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भारत

ट्रांसपोटर्स इंडस्ट्री को मिला राहत

नई दिल्ली, पीटीआई:पहियों बनाने वाली कंपनियों और ट्रांसपोटर्स के लिए खुशखबरी आयी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दोपहिया वाहनों की ढुलाई का काम करने वाले ‘रिजिड या कठोर’ वाहनों और ट्रेलर में अधिक से अधिक तीन डेक तक की मंजूरी दे चुकें हैं। लेकिन, इसके लिए कुछ गाइडलाइन भी दिए गए हैं, जिस से वाहनों के चलते समय रोड़ पर कोई दुर्घटना न हो, जानते हैं इससे क्या फायदा हैं।सरकार के इस नए नियम से ट्रांसपोटर्स को पहले की तुलना में काफी फायदा मिलने वाला है। अब ट्रांसपोटर्स वही, अधिक दोपहिया की ढुलाई कर सकते हैं। रविवार को बयान में कहा गया है कि इससे ढुलाई क्षमता में 40 से 50 % की फायदा होगा, और ट्रेलर का वाहन चालक के केबिन के ऊपर नहीं होना चाहिए।
अलग से जारी अधिसूचना में ये कहा कि कैश वैन, भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत (बीआईएस) नियम अधिसूचित होने तक वाहन उद्योग मानक-163:2020 की न्यूनतम अनिवार्यताओं को पूरा करेंगे। इससे कैश वैन के विशेष उद्देश्यीय वाहन के रूप में विनिर्माण, टायर मंजूरी परीक्षण और पंजीकरण में मदद मिलेगी मोटर व्हीकल एक्ट (act) में किए गए इस संसोधन से ट्रांसपोटर्स की मानो काफी मात्रा में फायदा होने वाला है! जेसे, पहले अगर कोई ट्रक या ट्रेलर 3 डेक तक वाहन लादता था तो वह ओवरलोडिंग में आता था, इस वजह से माल ढोने वाली गाड़ियों में कम कैप्सिटी से साथ लोडिंग की जाती थी।

 

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