x
भारतराजनीति

50 दिनों बाद जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल,सिर्फ इतने दिन कर पाएंगे चुनाव प्रचार


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। दो जून को उन्हें सरेंडर करना होगा। तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर पाएंगे। सीएम केजरीवाल सिर्फ 21 दिन तक ही चुनाव प्रचार सकते हैं क्योकि दो जून को उन्हें सरेंडर करना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा

मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। उन्हें मार्च में गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। ⁠अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 5 जून तक अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए, जिसे अदालत ने इनकार कर दिया। एसजी तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत देते समय अदालत से सख्त शर्तें लगाने का आग्रह किया। एसजी ने कहा, कड़ी शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। उन्हें मामले के बारे में बात नहीं करनी चाहिए।

केजरीवाल के वकील ने 5 जून तक मांगी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही दिल्ली सीएम को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत पर छोड़ने का आदेश पारित किया, केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 1 जून की मियाद बढ़ाकर 5 जून करने की अपील की। सिंघवी ने कहा कि अंतरिम जमानत 5 जून तक दिया जाना चाहिए क्योंकि चुनाव के बाद वोटों की गिनती 4 जून को है और उस दिन रिजल्ट आना है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रचार वोटिंग से 48 घंटे पहले ही खत्म हो जाता है, इसलिए केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा।

आप के बड़े नेता केजरीवाल को रिसीव करने जाएंगे

बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रिसीव करने जेल जाएंगे। सीएम को बेल मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं। पार्टी इसे सत्य की जीत बता रही है।

ईडी ने अमृत पाल सिंह का हवाला देकर किया विरोध

ईडी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि चुनाव में कैंपेन करना मौलिक अधिकार नहीं है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) में आरोपी अमृत पाल सिंह ने चुनाव लड़ने के आधार पर जमानत के लिए अप्रोच किया है। सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अगर अंतरिम जमानत दी गई तो इसका व्यापक प्रभाव होगा।

केजरीवाल ने पत्नी से की मुलाकात

आज अरविंद केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और केजरीवाल के करीबी बिभव ने मुलाकात की। दोपहर दो बजे मुलाकात का समय पहले से फिक्स था। जिस वक्त केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली उस वक्त वो पत्नी सुनीता केजरीवाल और बिभव से मुलाकात में व्यस्त थे।

ईडी की दलील का सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने किया खंडन

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि अमृत पाल सिंह का केस अलग है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पहले से भी कोई नजीर नहीं है कि चुनाव लड़ने वाले किसी कैंडिडेट को प्रचार के लिए जमानत दी गई हो। जवाब में जस्टिस खन्ना ने कहा कि इस तरह की सीधी व्यवस्था तय नहीं है। हम अंतरिम जमानत का आदेश पारित करते हैं और केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत देते हैं। हम आदेश की कॉपी शाम में अपलोड करेंगे। इस दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि इस केस के संबंध में केजरीवाल जमानत के दौरान कुछ बयान जारी ना करें, यह शर्त होनी चाहिए। तब जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप नेता संजय सिंह की तरह इसमें भी शर्तें लागू रहेंगी।

ED ने क्या दी दलीलें?

केजरीवाल की रिहाई का विरोध करते हुए ED का कहना था कि चुनाव प्रचार जमानत का आधार नहीं हो सकता. क्योंकि ये कोई मौलिक या कानूनी अधिकार नहीं हो सकता है. ED ने ये भी कहा था कि जमानत देने से गलत मिसाल कायम होगी.

21 मार्च को ईडी ने किया था अरेस्ट

बता दें कि केजरीवाल को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। अंतरिम जमानत का ईडी ने हलफनामा दाखिल कर कड़ा विरोध किया था। केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया।

केजरीवाल की जमानत पर पोस्टर वॉर शुरू

इस बीच अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच पोस्टर वॉर शुरू हो गया है. AAP ने केजरीवाल का एक कोलाज शेयर करते हुए कैप्शन लिखा- “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.”

BJP ने बताया- शराब घोटाले का सरगना

केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद दिल्ली BJP के X हैंडल से भी एक फोटो शेयर किया गया. इसमें अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले का सरगना बताया गया है.BJP ने X पर लिखा- “आज जिस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी और उसके नेता सत्यमेव जयते कह रहे हैं, शायद उस फैसले को पूरा नहीं पढ़ा? उस फैसले में यह स्पष्ट है कि केजरीवाल को सिर्फ 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली है. उसमें स्पष्ट है कि केजरीवाल को लौट कर तिहाड़ ही जाना है.”BJP ने लिखा, “शराब घोटाले के सरगना केजरीवाल के ऊपर से न ही तो भ्रष्टाचार के दाग धुले हैं और न ही उन्हें आरोपों से मुक्ति मिली है. भ्रष्ट केजरीवाल शराब घोटाले के सरगना थे. इस बात का सबूत भी कोर्ट के पास है. वरना एक हार्डकोर क्रिमिनल की तरह केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करने के लिए नहीं बोला गया होता. न ही इतनी शर्तें लगाई होती.”

सुप्रीम कोर्ट ने किन 4 शर्तों पर दी अंतरिम जमानत?

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए 4 शर्तें रखी हैं.
1- अंतरिम जमानत के दौरान वो मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे.
2- जब तक कि लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) की मंजूरी के लिए कोई फाइल जरूरी न हो, तब तक केजरीवाल किसी सरकारी फाइल पर साइन नहीं करेंगे.
-केजरीवाल मौजूदा शराब नीति केस पर किसी भी तरह का बयान नहीं देंगे.
-वह मौजूदा केस से जुड़े किसी गवाह से नहीं मिलेंगे और न इससे जुड़े फाइल देखेंगे.

अदालत ने केजरीवाल को 50,000 रुपये का बेल बॉन्ड भरने को कहा है. रिहाई के लिए 50 हजार निजी मुचलका भी देना होगा. हालांकि, केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने की थी अहम टिप्पणी


➤ फर्ज करें कि अगर हम आपको रिलीज करते हैं और आप चुनाव में भाग लेते हैं, आधिकारिक ड्यूटी करते हैं तो इसका व्यापक प्रभाव होगा। हम साफ करना चाहते हैं कि हम अगर आपको रिलीज करते हैं तो हम चाहेंगे कि आप ऑफिशियल ड्यूटी ना करें।

➤ अरविंद केजरीवाल दिल्ली के चुने हुए सीएम हैं और वह आदतन अपराधी नहीं हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आदतन अपराधी की तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता है।

➤ बेंच ने कहा था कि वह कोई अलग लीगल स्टैंडर्ड तय नहीं करने जा रही है कि पॉलिटिकल लीडर के लिए अलग क्लास होगा। यह मामला वह व्यापक परिप्रेक्ष्य में देख रहे हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव पांच साल में एक बार होता है।

Back to top button