x
राजनीति

दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक क्यों बने डिप्टी सीएम, केशव प्रसाद को क्यों बरकरार रखा गया?


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

उत्तर प्रदेश: भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार शपथ ली। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट 2.0 के 50 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इस दौरान उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल से 24 मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को जगह दी गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शुक्रवार को 52 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। योगी मंत्रिमंडल में इस बार कई चौंकाने वाले नाम शामिल हुए तो कई दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।

योगी मंत्रिमंडल से आउट होने वालों में सबसे बड़ा नाम डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा का है। दिनेश शर्मा की जगह इस बार ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया है। पाठक पिछली सरकार में कानून मंत्री थे। वहीं, सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य का पद बरकरार है। चुनाव हारने के बाद सबसे ज्यादा अटकलें केशव प्रसाद मौर्य को लेकर लगाई जा रहीं थीं। भाजपा ने केशव प्रसाद पर भरोसा क्यों जताया? दिनेश शर्मा के जगह ब्रजेश पाठक को क्यों चुना गया?

ब्राह्मण चेहरे के रूप में नहीं उभर पाए : डॉ. दिनेश शर्मा को 2017 में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर डिप्टी सीएम बनाया गया था। सोशल इंजीनियरिंग को साधने के लिए भाजपा ने दो डिप्टी सीएम बनाए। इनमें एक पिछड़ा वर्ग से और दूसरा ब्राह्मण वर्ग था। इस बार भी ऐसा ही है। बस ब्राह्मण चेहरा बदल गया है।

राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय सिंह कहते हैं, ‘भाजपा ने जिस उम्मीद के साथ दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया था, वे उस पर खरे नहीं उतरे सके। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ब्राह्मण विरोधी होने के आरोप लग रहे थे, तब दिनेश शर्मा आक्रमता के साथ उसका जवाब नहीं दे पा रहे थे। उनकी जगह ब्रजेश पाठक ने कमान संभाली और योगी पर लग रहे हर तरह के आरोपों का खुलकर जवाब दिया। मंत्रिमंडल में इसका असर देखने को मिल रहा है। पाठक के प्रमोशन की बड़ी वजह यही है।’

पिछली बार स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री रहे वाराणसी के नीलकंठ तिवारी भी मंत्रियों की सूची से गायब हैं। नीलकंठ के पास धर्मार्थ कार्य और पर्यटन जैसे विभाग थे। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को उन्हीं की देखरेख में बनाया गया था। विश्वनाथ मंदिर का गलियारा दक्षिणी वाराणसी शहर में आता है जहां से नीलकंठ तिवारी विधायक हैं।

दिनेश शर्मा, जो पहले उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री थे, को भी योगी कैबिनेट से हटा दिया गया है। उनकी जगह ब्रजेश पाठक ने केशव प्रसाद मौर्य के साथ डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। वहीं मथुरा से बीजेपी विधायक और पहले कार्यकाल में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को भी योगी कैबिनेट में जगह नहीं मिली। शर्मा ने हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस के प्रदीप माथुर को 1,09,803 मतों के बड़े अंतर से हराया था।

इसके अलावा, सतीश महाना, जो पहले उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास मंत्री थे, को भी राज्य में नए मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में अपने सहयोगियों के साथ उत्तर प्रदेश में 255 सीटें जीती थीं।

Back to top button