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भारतराजनीति

कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीजेपी से गठबंधन के फैसले के बाद डिप्टी CM ने बोला हमला

चंडीगढ़ – पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। इस बात की जानकारी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने मंगलवार को सिलेसिलेवार ट्वीट कर दी।

रवीन ठुकराल ने ट्वीट में लिखा की अगर किसान आंदोलन किसानों की भलाई के साथ सुलझ जाता है तो मैं 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के साथ सीटों को लेकर सहमति पर बात करूंगा। साथ ही एक जैसी सोच वाली पार्टियां जैसे अकाली समूह, खासकर कि ढींडसा और ब्रह्मपुरा के साथ सीटों की व्यवस्था पर बात की जाएगी।

कैप्टन के इस ऐलान पर अब हरीश रावत और सुखजिंदर सिंह रंधावा सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने हमला बोला है। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा की कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जिस पार्टी को हमेशा बुरा-भला कहा उसी बीजेपी के साथ सीट बंटवारे की बात कर के खुद को बर्बाद कर लिया। बीजेपी को इस बात की जांच करानी चाहिए कि सन् 1984 में इस्तीफा देकर अमरिंदर सिंह कहां थे और पाकिस्तान के साथ उनके क्या रिश्ते है। कैप्टन पर जरूर को दबाव होगा क्योंकि उनके और उनके बच्चों के खिलाफ कई केस दर्ज किए गए है। कैप्टन के फैसले से कांग्रेस को कोई डर नहीं है।

हरीश रावत ने बीजेपी को लेकर भी हमलावर रुख दिखाते हुए कहा की अगर वह जानबूझकर गलती करना चाहते है और बीजेपी में जाना चाहते है तो जाएंगे। अगर वह धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपनी दृढ़ता पर टिके नहीं रह सकते तो उन्हें कौन रोक सकता है? जिस बीजेपी ने 10 महीने से किसानों को सीमाओं पर रखा है उसे कौन माफ कर सकता है? जिस तरह से किसान आंदोलन के प्रति रवैया रहा, क्या पंजाब बीजेपी को माफ कर सकता है? कैप्टन का बयान हैरान करने वाला है। ऐसा लगता है जैसे उन्होंने अपने अंदर के सेक्युलर अमरिंदर को मार दिया।

पंजाब कांग्रेस में लंबे उठापटक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया गया था। इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह अपनी अलग राह अपने कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद तय करेंगे। इस दौरान उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर हमला बोला था. माना जा रहा है कि अमरिंदर के इस फैसले के बाद पंजाब विधानसभा चुनाव दिलचस्प हो सकता है। ये पहली बार नहीं जब कैप्टन ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है,कैप्टन साल 1980 में लोकसभा का चुनाव तो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से जीते थे लेकिन साल 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और अकाली दल में चले गए थे। इसके बाद वे 1998 में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

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