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डिप्रेशन को लेकर बोलीं एक्ट्रेस शमा सिकंदर,आत्महत्या की थी कोशिश


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मुंबई – अभिनेत्री शमा सिकंदर टीवी की जानी मानी एक्ट्रेस है, जो हमेशा ही अपनी एक्टिंग के लिए जानी जाती है। अभिनेत्री को टीवी शो ‘ये मेरी लाइफ है‘ से खास पहचान मिली थी।शमा सिकंदर, जो एक प्रसिद्ध टेलीविजन अभिनेत्री हैं, हमेशा अवसाद और द्विध्रुवी विकार के साथ अपनी लड़ाई के बारे में मुखर रही हैं।इतना ही नहीं बल्कि शमा फिल्मों और कई म्यूजिक वीडियोज में भी नजर आ चुकी हैं। वहीं, एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर भी खूब एक्टिव रहती है। अब उन्होंने अपना LIFE LESSON शेयर किया है।दरअसल एक्ट्रेस ने इसी वजह से आत्महत्या की कोशिश भी की थी. हालांकि, पांच साल के लंबे संघर्ष के बाद शमा इस बुरे दौर से बाहर आईं।

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जिंदगी के सबक याद करते हुए शमा सिकंदर ने बताया कि- ‘एक वक्त ऐसा भी था जब मैं हर दिन सोचती थी कि मुझे मर जाना चाहिए। पूरे 5 साल तक मैं डिप्रेशन में थी, लेकिन जब आप डटे रहते हो तो वह वक्त जरूर आता है, जब रोशनी की किरण अपने आप आपकी तरफ चली आती है।’अपने ठीक होने के बारे में बात करते हुए, शमा सिकंदर ने कहा, “अगर मैं 5 साल के संघर्ष के बाद ठीक हो सकती हूं, तो आप बिल्कुल ठीक हो सकते हैं। कोई भी ठीक कर सकता है। आपको अपने राक्षसों को लेना होगा। आप बाहर नहीं देख सकते। आपको देना होगा अपना समय और ऊर्जा। लोगों को जाकर दवाएँ लेनी चाहिए। आपके मस्तिष्क के रसायनों में उतार-चढ़ाव होता है और यह आपको बेकार महसूस करा सकता है। परिस्थितियाँ आपको ऐसा महसूस कराती हैं। हार मान लेना ठीक है लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि जब आप झुकते हैं, तो आपके पास वह क्षमता होती है उठो। तुम ठीक कर सकते हो। अंधकार के बाद प्रकाश है।”

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‘किसी की जिंदगी के लिए ये सबसे बुरा वक्त होता है। जब सुबह जगना, दिन का हर पल, हर मिनट किसी माहामारी जैसा लगता है। आपको नहीं पता होता कि आपके साथ क्या होने वाला है। उस वक्त आपकी इच्छाएं मर जाती हैं। सबसे खराब बात ये होती है कि आपकी उम्मीदें भी मर जाती हैं। एक शख्स के अंदर जिंदा रहने की इच्छा ही मर जाती है, क्योंकि आपको लगता है कि अब आपके जीने का कोई मकसद या कारण नहीं है।’हम सबके पास वो ताकत होती है, लेकिन कोई हार मान लेता है और कोई उससे जीतकर खड़ा हो जाता है। मैं पांच साल के लिए मर चुकी थी। हर दिन मैं सोचती थी कि मैं मरने वाली हूं या मुझे मर जाना चाहिए, मेरे पास करने के लिए आगे कुछ नहीं था। इसलिए मैं लोगों से कहना चाहती हूं कि जब आप असहाय महसूस करते हैं उसके बाद ही आपको रोशनी नजर आती है। आपको बस वहां डटे रहना होता है।’सौभाग्य से शमा इससे सफलतापूर्वक बाहर आ गईं!

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