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ऑनलाइन खरीदारी पर मिलेगा असली माल,फेक रिव्यू पर 25 से सख्ती


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नई दिल्ली – ई-कॉमर्स वेबसाइट्स अब ज्यादा बिक्री के लिए किसी उत्पाद या सेवा के लिए पैसा देकर रिव्यू (समीक्षा) लिखवाएंगी, तो बताना होगा कि ये ‘पेड रिव्यू’ हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इसके लिए 25 नवंबर से नया फ्रेमवर्क लागू करने जा रहा है। नए दिशा-निर्देशों के तहत, जो वेबसाइट समीक्षा में गड़बड़ियां जारी रखेंगी, उन्हें अनुचित कारोबारी तौर-तरीकों में शामिल माना जाएगा। उन पर उपभोक्ता आयोग दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है। वहीं, उन रिव्यू को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है जो थर्ड पार्टी की ओर से लिखवाए या खरीदे गए हों।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने कहा कि इसके बावजूद ई-कॉमर्स मंच पर उत्पादों और सेवाओं की फर्जी समीक्षाएं अब भी सामने आ रही हैं।उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ऑनलाइन समीक्षाओं पर स्वैच्छिक मानक को अधिसूचित हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। कुछ संस्थाएं दावा करती हैं कि वे इसका अनुपालन कर रही हैं। हालांकि, फर्जी समीक्षाएं अब भी प्रकाशित हो रही हैं।’’ खरे ने कहा, ‘‘उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए, अब हम इन मानकों को अनिवार्य बनाना चाहते हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने कहा कि इसके बावजूद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उत्पादों और सेवाओं की फर्जी समीक्षाएं अब भी सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘ऑनलाइन समीक्षाओं पर स्वैच्छिक मानक को अधिसूचित हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। कुछ संस्थाएं दावा करती हैं कि वे इसका अनुपालन कर रही हैं। हालांकि, फर्जी समीक्षाएं अब भी प्रकाशित हो रही हैं।’ खरे ने कहा कि उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए, अब हम इन मानकों को अनिवार्य बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने प्रस्तावित कदम पर चर्चा के लिए 15 मई को ई-कॉमर्स कंपनियों और उपभोक्ता संगठनों के साथ एक बैठक निर्धारित की है।

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