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बिजनेस

आपके पर्सनल लोन पर कौन सा ब्याज दर लगता है? फ्लैट या रिड्यूसिंग? किसमें हैं फायदा?

नई दिल्ली : जब हमें पैसों की जरूरत होती है तो हम जल्दबाजी में पर्सनल लोन ले लेते हैं लेकिन हम कम ही पूछते हैं कि इस पर किस तरह का ब्याज लगता है। बता दें, लोन पर हमें बैंक की तरफ से तीन तरह के ब्याज लगते हैं: फ्लैट रेट, रिड्यूसिंग रेट और फ्लोटिंग।

फ्लैट ब्याज दर आपके लोन की पूरी अवधि के दौरान समान रहती है और इसकी गणना कुल लोन राशि पर की जाती है। जबकि लोन अवधि के दौरान घटती दर में ब्याज धीरे-धीरे कम होता जाता है। रिड्यूसिंग रेट बकाया मुद्द्ल पर लागू होती है। यदि आपकी ब्याज दर फ्लोटिंग है, तो यह रेपो दर जैसे बेंचमार्क रेट में परिवर्तन के आधार पर बढ़ या घट सकती है। जाहिर है, ब्याज दर घटने से उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।

जिन लोगों को बैंकों से कर्ज नहीं मिलता है वे एनबीएफसी यानी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पास जाते हैं। कारण सीधा है, एनबीएफसी से कम समय में, आसानी से और कम योग्यता के बावजूद लोन प्राप्त करना आसान होता है। एनबीएफसी उधार देने में उदार हैं, जबकि बैंकों की लोन अप्रूवल प्रक्रिया सख्त होती है। इसी कारण से, NBFC की ब्याज दरें बैंकों की तुलना में अधिक हो सकती हैं।

उपभोक्ताओं को पहले उस बैंक में जाना चाहिए जहां लोन लेने के लिए उनका पहले से ही खाता है। उस बैंक के पास पहले से ही आपका क्रेडिट हिस्ट्री उपलब्ध होगी। तो वहां से आपको कम ब्याज दर पर कम समय में लोन मिल सकता है। कुछ बैंक अपने ग्राहकों को प्री-अप्रूव्ड लोन भी देते हैं।

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