह विकल्प केवल सहकारी समितियों के पास मौजूद है. एक सहकारी समिति को अपनी कुल आय की गणना करते समय बैंकिंग या क्रेडिट सुविधाओं, कृषि गतिविधि और उत्पादों, या कुटीर उद्योग से आय प्राप्त होने पर धारा 80पी के तहत 15,000 रुपये से 20,000 रुपये के बीच की कटौती दी जाती है.

आखिर फिर क्यों भेजे गए नोटिस, क्या है मामला?
मनीकंट्रोल द्वारा उद्धृत अहमदाबाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजू शाह के अनुसार, धारा 80P कटौती का दावा करने के लिए धारा 143(1) (A) के तहत गलत नोटिस भेजे जा रहे हैं. चूंकि हमने अपने ग्राहकों के लिए इन कटौतियों का दावा नहीं किया है क्योंकि वे इसका दावा करने के लिए वे योग्य नहीं हैं. इन्हें नोटिस व्यक्तिगत आयकर रिटर्न (Individual Income Tax Return) के लिए भेजा जा रहा है, सहकारी समितियों द्वारा दाखिल रिटर्न के लिए नहीं.

ईमेल किए गए नोटिस में कहा गया है कि मूल्यांकन वर्ष 2023-23 के लिए धारा 80 पी के तहत कटौती का दावा नहीं किया जा सकता है और संबंधित करदाताओं से 15 दिन की समयसीमा में जवाब देने को कहा गया है.आईटीआर दाखिल होने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लोगों के रिटर्न का मिलान कर उन्हें जहां ज्यादा कटे हुए पैसे वापस कर रही है। वहीं जिन लोगों का आईटीआर मिलान नहीं हो रहा है, मिसमैच हो या फिर कोई गड़बड़ी मिल रही है उन्हें नोटिस भेज रही है। जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग अबतक 22000 टैक्सपेयर्स को इस सिलसिले में नोटिस भेज चुकी है।

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में एक अन्य चार्टर्ड अकाउंटेंट के हवाले से कहा गया है कि ज्यादा संपत्ति वाले व्यक्तियों को 2022-23 मूल्यांकन वर्ष के लिए जांच नोटिस प्राप्त हुए हैं. ऐसा उन व्यक्तियों के कारण होता है, जिन्होंने कई कटौतियों का दावा किया है.दरअसल, आपके दो टैक्स स्टेटमेंट होते हैं, Form16 और Form 26AS में आपके फाइनेंशियल रिकॉर्ड और ट्रांजैक्शन की डीटेल दर्ज होती रहती है, और जब आप अपना सालाना रिटर्न फाइल करते हैं तो टैक्स डिपार्टमेंट आपके रिटर्न की डीटेल्स को इन डॉक्यूमेंट्स से मैच करता है, अगर आपने कोई डीटेल नहीं भरी है, किसी इनकम की जानकारी नहीं दी है, किसी ट्रांजैक्शन की जानकारी नहीं दी है, या फिर टैक्स डिडक्शन ज्यादा क्लेम किया है, तो ये सब डिपार्टमेंट को पता चल जाता है, ऐसे में रिटर्न में मिसमैच होने को लेकर आपके पास टैक्स नोटिस का इंटिमेशन भेजा जाता है.

बताया जा रहा है कि आयकर विभाग फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग जिन टैक्सपेयर्स के रिटर्न में उनके टैक्स स्टेटमेंट से अलग डीटेल मिली है, या फिर जो अमाउंट क्लेम किया गया है उसके गलत पाए जाने पर नोटिस भेजकर जवाब मांग रही है।अगर आपके रिटर्न में टैक्स क्रेडिट मिसमैच है या आपने ज्यादा डिडक्शन क्लेम किया है तो आपको इसके लिए रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करना होगा. अगर TDS (tax decduted at source) में कोई गड़बड़ी है तो आपको अपने इंप्लॉयर/डिडक्टर को इसकी जानकारी देनी होगी और फिर उसे सही रिटर्न फाइल करना होगा. अगर आपको सेक्शन 143(1) इंटिमेशन आप रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट भी फाइल कर सकते हैं. आपको चालान को अपने आईटीआर में दिखाना होगा, आपके रिटर्न में जो टैक्स क्रेडिट क्लेम किया गया है, वो आपको Form 26AS से मैच होना चाहिए.

दरअसल दो तरह के टैक्स स्टेटमेंट होते हैं। इसमें पहला Form16 और दूसरा Form 26AS। इनमें टैक्स पेयर्स का फाइनेंशियल रिकॉर्ड और ट्रांजैक्शन की डीटेल दर्ज रहती है। ऐसे में जब कोई भी व्यक्ति अपना सालाना आईटीआर फाइल करता है तो आयकर विभाग दोनों का मिलना करती है।अगर दोनों के मिलान में कोई गड़बड़ी या फिर टैक्स डिडक्शन का क्लेम अधिक होता है तो आयकर विभाग नोटिस भेजकर उक्त व्यक्ति से और जानकारी की मांग करता है और रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के लिए कहता है।

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