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राजनीति

BJP Candidate List: वाराणसी से मोदी, गांधीनगर से लड़ेंगे शाह; जानें इस सीट का जातीय और सियासी समीकरण


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मुंबई – तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव के सफल फॉर्मूला को अपनाते हुए भाजपा ने लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही एक तिहाई से अधिक उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। 195 उम्मीदवारों वाली पहली सूची में पहला नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का है, जो अपने पुराने क्षेत्र वाराणसी से तीसरी बार मैदान में होंगे। उनके साथ ही राजनाथ सिंह लखनऊ और अमित शाह गांधीनगर से फिर मैदान में होंगे।

वाराणसी से लड़ेंगे मोदी

उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट यूपी की सबसे वीवीआईपी सीट रही है. इस सीट से पिछले दो बार से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद रहे हैं. पीएम मोदी तीसरी बार भी वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी इस सीट पर एक बार से पीएम मोदी की बड़ी जीत की तैयारी में जुटी हुई है. वहीं विपक्षी दल सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के हिस्से में आई है. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को मैदान में उतारा जा सकता है.वाराणसी लोकसभा सीट हमेशा से ही सुर्खियों में रही है. इस सीट पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है. पीएम मोदी से पहले 2009 में बीजेपी से मुरली मनोहर जोशी सांसद बने थे. जिसके बाद 2014 में पीएम मोदी को इस सीट से प्रत्याशी बनाया गया. पीएम मोदी जब गुजरात से वाराणसी आए तो उन्होंने कहा था कि ‘मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है.’

शिवराज और ओम बिरला पर भाजपा को भरोसा

जबकि फिलहाल राज्यसभा आए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को राजस्थान के अलवर, मनसुख मांडविया को गुजरात के पोरबंदर और राजीव चंद्रशेखर को केरल के तिरूअनंतपुरम से टिकट दिया गया है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव देब को भी टिकट मिला है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कोटा से फिर से टिकट मिल गया है। सामान्यतया भाजपा अपने उम्मीदवारों की सूची मे बड़ी संख्या में चेहरे का बदलाव करती है। लेकिन इस बार अब तक जारी सूची में बदलाव केवल उन राज्यों में दिख रही है जहां विपक्षी गठबंधन का नया समीकरण उभरा है या फिर उम्मीदवार के खिलाफ भारी सत्ताविरोधी लहर है।

वाराणसी सीट का समीकरण

वाराणसी सीट का सियासी समीकरण भी बेहद दिलचस्प है. इस सीट पर अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. और जिनमें से सात बार यहां कांग्रेस को जीत मिली और सात बार ही बीजेपी जीती है. ये सीट कुर्मी जाति बहुल है. जो किसी भी दल की जीत में अहम भूमिका निभाता रहा है. इसके साथ ही ब्राह्मण, भूमिहार, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की निर्णायक भूमिका में रहते हैं.

दिल्ली में चार नए उम्मीदवारों की घोषणा

दिल्ली इसका बड़ा उदाहरण है जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ है। पार्टी ने अब तक जारी पांच उम्मीदवारों की सूची में से चार नए नाम दिए हैं। नई दिल्ली से मंत्री मीनाक्षी लेखी का टिकट काटकर यहां नई कार्यकर्ता और सुषमा स्वराज की पुत्री बांसुरी स्वराज को उम्मीदवार बनाया है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कुछ नामों के बदलाव का बड़ा कारण यह भी है कि वहां कई सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया था।

किस पार्टी को कितने वोट मिले

वाराणसी सीट से बीजेपी के कई दिग्गज सांसद रह चुके हैं. लेकिन पीएम मोदी के एंट्री के बाद से यहां का चुनाव काफी दिलचस्प रहा है. साल 2014 में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, और दूसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस के अजय राय तीसरे और बसपा चौथे नंबर पर रही. पीएम मोदी को इस चुनाव में 32.89 फ़ीसदी वोट मिले. जबकि केजरीवाल को सिर्फ 11.85 फ़ीसद वोट मिले.

