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मकर संक्रांति 2024 : पतंगबाजी के है शौकीन,ये कानून जानकर रह जाएंगे हैरान


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नई दिल्लीः इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाएगा. इसको लेकर लोगों में अभी से पतंगबाजी का दौर शुरू हो गया है. प्रदेश में सुबह 6 से 8 बजे तक और शाम 5 से 7 बजे तक पतंगबाजी पर रोक लगा दी गई है. इतना ही नहीं, अगर इस दौरान यदि कोई पतंग उड़ाता पाया गया, तो वो सलाखों के पीछे जा सकता है.

पतंगबाजी का बेहद शौक है तो जान लिजिए ये कानून

मकर संक्रांति आते ही भारत के कई क्षेत्रों में पतंगबाजी शुरू हो जाती है. कई लोगों को ये त्यौहार सिर्फ इसीलिए पसंद भी है. वहीं पतंगबाजी से जुड़े कई फेस्विल भी आयोजित किए जाते हैं. जिसमें कुछ जनसेवक भी शामिल होते हैं.अगर आपको पतंगबाजी का बेहद शौक है तो जान लिजिए कि भारत में पतंगउड़ाना गैरकानूनी है और यदि कार्रवाई की जाए तो इसके लिए सजा का प्रावधान भी है.

प्रतिबंधित समय में पतंग उड़ाते मिलने पर गिरफ्तारी हो सकती है

मकर संक्राति से पहले ही थार नगरी के आसमान में पतंगों की छटा देखने को मिलने लगी है. लेकिन इसी बीच पाकिस्तान की सीमा पर बसे बाड़मेर में पतंगबाजी को लेकर खास फरमान निकाला गया है. इसके तहत सुबह और शाम दो-दो घण्टे पतंगबाजी पर रोक लगी रहेगी. प्रतिबंधित समय में पतंग उड़ाते मिलने पर गिरफ्तारी हो सकती है. चाइनीज मांझे पर भी पूरी तरह पाबंदी का आदेश जारी है.

चाइनीज और धातु मिश्रित मांझे पर रोक

हर साल चाइनीज और धातु मिश्रित मांझे से राहगीरों के कटने की घटनाओं को रोकने के लिहाज से बाड़मेर प्रशासन ने बाजार में इस मांझे के उपयोग, उसकी खरीद और बेचने पर रोक लगा दी है. जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित के मुताबिक मकर संक्रांति के अवसर पर जिले में करंट की आशंका वाले धातु मिश्रित मांझे और पक्षियों को चोट पहुँचाने वाले चाइनीज मांझे पर रोक रहेगी. यह आदेश आगामी दो माह के लिए प्रभावी रहेगा.

भारत में पतंगबाजी करना गैरकानूनी है

इसके अलावा कई बार पतंगबाजी करते समय लोग आपस में ही लड़ लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप कानूनी रूप से पतंगबाजी करने के दोषी मान लिए जाते हैं तो आपको सजा भी हो सकती है.आप सोचेंगे वो कैसे हो सकता है. तो बता दें कि भारत में पतंगबाजी करना गैरकानूनी है. साथ ही किसी व्यक्ति को पतंग उड़ाने में दोषी पाया जाता है तो उसके लिए सजा का भी प्रावधान है.दरअसल देश में लागू इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1834 के अनुसार देश में पंतग और गुब्बारे उड़ाने पर प्रतिबंध है. इस कानून को साल 2008 में संशोधित किया गया था.

4 घंटे बंद रहेगी पतंगबाजी

पतंग उड़ाने पर सुबह 6 से 8 बजे और शाम को 5 से 7 बजे तक रोक रहेगी. प्रशासन ने इस दौरान पतंगबाजी नहीं करने की अपील की है. सुबह वाला समय पक्षियों के घर से निकलने और शाम वाला समय उनके घर लौटने का होता है. ऐसे में सुबह और शाम दो-दो घण्टे पतंगबाजी पर रोक रहेगी.

मनमर्जी से पतंग बाजी पहुंचाएगी सलाखों के पीछे

नीले आसमान के तले, मन के बादलों को ऊंचाइयों पर ले जाने वाली रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाना किसे अच्छा नहीं लगता। लेकिन मनमर्जी से पतंग उड़ाना आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है और आप पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लग सकता है। मकर संक्रांति के दिन भी इस की छूट नहीं है। शायद आपको मालूम न हो, लेकिन हमारे देश में पतंग बाजी करना न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि दो साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान भी है। दरअसल, इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत देश में पतंग और गुब्बारे आदि उड़ाने पर प्रतिबंध है।

दो साल तक की जेल और जुर्माना दोनों दंड साथ

1934 के इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट की धारा 11 में कहा गया है कि जो कोई भी जानबूझकर एक विमान या पतंग को इस तरह से उड़ाता है जिससे किसी व्यक्ति को या जमीन या पानी या हवा में किसी भी संपत्ति को खतरा हो, उसे एक वर्ष की अवधि के लिए कारावास दिया जा सकता है। गंभीर हादसे की स्थिति में इसे एक साल और बढ़ा सकते हैं। यानी दो साल तक की जेल। वहीं, जुर्माना 10 लाख रुपये तक हो सकता है। या फिर सजा और जुर्माना दोनों दंड साथ में दिए जा सकते हैं।

2008 में किया गया था कानून में संशोधन

इस कानून पर अक्सर सवाल उठते हैं। इसे 2008 में कारावास की अवधि और जुर्माना राशि में बढ़ोतरी के साथ संशोधित किया गया बरकरार रखा गया था। लेकिन इसे बदला क्यों नहीं गया या निरस्त क्यों नहीं किया गया? यह अब भी बहस का विषय है। इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के अनुसार, एक विमान की श्रेणी में उड़ने वाली कोई भी मशीन या उपकरण, इनमें फिक्स्ड और फ्री गुब्बारे, ग्लाइडर, पतंग, एयरशिप और फ्लाइंग मशीन, ड्रोन और लालटेन भी शामिल हैं।

Patang Bazi लाइसेंस यानी पूर्वानुमति का प्रावधान

हालांकि, पतंग बाजी के शौकीन लोगों के लिए लाइसेंस यानी पूर्वानुमति का प्रावधान भी किया गया है। लेकिन बिना लाइसेंस के पतंग या गुब्बारे उड़ाने की अनुमति नहीं है। वहीं, लाइसेंस लेने को लेकर भी थोड़ी उलझन है। क्योंकि कुछ राज्यों और शहरों में लाइसेंस पुलिस थाने से लेना होता तो कुछ जगह भारतीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण से। इसलिए, जब भी कोई पतंग महोत्सव, बैलून फेस्टिवल, हॉट एयर बैलून फेस्टिवल, ड्रोन और ग्लाइडर उड़ाने से जुड़े कार्यक्रम होते हैं तो इसके लिए पुलिस, प्रशासन और भारतीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण से भी अनुमति लेनी होती है।

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