राज्यवार सीटों पर उम्मीदवारों का एलान

दो दिन पहले हुई केंद्रीय चुनाव समिति में तय किये गए उम्मीदवारों की जानकारी देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि पहली सूची में 16 राज्यों के लोकसभा सीटें शामिल हैं।

भाजपा ने मनोज तिवारी पर जताया भरोसा

दिल्ली में मनोज तिवारी के छोड़कर अन्य चार चेहरे नए हैं। विनोद तावड़े के अनुसार उम्मीदवारों के चयन में सभी वर्गों, समाज और जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। इनमें 34 महिलाएं, 27 अनुसूचित जाति, 18 अनुसूचित जनजाति और 57 ओबीसी से आते हैं। वहीं युवा शक्ति को अहमियत देते हुए 50 साल से कम उम्र के 47 युवाओं को भी मैदान में उतारा गया है। केरल में कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी और अभिनेता सुरेश गोपी के साथ तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर के खिलाफ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को उतार कर भाजपा ने केरल को तिलिस्म तोड़ने की भी रणनीति बनाई है। वहीं पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुई कांग्रेस की सांसद गीता कोडा को सिंहभूम से टिकट दिया गया है।

400 पार के लक्ष्य को रखा ध्यान में

इसी तरह से बसपा को छोड़कर भाजपा में आने वाले रितेश पांडेय को भी अंबेडकरनगर से उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा की पहली सूची में 34 केंद्रीय मंत्रियों को भी स्थान मिला है। विनोद तावड़े के अनुसार उम्मीदवारों का चयन भाजपा को 370 और राजग को 400 से अधिक सीटों के लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया गया है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर सर्वे कराने के बाद प्रदेश की चुनाव समितियों में उम्मीदीवारों के नामों पर चर्चा हुई। प्रदेश चुनाव समितियों की रिपोर्ट के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के चयन पर मुहर लगाई गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले इतने वोट

2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने मिलकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा. इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले से भी कहीं ज़्यादा 6,74,664 वोट मिले और वोट फीसद 63.6% रहा. सपा की शालिनी यादव दूसरे नंबर पर रही उन्हें कुल 1,95,159 वोट मिले और वोट 18.4% रहा. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय रहे, उन्हें 14.38% वोट के साथ कुल 1,52,548 मत मिले.

फिर से सरकार बनाने के विश्वास का दिया संदेश

प्रधानमंत्री कई बार विश्वास जता चुके हैं कि तीसरी बार फिर से केंद्र में मोदी सरकार बनने जा रही है। इसका भरोसा देश ही नहीं, विदेश में भी है। रविवार को भावी सरकार के एजेंडे पर चर्चा कर उन्होंने जहां इस संदेश को दोहराया, वहीं यह संकेत भी दिया कि मोदी सरकार के लिए पहले 100 दिन हनीमून पीरियड नहीं होता, बल्कि ठोस कार्य करने का समय होता है।

मंत्रियों को गैरजरूरी बयानबाजी व डीफ फेक से बचने की सलाह

सोमवार से मोदी अगले कुछ दिन लगातार राज्यों के दौरे पर रहेंगे, जहां विकास परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाएंगे और चुनावी रैलियां भी करेंगे। उम्मीदवारों की घोषणा शुरू हो चुकी है और राजनीतिक गरमाने लगी है। ऐसे में उन्होंने अपने मंत्रियों को निर्देश दिया कि गैरजरूरी बयानबाजी व डीप फेक से बचें।

कई केंद्रीय मंत्रियों को फिर मिला टिकट

सूची के मुताबिक केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर केरल के तिरुवनंतपुरम से, सर्बानंद सोनोवाल असम की डिब्रूगढ़ सीट से, केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू अरुणाचल पूर्व से, भूपेंद्र यादव राजस्थान के अलवर से, ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के गुना से, संजीव बालियान मुजफ्फरनगर और स्मृति ईरानी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से उम्मीवार होंगे जबकि भोपाल से मौजूदा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का टिकट काटकर पार्टी ने आलोक शर्मा को वहां से उम्मीदवार बनाया है.

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देव पर भी बीजेपी ने जताया भरोसा

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देव त्रिपुरा पश्चिम से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ने नयी दिल्ली से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को, दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी की जगह रामवीर सिंह बिधूडी, चांदनी चौक से पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की जगह प्रवीण खंडेलवाल, पश्चिमी दिल्ली से प्रवेश वर्मा की जगह कमलजीत सेहरावत को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी एक बार उत्तर पूर्व दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.

कई दिनों से बीजेपी की चल रही थी बैठक

पिछले दिनों भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर मैराथन मंथन किया गया था. प्रधानमंत्री मोदी भी इस बैठक में शरीक हुए थे. इससे पहले, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, शाह, संगठन महासचिव बी एल संतोष ने विभिन्न राज्यों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें कर उम्मीदवारों के नामों पर विमर्श किया था. अभी तक लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा नहीं हुई है लेकिन पार्टी ने इससे पहले ही उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. पिछले चरण के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा ने यही रणनीति अपनाई थी और बहुत हद तक यह कारगर भी रही.

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